कोरोना टीकाकरण प्रमाणपत्र के बाद अब गरीबों को दिए जाने वाले राशन पर भी पीएम मोदी की तस्वीर छाप दी गई है. भाजपा शासित राज्यों में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत पांच किलो मुफ्त राशन देते समय राशन की दुकानों पर पीएम मोदी और मुख्यमंत्रियों की तस्वीर वाले बैनर लगाने का निर्देश जारी हुआ है. इतना ही नहीं, जिन थैलों में यह पांच किलो अनाज दिया जाना है, उन पर भी बीजेपी का चुनाव चिन्ह कमल लगाने का निर्देश जारी किया गया है. बीजेपी महासचिव अरुण सिंह की ओर से सभी प्रदेश इकाइयों को लिखे पत्र में कहा गया है कि इस योजना का जम कर प्रचार होना चाहिए. इसके लिए 11 सूत्रीय निर्देश जारी किए गए हैं.
गौरतलब है कि अभी देश भर में चलाए जा रहे वैक्सीन अभियान में वैक्सीन प्रमाणपत्र पर पीएम नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगाई जा रही है. इसका विपक्षी दलों ने विरोध भी किया है. बीते दिनों कुछ राज्यों में, जैसे छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल में कोविड वैक्सीन प्रमाणपत्र पर पीएम मोदी की तस्वीर हटाकर राज्य के मुख्यमंत्रियों की तस्वीर लगाने की खबरें भी सामने आई थीं.
बीजेपी महासचिव द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि भाजपा शासित राज्यों में सभी राशन की दुकानों पर पांच किलो गेहूं या चावल के वितरण का बैनर लगाया जाए जिसमें पीएम मोदी और राज्य के मुख्यमंत्री की तस्वीर हो. बैनर का डिजाइन भी बीजेपी के केंद्रीय कार्यालय की ओर से तय किया गया है. यह डिजाइन पत्र के साथ प्रदेश इकाइयों को भेजी गई है. राशन के बैग का डिजाइन भी केंद्रीय कार्यालय की ओर से दिया गया. इसमें कमल का निशान लगाकर इसका वितरण करने को कहा गया है. प्रदेश अध्यक्षों को निर्देश दिया गया है कि वे राज्य सरकार से बात कर ऐसा करना सुनिश्चित करें. जबकि जनप्रतिनिधियों, विधायकों, सांसदों व पदाधिकारियों को यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है कि राशन बैगों पर कमल का निशान लगे.
गैर भाजपा शासित राज्यों में भी कमल का निशान लगाकर राशन बांटने को कहा गया. वहां बैनरों पर मुख्यमंत्री की फोटो की जगह जनप्रतिनिधियों, विधायकों और सांसदों को अपनी तस्वीर लगाने को कहा गया है. सोशल मीडिया पर भी इसका प्रचार करने को कहा गया है. यह भी कहा गया है कि सभी जनप्रतिनिधि राशन की दुकानों पर जाकर लाभार्थियों से मिलें. यह ध्यान रखा जाए कि राशन बैग प्लास्टिक रहित हो. प्रत्येक राशन की दुकान के बाहर यह प्रिंटेड बैग बांटने का लक्ष्य रखा गया है और यह जिम्मेदारी कार्यकर्ताओं की है कि वे इसकी निगरानी करें.