राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार घट रही है. रविवार को एक लाख 494 सैंपलों की जांच में सिर्फ 1475 नये संक्रमित मिले. सिर्फ पटना जिले में 100 से अधिक 161 नये संक्रमित मिले, जबकि अन्य सभी जिलों में नये संक्रमितों का आंकड़ा 100 से कम रहा. इनमें 17 जिलों में तो 50 से भी कम और आठ जिलों में 10 से भी कम नये केस पाये गये. कोरोना की तीसरी लहर की चिंता के बीच बिहार में एक ढ़ाई महीने के मासूम ने इस बीमारी से दम तोड़ दिया. दरभंगा स्थित उत्तर बिहार के सबसे बड़े अस्पताल डीएमसीएच में पिछले लगभग 36 घंटे के दौरान चार बच्चों की मौत हुई है, जिसमें से तीन की मौत की वजह निमोनिया बताई जा रही है वहीं एक को कोरोना महामारी ने अपना शिकार बना लिया. मरने वाले सभी बच्चे मधुबनी जिले के रहने वाले थे जिसमें से तीन एक ही परिवार के हैं.
पटना जिले में लगातार दूसरे दिन रविवार को 161 कोरोना पॉजिटिव आये. पिछले दो दिन से 200 से कम केस आ रहे हैं. जबकि एक सप्ताह पहले औसतन एक हजार से अधिक मरीज आने लगे थे. उसके अनुसार जिले में कोरोना संक्रमण काफी कम हो गया है. वैसे अब भी जिले में तीन हजार से अधिक कोरोना के एक्टिव केस हैं, जबकि 365 मरीजों ने 24 घंटे के अंदर कोरोना को मात दी है.
पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, एनएमसीएच और एम्स मिलाकर 365 मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर भर्ती हैं, जबकि 79 मरीज आइसीयू में भर्ती हैं और 59 मरीजों का इलाज वेंटिलेटर पर चल रहा है. सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से लगातार कोरोना के मरीजों की संख्या में गिरावट दर्ज की जा रही है.
अगर लोग कोरोना की गाइड लाइन का पालन करते रहें तो बहुत जल्द आंकड़ा जीरो पर भी हो सकता है. सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों समेत पीएमसीएच, एनएमसीएच, आइजीआइएमएस व शहरी अस्पतालों में कोरोना की जांच व वैक्सीनेशन प्रक्रिया जारी है. ऐसे में लोगों से अपील की जा रही है कि अधिक से अधिक संख्या में लोग अस्पताल पहुंच वैक्सीन लगवाएं.
एम्स में कोरोना महामारी से पांच लोगों की गयी जान
एम्स में रविवार को पटना, भोजपुर, सीवान, पूर्णिया समेत 5 लोगों की मौत कोरोना से हो गयी जबकि 10 नये पॉजिटिव मरीजों को एडमिट किया गया है. एम्स कोरोना नोडल आफिसर डॉ संजीव कुमार के मुताबिक अनिसाबाद के 70 वर्षीय ईश्वर चंद्र पासवान, एस के पुरी की 40 वर्षीय रिणा सिन्हा, भोजपुर के 52 वर्षीय प्रभाकर कुमार श्रीवास्तव, सीवान कि 63 वर्षीय माया देवी जबकि पूर्णिया के 56 वर्षीय नवीन कुमार रंजन की मौत कोरोना से हो गयी. वहीं एम्स के आइसोलेशन वार्ड में 10 नये कोरोना पॉजिटिव मरीजों को भर्ती कर इलाज शुरू किया गया, जिसमें पटना के तीन लोग हैं.
आइजीआइएमएस में चार व पीएमसीएच में एक की मौत
दूसरी लहर में कोरोना से मरीजों की मौत का सिलसिला जारी है. रविवार को आइजीआइएमएस में चार व पीएमसीएच में एक मरीज की कोविड से मौत हो गयी. आइजीआइएमएस में वर्तमान में 203 मरीज ऑक्सीजन पर भर्ती हैं और 45 से अधिक मरीज आइसीयू में भर्ती हैं.
24 घंटे के अंदर 10 नये कोविड के मरीजों को भर्ती किया गया और पांच को डिस्चार्ज किया गया. अभी आइजीआइएमएस में 187 ऑक्सीजन बेड खाली हैं. पीएमसीएच में 57 साल के वैशाली जिले के नवल किशोर की मौत हो गयी. पीएमसीएच में 17 मरीज ऑक्सीजन पर भर्ती हैं. 24 घंटे के अंदर 10 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया.
एनएमसीएच में नहीं हुई एक भी मौत
पटना सिटी. नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत का सिलसिला कोविड अस्पताल बनने के बाद से लगातार कायम था. रविवार को सुखद बात यह रही कि अस्पताल में एक भी संक्रमित मरीज की मौत नहीं हुई.
अस्पताल के अधीक्षक डॉ विनोद कुमार सिंह व एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ मुकुल कुमार सिंह ने बताया कि इस वर्ष अस्पताल में 435 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी है. बीते वर्ष की बात करे तो अब तक संक्रमित 641 मरीजों की मौत हो चुकी है. अस्पताल में संक्रमित 96 मरीजों का उपचार चल रहा है.
कोरोना की तीसरी (Corona Third Phase) लहर की चिंता के बीच बिहार में एक ढ़ाई महीने के मासूम ने इस बीमारी से दम तोड़ दिया. दरभंगा स्थित उत्तर बिहार के सबसे बड़े अस्पताल डीएमसीएच में पिछले लगभग 36 घंटे के दौरान चार बच्चों की मौत हुई है, जिसमें से तीन की मौत की वजह निमोनिया बताई जा रही है वहीं एक को कोरोना महामारी ने अपना शिकार बना लिया. मरने वाले सभी बच्चे मधुबनी जिले के रहने वाले थे जिसमें से तीन एक ही परिवार के हैं.
कोरोना पॉजिटिव था मासूम
ढाई महीने के बच्चे की मौत कोरोना से हुई है जो कोरोना पॉजिटिव होकर DMCH के शिशु विभाग में इलाज करवाने के लिए भर्ती हुआ और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. बच्चे का परिवार मधुबनी जिला का रहने वाला है. इससे पहले बच्चे की जब तबीयत बिगड़ी तो परिजनों ने मधुबनी से बच्चे को बेहतर इलाज के लिए पटना के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया था, जहां बच्चे की तबीयत में सुधार नहीं हुआ.
मधुबनी का रहने वाला है परिवारडॉक्टरों को शक हुआ और उन्होंने बच्चे का कोविड टेस्ट करवाया, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई. इसके बाद बच्चे के माता-पिता ने बच्चे को DMCH में भर्ती करवाया जहां डॉक्टरों ने उसे बचाने का प्रयास किया, लेकिन बच्चे की मौत हो गई. इस मामले में DMCH प्रशासन ने कहा कि ढाई माह की बच्चे की मौत कोरोना से हुई है, जिसे कोविड प्रोटोकॉल के तहत परिजनों को सौंप दिया गया है. बच्चे का इलाज पटना में भी परिजन करवा रहे थे. यहां उसे बचाने का प्रयास किया गया लेकिन आखिरकार बच्चे की मौत हो गई.
शिशु रोग विभाग में तीन और सगे भाई-बहनों ने भी तोड़ा दम
इसके अलावा शिशु वार्ड में मधुबनी जिला के इटहरवा गांव निवासी रामपुनीत यादव के तीन बच्चे चंदन, पूजा व आरती की मौत भी पिछले 24 घंटे में हो गई. रामपुनीत यादव ने तीनों बच्चों को 28 मई की शाम शिशु वार्ड में भर्ती करवाया. 29 मई की देर शाम चंदन और पूजा की मौत हो गई तथा 30 मई को आरती की भी मौत हो गई. इन सभी को निमोनिया जैसे लक्षण थे. सभी को बुखार था साथ ही सांस फूलने और देह-हाथ में सूजन से भी परेशान थे.
अस्पताल प्रशासन ल बयान
शिशु रोग विभाग के यूनिट इंचार्ज ने बताया कि दोनों बच्चों का बेहतर से बेहतर इलाज किया गया. दोनों की कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव आयी थी. वे लोअर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन से पीड़ित थे. उन लोगों को बचाने का पूरा प्रयास किया गया लेकिन हमारी कोशिश नाकाम रही.