बिहार में शीतलहर का कहर जारी है। तापमान लुढ़कने के साथ ही एक बार फिर राज्य के लोगों की परेशानी बढ़ गई है। सोमवार रात से ही हवा चलने से कनकनी बढ़ गई थी। यही स्थिति सुबह भी रही। इधर कुहासे के कारण वाहनों की रफ्तार धीमी रही। दिन भर धूप के दर्शन नहीं हुए जिससे ठंड का असर बढ़ता रहा। शाम होते-होते एकबार फिर शीतलहर शुरू हो गई। फिर कोहरे का ऐसा कहर रहा कि पास की वस्तु भी ठीक से दिखाई नहीं दे रही थी।
इधर कंपकंपाती ठंड से बचने के लिये लोग परेशान रहे। राजधानी पटना समेत लगभग सभी जिलों में शीतलहर का प्रकोप बढ़ जाने से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। इससे झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोग अलाव के सहारे ठंड बिताते दिखे। ठंड बढ़ने से खासकर बच्चे और बूढ़े की परेशानी बढ़ गयी है।
गरीब व मजदूर तबके के लोग परेशान
गरीब व मजदूर तबके के लोग बेहद परेशान हैं। ठंड के कारण लोगों की दिनचर्या भी देर से शुरू हुई। अधिकांश लोग घरों में दुबके रहे। दफ्तर जाने वालों को भी खासी परेशानी हुई। सड़कों पर भी वाहनों की आवाजाही नहीं के बराबर थी। जो वाहन चल भी रहे थे तो वो भी लाइट जलाकर धीरे-धीरे आगे बढ़े रहे थे। दिन भर धूप के दर्शन न होने से लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। आलम यह रहा कि गर्म कपड़े भी लोगों को सर्दी से निजात नहीं दिला सके।
ठंडी हवाओं ने सर्दी और बढ़ाई
दिन में ठंडी हवाओं ने सर्दी और बढ़ा दी। मौसम में दिनभर ठिठुरन बनी रही। वहीं सर्द हवाओं के चलने से गर्म कपड़ों की बिक्री भी बढ़ गई। लोग ठंड से बचने के लिये गर्म कपड़ों की खरीदारी में लगे रहे। सोमवार को अधिकतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियेस जाकि न्यूनतम तापमान नौ डिसे रहा। आसमान में दिनभर बादल छाये रहे। मौसम विभाग के मुताबिक मंगलवार को तापमान का पारा चढ़ेगा लेकिन आनेवाले कुछ दिनों तक ठंड से राहत मिलने के आसार नहीं दिख रहे हैं।
सूर्य देव के दर्शन को तरस गए नगरवासी
कुहरे से झाझा में पूरे दिन आसमान ढका रहा। शाम के समय तक सूर्योदय नहीं होने से सूर्य देव के दर्शन को नगरवासी तरस गए। इस वजह से ठंड ने इस वर्ष लोगों को कंपकंपा कर अपने अपने घरों में दुबक कर रहने को मजबूर कर दिया। हड्डियों तक को कंपकंपा देने वाली कड़ाके की ठंड से झाझा के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में जनजीवन सिकुड़ कर रह गया, जिंदगी मानो जैसे ठहर सी गई। लोगों की गतिविधियां कम हो गई जिससे लोगों के कामकाज काफी प्रभावित हुए। हालांकि रोज कमाने खाने वाले लोगों के अलावे कम संख्या में नागरिकों को बाजार में देखा गया।
ठंड से लोगों की आमदनी एवं आमदनी का जरिया प्रभावित हो गया। उक्त दर्द प्रखण्ड एवं नगर के निवासियों ने इस संवाददाता के समक्ष बयान करते हुए विभिन्न सरकारी, गैर सरकारी संस्थाओं के अलावे जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से मांग की है कि ठंड के मद्देनजर क्षेत्र में हर चौक चौराहों पर अलाव जलाए जाने की व्यवस्था बहाल की जाय तथा कंबल वितरण किया जाय ताकि गरीबों के जानमाल की रक्षा की जा सके।
घने कोहरे और कड़ाके की ठंड के कारण सामान्य जन जीवन अस्त व्यस्त
तापमान में अचानक गिरावट व घने कोहरे के कारण बढ़ी ठंड के कारण क्षेत्र में सामान्य जनजीवन अस्त ब्यस्त हो गया। ठंड के कारण आम जन घरों में कैद होने को विवश हैं जबकि दैनिक मजदूरी कर जीवन यापन करने वाले मजदूरों के सामने भुखमरी की स्थिति पैदा होने लगी है। चुंकि बीते तीन चार दिनों से कोहरे के कारण मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है। वैसी स्थिति में वैसे मजदूरों को पेट की अग्नि बुझाने के साथ ठंड में अपने तन ढ़कने की समस्या उत्पन्न हो गई है।