प्रदेश में स्मार्ट सिटी परियोजना के कार्य में तेजी लाने के लिए कई बदलाव किए गए हैं। कम समय में गुणवत्तायुक्त कार्य कराने की चुनौतियां हैं। जरूरत पडऩे पर स्मार्ट सिटी परियोजना की समय सीमा में विस्तार होगा। ये बातें उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने बुधवार को एक होटल में आयोजित स्मार्ट सिटीज समिट 2021 के शुभारंभ के मौके पर कहीं।
उन्होंने कहा कि पटना, बिहारशरीफ, मुजफ्फरपुर और भागलपुर को स्मार्ट सिटी बनाने के साथ ही राज्य के 258 नगर निकाय वाले सभी शहरों में स्मार्ट सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। कार्य में तेजी के लिए प्रमंडल स्तर पर निदेशालय बनाए जाने का फैसला लिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों जैसा बिहार के लिए अभी चार शहरों को स्मार्ट बनाना है। देश के 100 शहरों में ये चार शहर शामिल हैं।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की कल्पना के मुताबिक राज्य के शहर नहीं दिख रहे हैं। धुंधली छवि है। परियोजना शुरू होने के लंबे समय बाद भी परिणाम सामने नहीं आ पाया है। नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में नागरिक सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं।
जल्द होंगे सपने साकार
पटना नगर निगम की महापौर सीता साहू ने कहा कि 2015 में स्मार्ट सिटी मिशन की शुरुआत हुई। परिणाम अब तक सार्थक नहीं निकले हैं। स्मार्ट सिटी शहरों में स्मार्ट नागरिक सुविधाएं मिलनी चाहिए। पटना, बिहारशरीफ, मुजफ्फरपुर और भागलपुर शहर स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत चयनित हैं। चारों शहरों में सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। स्मार्ट सिटी परियोजना के सीईओ मो. शमशाद ने कहा कि कार्य में अब तेजी आ गई है। सरकार के सपने जल्द साकार होंगे।
मोतिहारी के लिए मांग :
मोतिहारी नगर निगम की महापौर अंजू देवी ने कहा कि मोतिहारी नगर निगम को स्मार्ट सिटी परियोजना में शामिल किया जाए। 15वें वित्त आयोग की राशि का 50 फीसदी राशि दिलाने, मुख्यमंत्री गली-नाली योजना के तहत 32 करोड़ की योजना की राशि दिलाने की मांग की।
बिहारशरीफ में 300 करोड़ से ड्रेनेज सिस्टम :
बिहारशरीफ स्मार्ट सिटी के अशुंल अग्रवाल ने कहा कि बिहारशरीफ शहर शीघ्र स्मार्ट दिखेगा। 300 करोड़ की लागत से ड्रेनेज सिस्टम नेटवर्क तैयार होने जा रहा है। फोरलेन सड़क बनेगी। वेंडिंग जोन, पहाड़ी का विकास होगा। नागरिक सुविधाओं में वृद्धि होगी। बिहार अभियंत्रण सेवा संघ के महासचिव सुनील कुमार चौधरी ने तकनीकी पेपर प्रस्तुत किया।