आइसा और इंकलाबी नौजवान सभा ने शिक्षा‚ स्वास्थ्य और रोजगार के सवाल पर सोमवार को विधानसभा का घेराव किया। जेपी गोलम्बर के पास पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर निया‚ जिसमें कई युवाओं के सिर फट गए और कई दर्जन लोग बुरी तरह घायल हैं‚ जिन्हें पीएमसीएच में भर्ती कराया गया है। गंभीर रूप से घायलों में मुकुल राज‚ पूसा‚ आशिफ होदा‚ समस्तीपुर‚ कन्हैया कुमार‚ नालंदा‚ दिलीप कुमार‚ दरभंगा‚ मुन्ना कुमार भोजपुर शामिल हैं। यहां तक की प्रशासन ने प्रदर्शन में शामिल होने माले विधायकों पर भी लाठीचार्ज किया गया‚ जो बेहद शर्मनाक है। विधायक संदीप सौरभ‚ अजित कुशवाहा‚ मनोज मंजिल‚ महानन्द सिंह‚ गोपाल रविदास और रामबली सिंह यादव मार्च के समर्थन में पहुंचे थे‚ लेकिन उनके साथ भी प्रशासन ने बेहद अपमानजनक आचरण किया। घायल युवाओं से पीएमसीएच में मिलने विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता पहुंचे। उन्होंने सभी घायलों का हालचाल लिया और लडाई जारी रखने का आह्वान किया।
‘१९ लाख रोजगार मांग रहा है युवा बिहार‚ नए बिहार के तीन आधार–शिक्षा‚ स्वास्थ्य और रोजगार‚ नौजवानों का अपमान नहीं सहेगा बिहार ‚ठेका‚ संविदा व्यवस्था बंद करो‚ पक्की नौकरी–सरकारी नौकरी की गारंटी करो जैसे गगन भेदी नारों के साथ छात्र नौजवानों ने गांधी मैदान से विधानसभा की ओर कूच किया। घेराव कार्यक्रम में आइसा के राष्ट्रीय महासचिव सह विधायक संदीप सौरभ‚ इंकलाबी नौजवान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व विधायक मनोज मंजिल‚ इंकलाबी नौजवान सभा के राष्ट्रीय महासचिव नीरज कुमार‚ इंकलाबी नौजवान सभा के राज्य अध्यक्ष सह विधायक अजीत कुशवाहा‚ राज्य सचिव सुधीर कुमार‚ आइसा के राज्य अध्यक्ष मोख्तार‚ राज्य सचिव सबीर कुमार‚तकनीकी छात्र संगठन के ई. सावन कुमार आइसा राज्य सह सचिव आकाश कश्यप ‚शिक्षक अभ्यर्थी नेता राजेंद्र प्रसाद सिंह‚ अलोक कुमार‚ दारोगा अभ्यर्थी सनी जायसवाल‚महिला सिपाही अभ्यर्थी मोनिका कुमारी‚ आरती कुमारी‚ एसएससी के शकील‚ अभिषेक शामिल थे। नेताओं ने कहा कि सरकार को छात्रों–युवाओं के प्रतिनिधिमंडल को बुलाकर उनसे वार्ता करनी चाहिए थी‚ लेकिन इसके विपरीत प्रदर्शन पर आंसू गैस के गोले दागे गए। पानी का बौछार किया गया और युवाओं को दौडा–दौडा कर पीटा गया। प्रशासन ने गांधी मैदान से निकले उनके मार्च को जेपी चौक से आगे बढने नहीं दिया।
रोजगार को लेकर विधानसभा घेराव करने जा रहे छात्रों–नौजवानों पर लाठीचार्ज को एआईएसएफ ने शर्मनाक बताया है। एआईएसएफ के राष्ट्रीय सचिव सुशील कुमार एवं राज्य अध्यक्ष रंजीत पंडित ने कहा कि १९ लाख रोजगार का वादा भाजपा ने विधानसभा चुनाव में किया था। भाजपा–जद (यू) को सत्ता में आने के बाद इसे अमलीजामा पहनाना चाहिए था। उसकी बजाय सरकार रोजगार मांग रहे छात्रों–नौजवानों पर लाठी‚ आंसू गैस एवं वाटर कैनन चलवा कर साबित करना चाहती है कि उसे लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं पर कोई भरोसा नहीं है। ॥ एआईएसएफ नेताओं ने घायल छात्र–युवाओं को बेहतर इलाज सुनिश्चित करने एवं लाठीचार्ज के दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की भी मांग की है। एआईएसएफ नेताओं ने कहा कि मौजूदा सरकार में कोई ऐसी परीक्षा नहीं है जो तय समय में बिना विवाद के पूरी हो जाए। केन्द्र एवं बिहार में हर विभाग में रिक्तियां हैं‚ लेकिन सरकार को नौकरी नहीं देनी है। एआईएसएफ नेताओं ने प्रतियोगिता परीक्षाओं में धांधली पर रोक लगाते हुए पारदर्शिता सुनिश्चित करने की मांग सरकार से की है। छात्र नेताओं ने सरकार के उस फरमान को लोकतंत्र के लिए काला अध्याय बताया जिसमें सरकार कहती है कि कोई अगर रोड पर आंदोलन करता है तो उसको सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी। एआईएसएफ नेताओं ने विगत दिनों दारोगा परीक्षा में धांधली के खिलाफ आंदोलनरत दिलीप कुमार एवं अन्य अभ्यर्थी को बिना वजह जेल भेजने को निंदनीय बताया।