बिहार सरकार में पूर्व मंत्री और जेडीयू (JDU) के कद्दावर नेता देवेश चंद्र ठाकुर (Devesh Chandra Thakur) ने कैबिनेट विस्तार (Bihar Cabinet) में देरी होने पर बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि सरकार गठन के 2 महीने पूरे हो चुके हैं इसके बावजूद बीजेपी की तरफ से कैबिनेट विस्तार में देरी हो रही है. इसकी वजह से कार्यकर्ताओं और जनता के बीच गलत संदेश जा रहा है.
उन्होंने कहा कि यह 15 सालों में पहली बार हुआ है, जब कैबिनेट विस्तार में इतनी देरी हुई है नहीं तो पहले नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) सबसे पहले कैबिनेट विस्तार किया करते थे. सरकार फिर सुचारू तौर पर अपना काम किया करती थी लेकिन कैबिनेट विस्तार में देरी की वजह से सरकार के कामकाज में भी उतनी तेजी नहीं आ पा रही है जितनी तेजी दिखनी चाहिए थी.
जेडीयू नेता देवेश चंद्र ठाकुर के बयान का कांग्रेस ने समर्थन किया है. कांग्रेस नेता हरखू झा (Harkhu Jha) ने कहा कि कैबिनेट विस्तार में देरी से बिहार के विकास पर असर पड़ेगा. नीतीश कुमार के 15 साल के शासन में पहली बार जब सरकार गठन के दो महीने बाद भी कैबिनेट विस्तार नहीं हो रहा है.
देवेश चंद्र ठाकुर के बयान को आरजेडी नेता भाई बिरेंद्र ने भी जायज करार दिया. भाई बिरेंद्र ने कहा कि बीजेपी और जेडीयू की आपसी खींचतान की वजह से बिहार का विकास बाधित हो रहा है. यह पहली बार हुआ है जब 2 महीने सरकार के गठन के बाद भी कैबिनेट का विस्तार नहीं हो सका है. कैबिनेट विस्तार नहीं होने के लिए बीजेपी के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी जिम्मेदार हैं.
इस मामले पर बीजेपी (BJP) प्रवक्ता विनोद शर्मा (Vinod Sharma) ने कहा कि कैबिनेट विस्तार पूरी तरह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विशेषाधिकार है. देवेश चंद्र ठाकुर की भावना का बीजेपी सम्मान करती है, विपक्ष को खुश होने की जरूरत नहीं है.
वहीं पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए जेडीयू नेता डॉक्टर सुनील ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि कैबिनेट विस्तार में कोई संशय नहीं है. देवेश चंद्र ठाकुर पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं उन्होंने अपनी भावना व्यक्त की, विपक्ष भ्रम में ना रहे.
बीजेपी नेता मिथिलेश तिवारी ने कहा कि कैबिनेट विस्तार सीएम का विशेषाधिकार है. देवेश चंद्र ठाकुर विस्तार के लिए नीतीश कुमार जी से बात करें. कैबिनेट का विस्तार शुभ मुहूर्त में होगा और 5 साल तक निर्बाध एनडीए सरकार चलेगी. विपक्ष को कैबिनेट विस्तार पर हाय तौबा मचाने की जरूरत नहीं है.