प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता करेंगे, जो एक साल से अधिक समय में कैबिनेट की पहली प्रत्यक्ष बैठक होगी और इसमें मंत्रिमंडल के सदस्य व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहेंगे।बुधवार को पूर्वाह्न 11 बजे केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक होगी। सूत्रों ने बताया कि इससे पहले मंत्रिमंडल की प्रत्यक्ष (फिजिकल) बैठक पिछले साल अप्रैल के पहले सप्ताह में हुई थी, जब देश में कोरोना वायरस महामारी फैली थी। हालांकि, लॉकडाउन के दौरान भी केंद्रीय मंत्रिमंडल की लगभग हर हफ्ते वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से नियमित रूप से बैठक होती थी।
प्रधानमंत्री शाम चार बजे वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये मंत्रिपरिषद की बैठक की भी अध्यक्षता करेंगे। मंत्रिपरिषद के 7 जुलाई को विस्तार के बाद एक सप्ताह में यह इसकी दूसरी बैठक होगी। नयी मंत्रिपरिषद की बैठक 8 जुलाई को हुई थी। सूत्रों ने कहा कि संसद का आगामी मॉनसून सत्र मंत्रिपरिषद की बार-बार बैठक बुलाने का एक कारण हो सकता है। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कुछ मंत्रालयों के कामकाज की समीक्षा किए जाने की संभावना है। बता दें कि मंगलवार को प्रधानमंत्री के आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक हुई। इसके अलावा आज सुबह 11 बजे संसद के मानसून सत्र के संचालन संबंधित मुद्दे पर भी कैबिनेट की बैठक हो सकती है। इसके बाद आज शाम प्रधानमंत्री केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक करेंगे। आमतौर पर मंत्रिपरिषद की बैठक हर दो-तीन माह के अंतराल पर अहम मुद्दों पर चर्चा के लिए आयोजित की जाती है लेकिन इस बार यह जल्दी हो रही है।
19 जुलाई से शुरू हो रहा है संसद का मानसून सत्र
राजनीतिक प्रेक्षकों और भाजपा के आंतरिक सूत्र आज की इस मंत्रिपरिषद की बैठक को अहम मान रहे हैं। इस बैठक में सड़क एवं परिवहन मंत्रालय और नागरिक उड्डयन एवं दूरसंचार मंत्रालयों के कामकाज की समीक्षा हो सकती है। यह बैठक कैबिनेट और राज्य स्तर के मंत्रियों की विभिन्न समूहों में उनके संबंधित मंत्रालयों के प्रदर्शन की समीक्षा के लिए हुई बैठकों के एक सप्ताह बाद होने जा रही है।
माना जा रहा है कि 19 जुलाई से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र से पहले मंत्रिमंडल विस्तार कर लिया जाएगा। मानसून सत्र से पहले मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा खूब हो रही है। मोदी सरकार में फिलहाल 60 मंत्री हैं और इनकी संख्या 79 तक जा सकती है। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी की मंत्रियों और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकातों और चर्चा की इस कवायद के बीच कैबिनेट विस्तार की हलचल तेज हो गई है।