मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी से राज्य की स्थिति और बेहतर होने का दावा किया और कहा कि वह सबसे आग्रह करेंगे कि शराबबंदी को लेकर गंभीर रहें‚ इसमें उनका कुछ भी व्यक्तिगत लाभ नहीं है। नीतीश ने शनिवार को यहां टीपीएस कॉलेज में स्व. ठाकुर प्रसाद सिंह की प्रतिमा का अनावरण और महाविद्यालय के कई भवनों का उद्घाटन करने के बाद गोपालगंज जहरीली शराब कांड में न्यायालय द्वारा फांसी की सजा दिये जाने से संबंधित पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा कि वर्ष २०१६ में जब शराबबंदी लागू की गई थी‚ उसी वर्ष गोपालगंज जिले में यह घटना हुई थी। जहरीली शराब पीने के कारण कई लोगों की मृत्यु हो गयी थी। उस समय भी उन्होंने लोगों को सचेत करते हुए कहा था कि यदि लोग जहरीली शराब पीएंगे तो मृत्यु का शिकार हो जाएंगे। ॥ इसलिए कभी किसी की गलत बातों पर भरोसा न करें। उन्होंने कहा कि हम सबसे आग्रह करेंगे कि शराबबंदी को लेकर गंभीर रहें‚ इसमें मेरा कुछ भी व्यक्तिगत लाभ नहीं है। बापू भी शराबबंदी के पक्ष में थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोपालगंज घटना की पूरी तरह से जांच की गई‚ जिसके आधार पर न्यायालय ने दोषियों को सजा दी है‚ यह बड़ी बात है। यह समझना चाहिए कि शराबबंदी लोगों के हित में है। नीतीश ने कहा कि कहीं–कहीं से अब भी जहरीली शराब पीने की घटना सामने आती है। ऐसे मामलों की पूरी गहराई से जांच कर उस पर कार्रवाई की जाती है। समाज में कुछ न कुछ गड़बड़ करने वाले लोग भी होते हैं। शत–प्रतिशत आदमी सही नहीं हो सकता है। शराबबंदी को लेकर लोगों को लगातार अभियान चलाते रहना चाहिए‚ इस पर सबों पर नजर रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसी सजा मिलने से लोगों में डर होगा कि यदि वे गड़बड़ी करेंगे तो उन्हें भी कड़ी सजा मिलेगी। इस तरह की सजा से लोगों पर व्यापक असर पड़ेगा। शराबबंदी को लेकर वह लगातार समीक्षा करते रहते हैं।
उन्होंने तय कर दिया है कि प्रतिदिन गृह विभाग‚ पुलिस महानिदेशक एवं मद्य निषेध विभाग के वरीय पदाधिकारी इसकी रिपोर्ट लेंगे और उस आधार पर कार्रवाई करेंगे। ऐसा प्रतिदिन किया भी जा रहा है। मुख्यमंत्री ने हाजीपुर के एक सरकारी कार्यक्रम में मंत्री मुकेश सहनी की जगह उनके भाई के जाने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि कभी–कभी ऐसा होता है कि लोगों को सारी बातों की जानकारी नहीं होती है। श्री सहनी ने महसूस किया है कि उनसे चूक हुई है। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि उनसे अब कोई गलती नहीं होगी। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने इस सवाल को उठाया है वह उनको भी धन्यवाद देते हैं कि यह बात सामने आने से सारी बातों का पता चल गया। अब इस बात को आगे बढ़ाने की जरूरत नहीं है। अब उनको क्षमा कर देनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह युवा अवस्था से ही टीपीएस कॉलेज को जानते हैं।
औपचारिक रूप से आज आने का निमंत्रण मिला तो यहां आकर अच्छा लगा। कुछ सरकार के सहयोग से और कुछ इन लोगों ने अपनी तरफ से कॉलेज में बिल्डिंग बनायी है। जिनके नाम से यह कॉलेज बनाया गया है उनकी पत्नी ने इसका निर्माण करवाया था। उन्होंने कहा कि इन लोगों ने कॉलेज के कई सेक्टरों को दिखाया है जहां कई प्रकार के कार्य और अनुसंधान किये जा रहे हैं। नीतीश ने कहा कि कॉलेज में ७००० विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं। यहां स्नातकोत्तर तक की पढ़ाई के साथ ही अनुसंधान भी हो रहा है। उन्हें यह सब देखकर अच्छा लगा है। इस संस्थान को और बेहतर ढंग से चलाने में सरकार की तरफ से यदि कोई और सहयोग की जरूरत होगी तो वह करेंगे ताकि विद्यार्थियों को कोई परेशानी नहीं हो। वह यहां के शिक्षकों‚ विद्यार्थियों‚ शोधकर्ताओं को इस अवसर पर विशेष तौर पर बधाई देते हैं। इस मौके पर शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी‚ पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेन्द्र प्रताप सिंह‚ पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. गिरीश कुमार चैधरी‚ टीपीएस कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रो. उपेन्द्र प्रसाद सिंह सहित बड़ी संख्या में शिक्षक‚ छात्र एवं गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। ॥ टीपीएस कॉलेज में शनिवार को भवनों का लोकार्पण करते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार।
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