कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है. इस बार उन्होंने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिकी टैरिफ नीति को लेकर घेरा है. राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में कहा कि मोदी सरकार अमेरिका के दबाव में आने वाली है और ट्रंप की तय समयसीमा के सामने झुक जाएगी.
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “पीयूष गोयल चाहे जितना सीना ठोक लें, मेरी बात लिख लीजिए, मोदी ट्रंप की टैरिफ डेडलाइन के सामने चुपचाप झुक जाएंगे.” कांग्रेस नेता ने ये बयान ऐसे समय पर दिया है जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक शुल्क (Tariff) को लेकर तनाव बना हुआ है.
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर कुछ सामानों पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने की चेतावनी दी थी. इस मुद्दे पर केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया को लेकर विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है.
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने क्या कहा था?
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि भारत व्यापार समझौते अपनी शर्तों पर करता है. अमेरिका, यूरोपीय संघ, न्यूजीलैंड, ओमान, चिली और पेरू जैसे देशों के साथ बातचीत चल रही है. उन्होंने कहा कि भारत तभी समझौता करता है जब दोनों देशों को फायदा हो और भारत के हित सुरक्षित रहें. हमारे लिए देश का हित सबसे जरूरी है. पीयूष गोयल ने यह भी कहा कि भारत किसी भी डेडलाइन के दबाव में समझौता नहीं करता. जब कोई सौदा देश के लिए अच्छा होता है, तभी हम उसे मंजूरी देते हैं.
9 जुलाई को खत्म हो रही है टैरिफ में छूट की डेडलाइन
दरअसल, भारत की ओर से यह साफ संदेश दिया गया है कि वह किसी दबाव में आकर व्यापार समझौता नहीं करेगा. यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लगभग 100 देशों पर जवाबी टैरिफ लगाए थे, जिनमें भारत पर 26% टैरिफ लगाया गया था. हालांकि बाद में अमेरिका ने इन टैरिफ को 90 दिनों के लिए टाल दिया था, लेकिन यह छूट 9 जुलाई को खत्म हो रही है. इसी वजह से इस व्यापार डील को लेकर चर्चा तेज हो गई है.
पीयूष गोयल बोले-अमेरिका से डील तभी जब दोनों का फायदा
अमेरिका से ट्रेड डील पर जारी बातचीत के बीच केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत समयसीमा के आधार पर व्यापार समझौता नहीं करता। गोयल ने कहा, ‘भारत अमेरिका से ट्रेड डील तभी स्वीकार करेगा जब यह अंतिम रूप ले ले और देशहित में हो।’
गोयल ने शुक्रवार को कहा कि भारत की अमेरिका के अलावा यूरोपीय यूनियन, न्यूजीलैंड, ओमान, चिली व पेरू सहित विभिन्न देशों से मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत जारी है। अमेरिका से अंतरिम ट्रेड डील के सवाल पर गोयल ने कहा, यह तभी होगा जब दोनों पक्षों का फायदा हो।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 2 अप्रैल को भारत से आयात पर 26% का अतिरिक्त जवाबी शुल्क लगाया था। हालांकि, इसे 90 दिन के लिए यानी 9 जुलाई तक टाल दिया गया। समयसीमा खत्म होने के पहले भारत और अमेरिका अंतरिम व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने लगे हैं।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका से लौटा, पर कुछ मुद्दे लंबित
भारत-अमेरिका में अंतरिम ट्रेड डील पर चल रही बातचीत अंतिम दौर में है। मुख्य वार्ताकार राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका से लौट आया है। हालांकि कृषि और ऑटोमोबाइल क्षेत्र से जुड़े मुद्दों पर सहमति अब भी लंबित है।
डील को लेकर भारतीय प्रतिनिधिमंडल दो शर्तों पर अडिग
- पहला- भारत पर ट्रम्प टैरिफ को किसी भी सूरत में 10% या फिर इससे कम ही रखा जाए। ट्रम्प की ओर से अप्रैल में भारत पर लगाए गए 26% टैरिफ को कतई स्वीकार नहीं किया जाएगा।
- दूसरा भारत की MSME (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम ईकाई) को अमेरिकी बाजार में अनुकूल हालात मुहैया कराया जाए। इसमें लेदर, गारमेंट, जेम्स-जूलरी और फार्मा मुख्य हैं।
भारत का कहना है कि GSP (जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंस) की तर्ज पर भारतीय उत्पादों पर जीरो टैरिफ की कैटेगरी बने। 2019 तक लागू GSP से लगभग 20% भारतीय उत्पादों को टैरिफ नहीं चुकाना पड़ता था।
2 जुलाई को ट्रम्प बोले- जल्द होगी भारत से डील
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने उम्मीद जताई है कि भारत-अमेरिका के बीच जल्द ट्रेड डील होगी, टैरिफ भी कम रहेंगे। मीडिया से बातचीत में ट्रम्प ने कहा, भारत के साथ ट्रेड डील कुछ अलग होगी।भारत टैरिफ के मामले में किसी भी देश को रियायत नहीं देता है। लेकिन मेरा मानना है कि इस बार की ट्रेड डील से दोनों देशों को फायदा मिलने वाला है।

अमेरिकी रक्षा मंत्री बोले- भारत से लंबित रक्षा सौदे जल्द होंगे
अमेरिकी रक्षा मंत्री कहा है कि भारत के किए गए रक्षा सौदे ज अमेरिका ने भारत को जो रक्षा उपकरण दिए हैं, उनका भारतीय सेना सफलतापूर्वक उपयोग कर रही है।
हेगसेथ ने 10 साल के नए रक्षा समझौते पर जल्द हस्ताक्षर की उम्मीद जताई। हेगसेथ बोले, दोनों देशों में सैन्य सहयोग बढ़ेगा।

साल के आखिर तक फाइनल हस्ताक्षर होने की संभावना
रिपोर्ट के अनुसार, दोनों पक्ष इस ट्रेड डील को 2030 तक प्रस्तावित 43 लाख करोड़ (500 अरब डॉलर) के द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) की पहली कड़ी मान रहे हैं।
उनका मानना है कि ये डील द्विपक्षीय डील का आधार बनेगी। पीएम नरेंद्र मोदी की फरवरी में अमेरिका यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच ट्रेड 2030 के समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे।
इस साल सितंबर-अक्टूबर तक दोनों देशों के बीच इस पर फाइनल हस्ताक्षर होने की संभावना है। दोनों देशों के प्रतिनिधियों का कहना है कि व्यापार को बढ़ाने के लिए टैरिफ को घटाने पर साझा कार्रवाई हो।
भारत कुछ अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर टैरिफ कम करेगा
भारत का कहना है कि अमेरिका यदि भारत के साथ वर्तमान में चल रहे व्यापार घाटे को कम करना चाहता है तो उसे कुछ सेक्टरों में भारतीय उत्पादों के लिए बेहतर माहौल देना पड़ेगा।
भारत ने कुछ अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर टैरिफ में कमी करने का ऐलान कर भी दिया है। अब अमेरिका के पाले में गेंद है।
जेपी मॉर्गन की रिपोर्ट के अनुसार यदि 9 जुलाई के बाद भी कई देशों पर ट्रम्प के टैरिफ लागू रहते हैं तो अमेरिकी कर्मचारियों को 7 लाख करोड़ का अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ सकता है।
ट्रेड डील नहीं होने से भारत पर 26% टैरिफ लगेगा
भारत और अमेरिका के बीच अगर 9 जुलाई तक कोई समझौता नहीं हुआ हुआ तो भारत पर 26% टैरिफ लग सकता है। इस दिन से ट्रम्प के सस्पेंडेड टैरिफ दोबारा लागू होंगे।
ट्रम्प ने 2 अप्रैल को दुनियाभर के करीब 100 देशों पर टैरिफ बढ़ाने का ऐलान किया था। इसमें भारत पर 26% टैरिफ लगा। फिर 9 अप्रैल को ट्रम्प प्रशासन ने इसे 90 दिनों के लिए टाल दिया।
ट्रम्प ने ये समय भारत जैसे देशों को डील पर फैसले लेने के लिए दिया है। न्यूज एजेंसी ANI ने एक सीनियर अधिकारी के हवाले से बताया कि अगर बातचीत नाकाम रहती है, तो 26% का टैरिफ स्ट्रक्चर तुरंत प्रभाव से फिर से लागू हो जाएगा