बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने मार्ग स्थित संकल्प में मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना अनुरक्षण एवं रखरखाव की प्रस्तावित नीति और शहरी पेयजल निश्चय योजना में क्रियान्वित पाईप जलापूर्ति योजनाओं की नीति से संबंध में प्रस्तुती की गई. पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने जलापूर्ति योजनाओं के रख रखाव और अनुरक्षण नीति के संबंध में विस्तृत जानकारी दी.
उन्होंने जलापूर्ति योजनाओं की लंबे और दैनिक सामान्य रख रखाव, छोटी मरम्मतें, बड़ी मरम्मतें, उपभोक्ता शुल्क प्रबंधन, शिकायत दूर करने की व्यवस्था, शिकायत दूर करने की समय सीमा, हितधारकों का जिम्मेदारी, निर्धारण और वित्तीय प्रबंधन के संबंध में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि वार्ड में पेयजल योजना के सुचारु संचालन के लिए अनुरक्षक की व्यवस्था की गई है, उनके लिये प्रोत्साहन राशि एवं मानदेय के भुगतान की भी व्यवस्था की गई है.
लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव ने जलापूर्ति योजना के संचालन और उनके बचाव के संबंध में विस्तृत जानकारी दी. नगर विकास और आवास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर ने अपने प्रस्तुतीकरण में पाईप जलापूर्ति योजना के संचालन और मॉनीटरिंग व्यवस्था, संचालन और रख रखाव की काम, मासिक अधिभार की संग्रहण व्यवस्था आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी. प्रस्तुतीकरण के दौरान जानकारी दी गई कि जलापूर्ति योजना से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए एक एक कॉल सेंटर बनाया गया है.
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निर्देश देते हुए कहा, ‘सभी लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है. इस बात पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरुरत है, कि जल का दुरुपयोग न हो. इससे पर्यावरण को भी नुकसान है. पेयजल की आपूर्ति निर्धारित समय पर ही करें, इससे बिजली की भी बचत होगी. जलापूर्ति संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए जो समेकित कॉल सेंटर बनाया गया है उसमें आने वाली शिकायतों का तय समय में निदान करना होगा. शिकायतों के ठीक ढंग से निदान के लिए तीनों विभाग नियमित मॉनिटरिंग करें.
बैठक में मुख्य सचिव दीपक कुमार, पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, नगर विकास और आवास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह और अन्य बड़े अधिकारी उपस्थित थे.