5 जुलाई को पार्टी का स्थापना दिवस मनाने के बाद राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद ने अपने दूतों को विभिन्न नेताओं से मिलने के लिए भेजा है। वरिष्ठ नेता अब्दुलबारी सिद्दीकी ने सारण के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह से मुलाकात की है और वरिष्ठ नेता श्याम रजक ने चिराग पासवान से मुलाकात की है। ये दोनों मुलाकातें इधर दो-तीनों दिन के अंदर ही हुई है।
कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में देख लिया कि बिहार में दलित वोट बैंक किस तरह से बंट गया। यह वोट बैंक 16 फीसदी है। चुनाव से ठीक पहले श्याम रजक ने JDU छोड़ RJD की लालटेन थाम ली। हालांकि, उन्हें RJD में भी चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं दिया गया। JDU ने जीतन राम मांझी को नजदीक लाकर श्याम रजक की परवाह नहीं की थी।
दलित वोट बैंक को मजबूती देने के लिए कांग्रेस ने बिहार का प्रभारी भक्त चरण दास को बनाया लेकिन इससे बहुत ज्यादा फायदा नहीं हुआ। भक्त चरण दास को बिहार में बहुत लोग जानते भी नहीं हैं। चिराग पासवान, रामविलास पासवान के पुत्र हैं, इसलिए वे बड़ा दलित चेहरा हैं। इसलिए कांग्रेस और RJD दोनों की नजर चिराग पासवान पर है।
दूसरी तरफ सारण की राजनीति में अब्दुल बारी सिद्दीकी के प्रभुनाथ सिंह से मिलने का कोई बड़ा असर होता नहीं दिखता। कार्यकर्ता कहते हैं कि मंजीत सिंह को तेजस्वी यादव से मिलाने के बावजूद RJD में शामिल ही नहीं करा पाए तो बाकी क्या करेंगे प्रभुनाथ? अब्दुल बारी सिद्दीकी ने शहाबुद्दीन के परिवार से भी मुलाकात की है और शहाबुद्दीन की बेटी के छेका में मोतिहारी भी गए थे। RJD की नजर दलित वोट बैंक के साथ ही मुस्लिम वोट बैंक को बनाए रखने पर भी है।
तिनका-तिनका मिलकर ही झाडू् बनता है- रजक
श्याम रजक ने भास्कर को बताया कि चिराग पासवान से उनकी शिष्टाचार मुलाकात थी। कोई राजनीतिक बात नहीं हुई है। क्या चिराग पासवान के साथ आने से महागठबंधन को मजबूती मिलेगी? इस सवाल के जवाब में श्याम रजक ने कहा कि तिनका-तिनका मिलकर ही झाड़ू है। महागठबंधन की सभी पार्टियां चाहती हैं कि महागठबंधन और अधिक मजबूत हो।
सिद्दीकी ने प्रभुनाथ सिंह से सारण के मशरख में मुलाकात की और श्याम रजक ने चिराग पासवान से उनके सरकारी आवास 12 जनपथ, दिल्ली में मुलाकात की। इससे पहले श्याम रजक ने मीसा भारती के आवास पर लालू प्रसाद से मिलकर आगे की रणनीति पर मंत्रणा की। दिल्ली के बिट्ठल भाई पटेल मार्ग स्थित कार्यालय को RJD ने हाईटेक कर दिया है। श्याम रजक को जवाबदेही दी गई है कि पार्टी को विभिन्न प्रदेश में मजबूत करना है। वे तीन-चार दिनों से दिल्ली में ही हैं।
चिराग से पहले बड़े दलित नेताओं से मिले श्याम
लालू प्रसाद के निर्देश के बाद श्याम रजक, दलित नेताओं को एकजुट करने में लग गए हैं। इसी रणनीति के तहत वे दिल्ली में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी भक्त चरण दास से मिले और लोकसभा की पूर्व स्पीकर मीरा कुमार से भी मुलाकात की। चिराग पासवान को महागठबंधन के साथ लाने की रणनीति के तहत यह सब किया गया।
जानकारी है कि श्याम रजक ने कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास और वरिष्ठ नेता मीरा कुमार का संदेश चिराग पासवान तक पहुंचाया। कहा कि भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड के खिलाफ सभी को एकजुट होकर रणनीति बनानी होगी।
चिराग के मन में BJP के खिलाफ गुस्सा
चिराग पासवान से तेजस्वी यादव को परहेज नहीं है। राघोपुर में लोजपा के उम्मीदवार राकेश रौशन को खड़ा कर चिराग ने भाजपा के सतीश कुमार का वोट काटा और इससे तेजस्वी यादव को फायदा हुआ। तेजस्वी ज्यादा मतों से भी जीत पाए।
तेजस्वी जानते हैं कि चिराग के विरोधी पशुपति पारस को केन्द्र में मंत्री बनाए जाने के बाद चिराग पासवान अकेले पड़ गए हैं। RJD इसका इंतजार कर रही थी कि BJP चिराग पासवान के साथ कैसा व्यवहार करती है। जब यह तस्वीर साफ हो गई है और चिराग के मन में BJP के खिलाफ गुस्सा आ गया तब श्याम रजक को महागठबंधन का हिस्सा बनने का न्योता देने भेजा गया।