कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसानों का आंदोलन आज 63वें दिन में प्रवेश कर गया है. किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हैं, लेकिन उनका अब कोई नेतृत्व नहीं है. नेतृत्वविहान रही ट्रैक्टर परेड के दौरान किसानों ने मंगलवार को दिल्ली में बवाल मचाया. सबसे शर्मनाक बात ये थी कि दंगाई किसानों ने लाल किले पर चढ़कर एक विशेष संगठन का झंडा लगा दिया. ये कह सकते हैं कि किसान ट्रैक्टर परेड के लिए नहीं, बल्कि दिल्ली में हिंसा फैलाने के लिए आए थे. लेकिन अब विडंबना यह है कि आंदोलन के नेतृत्व और समर्थन कर रहे नेता कल की घटना से अपना पल्ला झाड़ रहे हैं. फिलहाल इस हिंसा को लेकर पुलिस एक्शन मोड़ में है और मुकदमे दर्ज किए गए हैं. 26 जनवरी को उग्र भीड़ के हमले में घायल पुलिस वालों की संख्या पहुंची 230, जिसमें दिल्ली के बाहरी जिले में 70 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं .बुधवार की सुबह तक 22 मामले दर्ज किए जा चुके हैं.
गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा में बुधवार की सुबह तक 22 मामले दर्ज किए जा चुके हैं. दिल्ली पुलिस ने इसकी जानकारी दी है. वहीं मंगलवार पूरे दिन चले इस घटनाक्रम में 86 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. रैली के रूट से हटकर उग्र होकर लाल किले में पहुंचे सभी प्रदर्शनकारियों को किले से बाहर निकाल दिया गया है और पूरे किले में भारी फोर्स की तैनाती की गई है. लाल किला मेट्रो स्टेशन पर प्रवेश को बंद कर दिया गया है, हालांकि, निकासी की अनुमति है. बाकी मेट्रो स्टेशनों पर सेवाएं सामान्य रूप से चल रही हैं.
पुलिस ने बताया कि ज्यादातर मुकरबा चौक, गाज़ीपुर, आईटीओ, सीमापुरी, नांगलोई टी पॉइंट, टिकरी बॉर्डर और लाल किले पर हुई हिंसा के मामले 86 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और आठ बसों सहित 17 निजी गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया गया है. गाज़ीपुर, सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड्स भी तोड़े थे.
पुलिस ने अपने बयान में क्या कहा है?
पुलिस ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ने दिल्ली पुलिस के साथ कई बैठकें की थीं और आश्वासन दिया था कि प्रस्तावित योजना के तहत शांतिपूर्ण रैली निकाली जाएगी. लेकिन मगलवार की सुबह रैली शुरू होने के बहुत पहले- सुबह 8 बजे से ही बवाल शुरू हो गया. पुलिस के मुताबिक, सिंघु बॉर्डर पर सुबह साढ़े आठ बजे तक कम से कम 6,000 से 7,000 ट्रैक्टर इकट्ठा हुए थे और तय किए गए रूट की बजाय सेंट्रल दिल्ली में जाने देने की मांग कर रहे थे.
पुलिस के बयान में कहा गया है, ‘दिल्ली पुलिस के मनाने के बावजूद, घोड़ों पर निहंगो, जो तलवार, कृपाण और फरसा वगैरह से सुसज्जित थे, उनके नेतृत्व में किसान पुलिस पर हावी हो गए और कई लाइनों की बैरिकेडिंग तोड़ दी, जो मुबरका चौक और ट्रांसपोर्ट नगर के बीच में लगाए गए थे.’ पुलिस ने अपने बयान में यह भी कहा है कि आईटीओ में- जहां पुलिस का हेडक्वार्टर है- वहां गाज़ीपुर और सिंघु बॉर्डर से किसानों का बड़ा समूह आया था और नई दिल्ली की ओर जाने की कोशिश कर रहा था. यहां उन्हें रोका गया तो हिंसा शुरू हो गई.
किसान ‘हिंसक हो गए और बैरिकेडिंग तोड़ दी, लोहे की छड़ों को नुकसान पहुंचाया. यहां तक कि बैरिकेडिंग पर तैनात पुलिसकर्मियों पर पर उन्होंने गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की.’ और फोर्स बुलाने के बाद हालात काबू में किए जा सके. पुलिस ने कहा कि इसके बाद किसान लाल किले की ओर बढ़ गए.
क्राइम ब्रांच करेगी दिल्ली में हुई हिंसा की जांच-सूत्र
दिल्ली में 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुए उपद्रव की जांच क्राइम ब्रांच करेगी। क्राइम ब्रांच की SIT बनाने की तैयारी। सूत्रों के हवाले से खबर
दिल्ली में कई जगह पर रास्ते बंद
कल हुई हिंसा के बाद आज दिल्ली में कई जगह पर रास्ते बंद किये गए हैं। गाजीपुर फूल मंडी, एनएच -9 और एनएच 24 भी आज बंद है। इसके साथ ही मिन्टो रोड से कनॉट प्लेस जाने वाला रास्ता बंद है। साथ ही कालिंदी कुंज से नोएडा आने-जाने वाले दोनों लेन बंद हैं।
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि जिसने झंडा फहराया वो कौन आदमी था? एक कौम को बदनाम करने की साज़िश पिछले 2 महीने से चल रही है. कुछ लोग को चिंहित किया गया है, उन्हें आज ही यहां से जाना होगा. जो आदमी हिंसा में पाया जाएगा उसे स्थान छोड़ना पड़ेगा और उसके खिलाफ कार्रवाई होगी.
गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हुई हिंसा से देश शर्मसार है. गणतंत्र दिवस के मौके हुई हिंसा पर देश ने जो कुछ देखा, ऐसा इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ था. उपद्रवी लाल किले की प्राचीर पर चढ़ गए. उपद्रवियों ने ना सिर्फ कुछ समय के लिए लाल किले पर कब्जा किया बल्कि अपना झंडा भी फहरा दिया. अब किसानों का एक बड़ा वर्ग इस घटना का आरोप कुछ चुनिंदा लोगों पर लगा रहा है. किसान नेताओं ने लाल किले पर हुए प्रदर्शन का जिम्मेदार दीप सिद्धू (Deep Siddhu) को ठहरा दिया है. घटना के बाद से ही दीप सिद्धू फरार है. एनआईए ने उसे समन जारी किया है. हालांकि उसने फेसबुक पर आकर कहा है ‘हमने प्रदर्शन के अपने लोकतांत्रिक अधिकार के तहत निशान साहिब का झंडा लाल किले पर फहराया लेकिन भारतीय झंडे को नहीं हटाया गया.’
एक्टिविस्ट योगेंद्र यादव ने भी कहा कि दीप सिद्धू और गैंगेस्टर से नेता बने लखा सिधाना ने पिछली रात सिंघु बॉर्डर पर भी किसानों को भड़काने की कोशिश की. योगेन्द्र यादव ने पूरे मामले की जांच कराने को कहा है.
कौन है दीप सिद्धू
दीप सिद्धू का जन्म 1984 में पंजाब के मुक्तसर जिले में हुआ, फिर उन्होंने आगे लॉ की पढ़ाई की. किंगफिशर मॉडल हंट अवार्ड जीतने से पहले वह कुछ दिन बार के सदस्य भी रहे. साल 2015 में दीप सिद्धू की पहली पंजाबी फिल्म ‘रमता जोगी’ रिलीज हुई. हालांकि उन्हें प्रसिद्धि साल 2018 में आई फिल्म जोरा दास नुम्बरिया से मिली, जिसमें उन्होंने गैंगेस्टर का रोल निभाया है.
यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि साल 2019 में एक्टर सनी देओल ने जब गुरुदासपुर से लोकसभा चुनाव लड़ा था, तो अपने चुनाव कैंपेन की टीम में दीप सिद्धू को भी रखा था. हालांकि लाल किले पर हुई हिंसक घटना के बाद सनी देओल ने एक ट्वीट करते हुए कहा है ‘मेरा या मेरे परिवार का दीप सिद्धू से कोई संबंध नहीं है.’
दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में मंगलवार को हुई हिंसा के मामले में पुलिस की ओर से कुल 22 एफआईआर दर्ज की गई है. 4 ईस्टर्न रेंज, एक द्वारका के बाबा हरिदास नगर पुलिस स्टेशन, एक नजफगढ़, एक उत्तम नगर में दर्ज की गई है. दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने 4 और FIR दर्ज किए हैं. इनमें से एक पांडव नगर, दो गाजीपुर थाने और एक सीमापुरी थाने में दर्ज की गई है. प्रदर्शनकारियों पर 8 बसें, 17 गाड़ियां, 4 कंटेनर और 300 से ज्यादा बैरिकेड तोड़ने के आरोप हैं.
वहीं, बताया जा रहा है कि ट्रैक्टर परेड हिंसा में घायल हुए पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ती जा रही है. अब तक 230 पुलिसकर्मी घायल हो चुके हैं. इसमें से कई हालत गंभीर बताई जा रही है. 45 पुलिसकर्मियों को सिविल लाइन अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती करवाया गया है. वहीं, 18 पुलिसकर्मी LNJP अस्पताल में भर्ती हैं. ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा में दिल्ली पुलिस के 200 से ज्यदा जवान घायल हो गए. नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट के करीब 45 पुलिसकर्मियों को सिविल लाइन अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती करवाया गया है. वहीं, 18 पुलिसकर्मी LNJP अस्पताल में भर्ती हैं. कई पुलिसकर्मियों की हालत नाजुक बताई जा रही है.