• होम
  • समाचार
    • केंद्रीय राजनीती
      • राजनीति
      • राष्ट्रपति भवन
      • विपक्ष
      • सांसद
      • कैबिनेट
      • विज्ञान
      • स्वास्थ
      • सेना
      • शिक्षा
      • कानून
    • विशेष
      • शिक्षा
      • स्वास्थ
    • टेक्नोलॉजी
      • अंतरिक्ष
      • परिवहन
      • विज्ञान
      • पर्यावरण
  • पॉलिटिक्स बिहार
    • भाजपा
    • जदयू
    • कांग्रेस
    • राजद
    • हम
    • लोजपा
    • विआईपपी
    • मुख्यमंत्री
    • कम्युनिस्ट
    • विधानमंडल
    • राजभवन
    • अन्य विपक्ष
  • खेल
    • क्रिकेट
    • फूटबाल
    • टेनिस
  • कारोबार
    • कृषि
    • पेट्रोलियम
    • धातु
    • नीति
    • शेयर बाज़ार
    • ऑटोमोबाइल
  • मनोरंजन
    • हॉलीवुड
    • बॉलीवुड
    • कला
    • रंगमंच
    • अवार्ड
    • फिल्म समीक्षा
    • नया लांच
    • भोजपुरी
    • कलाकार विशेष
  • जिलावार
    • उत्तर बिहार
      • मुजफ्फरपुर
      • सारण
      • सिवान
      • दरभंगा
      • पश्चिम चंपारण
      • पूर्वी चंपारण
      • समस्तीपुर
      • सीतामढ़ी
      • शिवहर
      • वैशाली
      • मधुबनी
    • मध्य बिहार
      • पटना
      • अरवल
      • गया
      • जमुई
      • जहानाबाद
      • नवादा
      • बेगुसराय
      • शेखपुरा
      • लखीसराय
      • नालंदा
    • पूर्वी बिहार
      • अररिया
      • कटिहार
      • किशनगंज
      • खगड़िया
      • पूर्णिया
      • बांका
      • भागलपुर
      • मुंगेर
      • सहरसा
      • सुपौल
      • मधेपुरा
    • पश्चिमी बिहार
      • औरंगाबाद
      • कैमूर
      • बक्सर
      • भोजपुर
      • रोहतास
  • प्रदेश
    • झारखण्ड
    • दक्षिण भारत
    • दिल्ली
    • पश्चिम बंगाल
    • पूर्वी भारत
    • मध्यप्रदेश
    • महाराष्ट्र
  • महिला युग
    • उप सम्पादक की कलम से
    • रोग उपचार
    • लेख
    • विशेष रिपोर्ट
    • समाज
    • मीडिया
  • ब्लॉग
  • संपादकीय
Menu
  • होम
  • समाचार
    • केंद्रीय राजनीती
      • राजनीति
      • राष्ट्रपति भवन
      • विपक्ष
      • सांसद
      • कैबिनेट
      • विज्ञान
      • स्वास्थ
      • सेना
      • शिक्षा
      • कानून
    • विशेष
      • शिक्षा
      • स्वास्थ
    • टेक्नोलॉजी
      • अंतरिक्ष
      • परिवहन
      • विज्ञान
      • पर्यावरण
  • पॉलिटिक्स बिहार
    • भाजपा
    • जदयू
    • कांग्रेस
    • राजद
    • हम
    • लोजपा
    • विआईपपी
    • मुख्यमंत्री
    • कम्युनिस्ट
    • विधानमंडल
    • राजभवन
    • अन्य विपक्ष
  • खेल
    • क्रिकेट
    • फूटबाल
    • टेनिस
  • कारोबार
    • कृषि
    • पेट्रोलियम
    • धातु
    • नीति
    • शेयर बाज़ार
    • ऑटोमोबाइल
  • मनोरंजन
    • हॉलीवुड
    • बॉलीवुड
    • कला
    • रंगमंच
    • अवार्ड
    • फिल्म समीक्षा
    • नया लांच
    • भोजपुरी
    • कलाकार विशेष
  • जिलावार
    • उत्तर बिहार
      • मुजफ्फरपुर
      • सारण
      • सिवान
      • दरभंगा
      • पश्चिम चंपारण
      • पूर्वी चंपारण
      • समस्तीपुर
      • सीतामढ़ी
      • शिवहर
      • वैशाली
      • मधुबनी
    • मध्य बिहार
      • पटना
      • अरवल
      • गया
      • जमुई
      • जहानाबाद
      • नवादा
      • बेगुसराय
      • शेखपुरा
      • लखीसराय
      • नालंदा
    • पूर्वी बिहार
      • अररिया
      • कटिहार
      • किशनगंज
      • खगड़िया
      • पूर्णिया
      • बांका
      • भागलपुर
      • मुंगेर
      • सहरसा
      • सुपौल
      • मधेपुरा
    • पश्चिमी बिहार
      • औरंगाबाद
      • कैमूर
      • बक्सर
      • भोजपुर
      • रोहतास
  • प्रदेश
    • झारखण्ड
    • दक्षिण भारत
    • दिल्ली
    • पश्चिम बंगाल
    • पूर्वी भारत
    • मध्यप्रदेश
    • महाराष्ट्र
  • महिला युग
    • उप सम्पादक की कलम से
    • रोग उपचार
    • लेख
    • विशेष रिपोर्ट
    • समाज
    • मीडिया
  • ब्लॉग
  • संपादकीय

सियासत में रंग भरने वाले लालू का है पटना को इंतजार

UB India News by UB India News
April 18, 2021
in पटना, राजद
0
सियासत में रंग भरने वाले लालू का है पटना को इंतजार

PATNA RJD SUPRIMO LALU YADAV KO BELL MILNE KE BAD RABRIDEVI KE AWAS PER KHUSHI KAMAHOL

राष्ट्रीय जनता दल (Rashtriya Janata Dal) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को आखिरकार चारा घोटाले में एक लंबी अदालती लड़ाई के बाद जमानत मिल गई है. इस जमानत का इंतजार जितना उनके परिवार को था उससे कहीं ज्यादा उनकी पार्टी को भी था. लालू यादव की खासियत यह रही कि सत्ता में रहें या विपक्ष में उनकी प्रासंगिकता कभी कम नहीं हुई. जेल में रहकर भी वो लगातार सुर्खियों में रहे और जेल से बाहर आए तो कई बार पांसा पलट दिया, उनकी मौजूदगी भर से पार्टी को संबल मिलता रहा.

अपने चुटीले अंदाज़ की वजह से लालू हमेशा खबरों में रहे. बिहार ही नहीं अपने अदा के कारण वो देश की सियासत में भी दशकों तक रंग भरते रहे. उन्हें पता था कि कैमरे का कौन सा एंगल अच्छा होता था इसलिए वो एक नेता होने के साथ रियल टाइम “अभिनेता” भी माने जाते रहे. ज़ाहिर है लालू यादव जब दिल्ली से पटना आएंगे, तो उसके सियासी मायने भी निकाले जाएंगे. इस बात की भी चर्चा होगी कि आखिर उनके रहने भर से बिहार की सियासत पर क्या असर पड़ेगा?

RELATED POSTS

बिहार में हुई जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट जारी ,पिछड़ा वर्ग 27.13%, अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01%, सामान्य वर्ग 15.52% है

बिहार और राजनितिक बवाल ….. पहले ठाकुर का कुआं’ और अब ‘बॉबकट-लिपिस्टिक लेडी

लालू यादव ने जो राजनीतिक विरासत अपने बेटे तेजस्वी यादव को दी है, उसकी आज की राजनीति में क्या प्रासंगिकता होनी चाहिए, लालू यादव उसकी समीक्षा खुद कर पाएंगे. जिस समय लालू जेल में थे तेजस्वी यादव ने अपने बूते पर आरजेडी को प्रदेश की सबसे बड़ी पार्टी बना दी, लेकिन आरजेड़ी के लोग मानते हैं कि लालू यादव अगर जेल से बाहर रहते तो पार्टी को भारी बहुमत मिल सकता था. लालू यादव के परिवार के लोग हमेशा यह कहते रहे कि उनको चारा घोटाले में फंसाया गया और उनको एक लंबी लड़ाई के बाद न्याय मिला है. यह भी कहा जाता रहा कि लालू अगर इस घोटाले में नहीं फंसते तो बिहार में सियासत का स्वरूप ही कुछ और होता.

ऐसा नहीं है कि चारा घोटाले में जेल जाने से पहले उनको बिहार को चलाने की ज़िम्मेदारी नहीं मिली, ज़रूर मिली, लेकिन बिहार के बदलते घटनाक्रम में लालू सक्रिय राजनीति से बाहर होते गए. चारा घोटाले में एक बार जब उनको सजा मिली तो बिहार की सियासत से उनका दबदबा कम होता गया, लेकिन जेल में रहकर भी केंद्र की राजनीति में वो बने रहे.
किसी सोचा नहीं गोपालगंज के एक छोटे से गांव फुलवारिया में जन्मे लालू बिहार ही नहीं देश की राजनीति पर भी अपनी अमिट छाप छोड़ जाएंगे.
लालू यादव ने पटना विश्वविद्यालय में पढ़ने के दौरान ही आंदोलनकारियों के बीच अपनी अलग पहचान बना ली. लालू किस्मत के धनी थे, जब वह पहली बार चुनाव लड़े तो वो टिकट नहीं मांगने नहीं गए. खुद जेपी लालू यादव को खोजने के लिए चंद्रशेखर को उनके गांव फुलवरिया भेजते हैं. जहां वो उस वक़्त खाट पर लुंगी और बानियान पहन कर सुस्ता रहे थे. चन्द्रशेखर ने तभी बता दिया था कि वो आदमी एक दिन प्रदेश का मुख्यमंत्री बनेगा.

29 साल में संसद पहुंचे थे लालू

1977 के तपे-तपाये जेपी आंदोलन से निकले लालू के लिए संसद का सफर मुश्किलों भरा नहीं रहा. 29 वर्ष की अवस्था में ही वो छपरा से सांसद चुन लिए गए. आगे का रास्ता लालू के लिए मुश्किलों भरा रहा लेकिन दिलचस्प रहा.

आडवाणी म रथ रोककर सुर्खियों में आये थे लालू

1980 और 1990 के दशक की राजनीति को नजदीक से देखने वाले लोगों को याद होगा कि कैसे लालू प्रसाद यादव ने लालकृष्ण आडवाणी के रथ को रोक लिया था. राम मंदिर आंदोलन के दौरान लालकृष्ण आडवाणी की शोहरत उस वक़्त अपने शीर्ष पर थी लेकिन लालू ने आडवाणी जैसे महारथी का भी रास्ता रोक खुद को एक बड़े नेता की श्रेणी में खड़ा कर लिया. उस वक़्त कोई सोच भी नहीं सकता था कि राम मंदिर आंदोलन के ज्वार को रोकने की कोई हिम्मत भी करेगा. इसको लालू यादव की जिदंगी का टर्निंग पॉइंट माना जाता है, जिसकी वजह से लालू का इमेज उस वक़्त मुलायम सिंह यादव से बड़ा नज़र आने लगा.

“जे पी टू- बीजेपी: बिहार आफ्टर लालू एंड नीतीश” के लेखक किताब के लेखक संतोष सिंह कहते हैं कि शायद वीपी सिंह नहीं चाहते थे रथ यात्रा रोकने का क्रेडिट मुलायम सिंह को मिले. ये घटना लालू के जीवन में एक तरह से युगांतरकारी रही, जिसने आने वाले लंबे समय तक देश की राजनीति को प्रभावित किया.

BJP के लिए चुनौती बने लालू

लालू के राजनीति सफर को करीब से देखने वाले “गोपालगंज टू रायसीना रोड ” किताब के सह लेखक नलिन वर्मा कहते हैं कि लालू जब भी जेल से बाहर आए उन्होने बीजेपी के सामने ठोस चुनौती पेश की. बीजेपी को भारी नुकसान पहुंचाया. नलिन वर्मा आगे कहते हैं कि भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2014 की जीत के बाद अपनी लोकप्रियता की पराकाष्ठा पर रहे लेकिन बीजेपी को 2015 के बिहार चुनाव में मुंह की खानी पड़ी. यह वो समय था जब लालू जेल से बाहर थे. इस जीत का सेहरा लालू प्रसाद यादव के सर बांधा गया, जिसके वो असली हकदार थे. नीतीश कुमार तो इस चुनाव में सह-अभिनेता ही रहे.
लालू ने पिछले तीस वर्षों में बीजेपी को बिहार में डोमिनेट नहीं करने दिया, इसका सबसे बड़ा कारण था कि वो बीजेपी के खिलाफ हमेशा मजबूती से खड़े रहे. नलिन वर्मा कहते हैं कि बीजेपी ने लालू प्रसाद यादव इसलिए भी पसंद नहीं किया क्योंकि उन्होने पिछले तीस वर्षों में बीजेपी को जितना नुकसान पहुंचाया, शायद किसी और ने नहीं किया.

केंद्र में रहा दखल

बिहार की राजनीतिक में धमक मजबूत होने के बाद लालू प्रसाद ने केंद्र की राजनीति में दखल दी तो वहां किंगमकेर की भूमिका में नज़र आए. जनता दल के ताकतवर नेता के रूप में उभरे. 1996 में एच डी देवगौड़ा और 1997 में आई के गुजराल को प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाने में लालू की भूमिका किसी से कम नहीं रही. चाहे बात 2004 लोक सभा चुनाव की कर लें, लालू यादव ने बिहार में इस तरह राजनीतिक समीकरण बनाया कि बीजेपी को यहां भारी नुकसान उठाना पड़ा और वाजपेयी को बिहार में भरी नुकसान उठाना पड़ा, इसका मतलब यह नहीं लेना चाहिए कि बिहार में अटल बिहारी वाजपेयी कम लोकप्रिय नेता थे.

अभी लालू यादव की सेहत अच्छी नहीं हैं लेकिन लोग जानते हैं उनकी मौजूदगी से आरजेडी के लोग जोश में भर जाते हैं. भले ही बिहार में हाल-फिलहाल में अभी कोई चुनाव नहीं है, लेकिन लालू के होने भर से बिहार की सियासत में रंग ज़रूर भर जाता है. अपने 70 के दशक में जमानत पर निकले लालू यादव की हर राजनीतिक गतिविधि पर देश भर में सबकी नज़र रहेगी.

UB India News

UB India News

Related Posts

बिहार में हुई जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट जारी ,पिछड़ा वर्ग 27.13%, अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01%, सामान्य वर्ग 15.52% है

बिहार में हुई जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट जारी ,पिछड़ा वर्ग 27.13%, अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01%, सामान्य वर्ग 15.52% है

by UB India News
October 2, 2023
0

बिहार की नीतीश सरकार ने जातीय गणना के आंकड़े जारी कर दिए हैं। सोमवार को मुख्य सचिव समेत अन्य अधिकारियों...

बिहार और राजनितिक बवाल ….. पहले ठाकुर का कुआं’ और अब ‘बॉबकट-लिपिस्टिक लेडी

बिहार और राजनितिक बवाल ….. पहले ठाकुर का कुआं’ और अब ‘बॉबकट-लिपिस्टिक लेडी

by UB India News
October 2, 2023
0

बिहार में बयानों से राजनीति की दशा भले न बदले, पर दिशा जरूर बदलती रही है। बयान भी ऐसे-ऐसे, जिसे...

गांधी जयंती से पहले नीतीश सरकार का बड़ा फैसला , श्रमिकों को मिलेगा पहले से अधिक मजदूरी

गांधी जयंती से पहले नीतीश सरकार का बड़ा फैसला , श्रमिकों को मिलेगा पहले से अधिक मजदूरी

by UB India News
October 1, 2023
0

गांधी जयंती से पहले नीतीश सरकार ने बिहार के श्रमयोगियों को बड़ा उपहार देने का निर्णय लिया है। सरकार नया...

चुनाव से पहले RJD में होगा JDU का विलय, या फिर…:सुशील मोदी

चुनाव से पहले RJD में होगा JDU का विलय, या फिर…:सुशील मोदी

by UB India News
October 1, 2023
0

एक बार फिर से बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सह बीजेपी से राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने सूबे के सीएम...

बड़े भाई-छोटे भाई हैं बिहार की ध्वस्त शिक्षा व्यवस्था के जिम्मेदार

बड़े भाई-छोटे भाई हैं बिहार की ध्वस्त शिक्षा व्यवस्था के जिम्मेदार

by UB India News
October 1, 2023
0

एक बार फिर से बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार और आरजेडी चीफ...

Next Post
मंत्रिपरिषद की बैठक में नौ प्रस्तावों को मंजूरी

मंत्रिपरिषद की बैठक में नौ प्रस्तावों को मंजूरी

एक मई से 18+ को टीका

एक मई से 18+ को टीका

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • Home
Copyright © 2023 ubindianews.com All Rights Reserved

MADE WITH ❤ BY AMBITSOLUTIONS.CO.IN