आज वर्ल्ड पॉपुलेशन डे यानी विश्व जनसंख्या दिवस है। यूपी में सीएम योगी की सरकार आज नई जनसंख्या नीति पेश करने जा रही है। सीएम योगी आज ‘उत्तर प्रदेश जनसंख्या नीति 2021-2030’ का विमोचन करेंगे। 2022 विधानसभा चुनाव से पहले जनसंख्या नीति को सीएम योगी का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है, लेकिन विपक्ष इसकी टाइमिंग और मंशा पर सवाल खड़े कर रहा है। फिलहाल, यूपी स्टेट लॉ कमीशन ने जनसंख्या नीति का ड्राफ्ट वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। अब इस ड्राफ्ट पर लोगों से 19 जुलाई तक सुझाव मांगे गए हैं। 19 जुलाई के बाद इस ड्राफ्ट को सरकार के पास भेज दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश में 2021-2030 के लिए नई जनसंख्या नीति की घोषणा होने जा रही है. विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश जनसंख्या नीति 2021-30 का विमोचन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कुछ देर में करेंगे. विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री आवास पर ये कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. योगी सरकार की इस नई नीति में जनसंख्या नियंत्रण में मदद करने वालों को प्रोत्साहन देने का प्रावधान है. सीएम योगी इस दौरान गर्भनिरोधक उपायों की सुलभता बढ़ाने के साथ साथ सुरक्षित गर्भपात के लिए एक उचित प्रणाली प्रदान करने के प्रयासों पर भी ध्यान केंद्रित करेंगे. साथ में जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े की गतिविधियों की विधिवत शुरुआत योगी आदित्यनाथ करेंगे.
केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नकवी का कांग्रेस पर हमला
– केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नकवी ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण देश और वक़्त की ज़रूरत है, अगर उत्तर प्रदेश इस दिशा में जागरूकता के लिए काम कर रहा है तो इसका स्वागत होना चाहिए. एक बार कांग्रेस पार्टी ने भद्दे ढंग से प्रयास किए थे जो फेल हुए लेकिन बेहतर तरीके से लोगों को जागरूक करना चाहिए.
उत्तर प्रदेश में नई जनसंख्या नीति जारी
– उत्तर प्रदेश में नई जनसंख्या नीति जारी कर दी गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई जनसंख्या नीति पेश की है. इस दौरान सीएम योगी ने कई योजनाओं की शुरुआत भी की है.
जनसंख्या नीति पर ओमप्रकाश राजभर ने उठाए सवाल
– जनसंख्या नीति को लेकर ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि UP सरकार जनसंख्या नीति के तहत वही काम करना चाहती है, जो काम इंदिरा गांधी ने किया था. जनसंख्या कानून लागू करने से पहले लोगों को शिक्षित करना चाहिए. राजभर ने कहा कि सरकार अभी बच्चा पैदा करने पर 6 हज़ार रुपये दे रही है और नसबंदी कराने पर 2 हज़ार दे रही है. आदमी कम पैसे की ओर जाएगा या ज्यादा पैसे की ओर.
जनसंख्या नीति पर सपा सांसद का विवादित बयान
– नई जनसंख्या नीति पर समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क का विवादित बयान सामने आया है. सपा सांसद ने कहा कि इस कानून से कोई लाभ नहीं है. यह कानून कुदरत से टकराने वाला होगा.
थोड़ी देर में पेश होगी नई नीति
– मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ थोड़ी ही देर में नई जनसंख्या नीति पेश करेंगे. फिलहाल कार्यक्रम शुरू हो गया है.
विश्व जनसंख्या दिवस पर योगी आदित्यनाथ का ट्वीट
– विश्व जनसंख्या दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट किया, ‘बढ़ती जनसंख्या समाज में व्याप्त असमानता समेत प्रमुख समस्याओं का मूल है. समुन्नत समाज की स्थापना के लिए जनसंख्या नियंत्रण प्राथमिक शर्त है. आइए इस विश्व जनसंख्या दिवस पर बढ़ती जनसंख्या से बढ़ती समस्याओं के प्रति स्वयं व समाज को जागरूक करने का प्रण लें.’
बैकग्राउंड
क्या है ये नई जनसंख्या नीति? जानिए
उत्तर प्रदेश में 2021-2030 के लिए प्रस्तावित नीति के तहत परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत जारी गर्भ निरोधक उपायों की सुलभता को बढ़ाया जाएगा और साथ में सुरक्षित गर्भपात की समुचित व्यवस्था देने की कोशिश होगी. वहीं उन्नत स्वास्थ्य सुविधाओं के माध्यम से नवजात जन्म दर, मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर को कम करने, नपुंसकता/बांझपन की समस्या के सुलभ समाधान उपलब्ध कराते हुए जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रयास भी किए जाएंगे. नवीन नीति में वर्ष 2026 तक जन्मदर को प्रति हजार आबादी पर 2.1 तक और 2030 तक 1.9 तक लाने का लक्ष्य रखा गया है. इसमें, एक अहम बिंदु 11 से 19 वर्ष के किशोरों के पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य के बेहतर प्रबंधन के अलावा, बुजुर्गों की देखभाल के लिए व्यापक व्यवस्था करना भी है.
नई नीति में आबादी स्थिरीकरण के लिए जागरूकता प्रयासों के क्रम में स्कूलों में हेल्थ क्लब बनाये जाने का अभिनव प्रस्ताव है. साथ ही डिजिटल हेल्थ मिशन की भावनाओं के अनुरूप नवजातों, किशोरों और वृद्धजनों की डिजिटल ट्रैकिंग की व्यवस्था की भी बात है. नई नीति तैयार करते हुए सभी समुदायों में जनसांख्यकीय संतुलन बनाये रखने, उन्नत स्वास्थ्य सुविधाओं की सहज उपलब्धता, समुचित पोषण के माध्यम से मातृ-शिशु मृत्यु दर को न्यूनतम स्तर तक लाने का प्रयास किए गए हैं.
राज्य विधि आयोग द्वारा जारी उत्तर प्रदेश जनसंख्या (नियंत्रण, स्थिरीकरण व कल्याण) विधेयक-2021 के जारी ड्राफ्ट में बच्चे दो ही अच्छे की बात प्रमुखता से आई है. प्रस्ताव के मुताबिक परिवार दो ही बच्चों तक सीमित करने वाले जो अभिभावक सरकारी नौकरी में हैं और स्वैच्छिक नसबंदी करवाते हैं तो उन्हें दो अतिरिक्त इंक्रीमेंट, प्रमोशन, सरकारी आवासीय योजनाओं में छूट, पीएफ में एंप्लायर कॉन्ट्रिब्यूशन बढ़ाने जैसी कई सुविधाएं दी जाएंगी। दो बच्चों वाले ऐसे दंपती जो सरकारी नौकरी में नहीं हैं, उन्हें भी पानी, बिजली, हाउस टैक्स, होम लोन में छूट व अन्य सुविधाएं देने का प्रस्ताव है. अगर कानून लागू हुआ तो एक साल के भीतर सभी सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों और स्थानीय निकायों में चयनित जनप्रतिनिधियों को शपथपत्र देना होगा कि वह इस नीति का उल्लंघन नहीं करेंगे. नियम टूटने पर निर्वाचन रद्द करने का प्रस्ताव है.
जनसंख्या नीति की टाइम लाइन पर सवाल
मगर इस नीति की टाइम लाइन को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. विपक्षी दल और सरकार विरोधी लोग इसे चुनावी स्टंट मान रहे हैं. यह नीति ऐसे वक्त पर लाई जा रही है, जब उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. यह मुद्दा चुनाव से पहले राज्य के मेन फोकस क्षेत्रों में से एक के तौर पर उभरकर आया है.