विधान परिषद् नॉमिनेशन के ठीक पहले डिप्टी सीएम तार किशोर प्रसाद और BJP प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल मुख्यमंत्री आवास पहुंचे. यह बैठक तकरीबन आधे घंटे तक चली. मुलाकात कर वापस लौटते समय प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल ने इस मुलाकात को औपचारिक मुलाकात बताया.
उन्होंने कहा कि हम सब बैठकर ऐसे ही बातचीत करते हैं. हम लोग गपशप करने पहुंचे थे. संजय जायसवाल ने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार और एमएलसी चुनाव पर कोई बातचीत नहीं हुई है. हम सब गपशप कर रहे थे.
हालांकि पत्रकारों को जोर देने पर उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार या फिर एमएलसी चुनाव की पूरी स्थिति कल सुबह तक स्पष्ट हो जाएगा. आप लोग को हर चीज की जानकारी मिल जाएगी.
बिहार विधान परिषद् की दो सीटों पर चुनाव के लिए 18 जनवरी को नामांकन का अंतिम दिन है। भाजपा ने अपने खाते की इन दोनों सीटों में से एक के लिए राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन का नाम तय कर दूसरी सीट VIP अध्यक्ष और मंत्री मुकेश सहनी के लिए छोड़ दी थी। पहले तो सहनी तैयार नहीं थे और वे राज्यपाल कोटे से जाना चाह रहे थे, लेकिन भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह के फोन आने के बाद वे तैयार हो गए। यह भी साफ हो गया कि मुकेश सहनी, सुशील मोदी वाली खाली सीट पर जाएंगे। यह सीट 41 माह के लिए खाली हो रही है। सहनी ने सोशल मीडिया पर कहा है कि 18 जनवरी को वे नामांकन करेंगे। वीआईपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह प्रवक्ता राजीव मिश्रा ने बताया कि सहनी, सुशील मोदी के राज्यसभा जाने के बाद खाली हुई सीट पर विधान परिषद् जाएंगे।
विधान परिषद् की जिन दो सीटों पर चुनाव है, उनमें एक का कार्यकाल 18 महीने है और दूसरे का 41 महीने। VIP ने जब यह कह दिया कि सहनी को 41 महीने वाली सीट के लिए हरी झंडी मिल गई है तो दूसरी सीट शाहनवाज हुसैन के लिए बचती है।
MLC की दोनों सीटों पर NDA की जीत तय
इन दोनों सीटों पर विपक्ष की ओर से अबतक उम्मीदवार नहीं दिया गया है और दिए जाने की उम्मीद भी बहुत कम है। कारण यह कि दोनों सीटों पर वोटिंग अलग-अलग होनी है और जीत उसी की होगी, जिसके पास विधानसभा का बहुमत है। NDA के पास फिलहाल अपने ही 125 विधायक हैं, जो बहुमत के आंकड़े 122 से तीन ज्यादा हैं। दूसरी तरफ विपक्ष के पास 110 विधायक हैं। असद्दुदीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के 5 के अलावा बसपा, निर्दलीय और लोजपा के एक-एक विधायक हैं।
र विधान परिषद् की दो सीटें खाली हुई हैं। एक सीट विनोद नारायण झा के विधान सभा चुनाव जीतने से खाली हुई है। इस सीट पर समय 18 माह (21 जुलाई 2022 तक) बच रहा है। दूसरी सीट सुशील कुमार मोदी के राज्यसभा जाने के बाद खाली हुई है। इसमें 41 महीने (6 मई 2024 तक) का समय बच रहा है। मुकेश सहनी पर भाजपा दबाव बनाती रही कि वह विनोद नारायण झा वाली सीट से विधान परिषद् जाएं, लेकिन सहनी राजी नहीं हुए। हालांकि उन्हें 72 महीने, यानी 6 साल वाली सीट भी नहीं मिली। उन्हें 41 माह वाली सीट दी गई।