कैपिटल हिल हिंसा को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुश्किलें बढ़ गईं हैं. उन्हें उनके कार्यकाल से पहले ही हटाने की मांग तेज हो गई है. इस बीच, अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर और ट्रंप की धुर विरोध नेंसी पेलोसी ने स्पष्ट कर दिया है कि डोनाल्ड ट्रंप को महाभियोग का सामना करना होगा. उन्होंने कहा कि सदन ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही को आगे बढ़ाएगा. पेलोसी ने रविवार रात डेमोक्रेट सांसदों को भेजे एक पत्र में कहा है कि राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया जाएगा.
क्या Pence भी हैं नाराज?
अमेरिकी संसद भवन में भड़की हिंसा पर डेमोक्रेट्स को कुछ रिपब्लिकन नेताओं का साथ भी मिल रहा है. माना जा रहा है कि उप राष्ट्रपति माइक पेंस भी डोनाल्ड ट्रंप से नाराज हैं. यदि ट्रंप के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव आता है, तो यह दूसरा मौका होगा जब उन्हें इस तरह की स्थिति का सामना करना होगा. पेलोसी ने अपने पत्र में लिखा है कि जिन्होंने हमारे लोकतंत्र पर हमला करने के लिए लोगों को उकसाया, उन्हें दोषी ठहराया जाना बेहद जरूरी है. इस बात को चिह्नित करना जरूरी है कि इस कृत्य को एक राष्ट्रपति द्वारा बढ़ावा दिया गया.
बताया क्यों हटाना है जरूरी
अपने पत्र में नेंसी पेलोसी ने कहा है कि डोनाल्ड ट्रंप का राष्ट्रपति पद पर बने रहना अमेरिका के लिए खतरनाक है. क्योंकि इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि वो कैपिटल हिल हिंसा जैसी घटनाओं के लिए अपने समर्थकों को फिर से नहीं भड़काएंगे. इसलिए जल्द से जल्द महाभियोग लाकर उन्हें पद से हटाया जाना चाहिए. इससे पहले, पेलोसी ने एक बयान में कहा था कि संसद सदस्य उम्मीद करते हैं कि ट्रंप तत्काल इस्तीफा दे देंगे. लेकर अगर वह ऐसा नहीं करते तो मैंने रूल्स कमेटी को निर्देश दिया है कि वे सांसद जेमी रस्किन के 25वें संशोधन और महाभियोग के प्रस्ताव के साथ आगे बढ़ें.
वहीं, अमेरिका के भावी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी ट्रंप पर कार्रवाई करने को लेकर दबाव बढ़ा दिया है. उन्होंने बिना नाम लिए एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा है कि कानून किसी ताकतवर इंसान को बचाने के लिए नहीं है. बाइडेन ने लिखा, ‘हमारा राष्ट्रपति कानून से ऊपर नहीं है. न्याय आम जनता की सेवा के लिए होता है. किसी ताकतवर इंसान को बचाने के लिए नहीं’. बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप समर्थकों ने हाल ही में अमेरिकी संसद भवन में हिंसा और तोड़फोड़ की थी. इस हिंसा में 5 लोग मारे गए हैं.