जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बर्बर आतंकवादी हमले के बाद भारत ने दुश्मनों और उनके रक्षकों को मिट्टी में मिलाने का ऐलान किया था. भारत के रणबांकुरों ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों, उनके ठिकानों और पड़़ोसी देश की सेना को ऐसा सबक सिखाया जिसे वे लंबे समय तक याद रखेंगे. अब भारत ऐसा कदम उठाने जा रहा है, जिससे प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और उनके देश का चेहरा दुनिया के सामने बेनकाब हो जाएगा. इसके साथ ही पाकिस्तान के यार चीन और तुर्किये की हकीकत भी दुनिया के सामने आएगी. भारत मंगलवार दोपहर 3:30 बजे नई दिल्ली में विभिन्न देशों के डिफेंस अताशे (Defence Attache – DA) को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के हर पहलू से अवगत कराएगा. दुनिया के विभिन्न देशों के सामने टेक्निकल डिटेल भी रखी जाएगी और उसके बारे में विस्तार से बताया जाएगा.
इंडियन आर्म्ड फोर्सेज महत्वपूर्ण जानकारी और ऑपरेशनल डेटा साझा करेंगे, जिसमें स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम की परफॉर्मेंस और 7 से 10 मई के बीच किए गए स्ट्राइक मिशन के परिणाम शामिल हैं. सूत्रों ने पुष्टि की है कि इस सत्र में कई घटनाक्रमों पर चर्चा होगी, जिसमें इंडियन एयरफोर्स द्वारा चीनी और तुर्किये निर्मित ड्रोनों और पीएल-15 मिसाइलों को नष्ट करना शामिल है. यह कदम डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई के मीडिया संबोधन के एक दिन बाद उठाया गया है. उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में मिले बजटीय और नीतिगत समर्थन ने एक मजबूत मल्टी लेवल एयर डिफेंस ग्रिड बनाने में मदद की. यह सिस्टम 9 और 10 मई को पाकिस्तान के जवाबी हवाई हमलों के दौरान एक निर्णायक ढाल साबित हुई.
रखी जाएंगी महत्वपूर्ण बातें
लेफ्टिनेंट जनरल घई ने कहा था कि हमारे सिस्टम ने शानदार प्रदर्शन किया और स्वदेशी आकाश मिसाइल सिस्टम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. बताया जा रहा है कि डिफेंस अताशे को दी जाने वाली ब्रीफिंग में सोमवार शाम करीब 5 बजे भारतीय और पाकिस्तानी डीजीएमओ के बीच हुई हॉटलाइन बातचीत का विवरण भी शामिल होगा. लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई और उनके पाकिस्तानी समकक्ष मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर शांति बहाल करने के तरीकों पर चर्चा की और 10 मई को पाकिस्तान के अनुरोध पर भारतीय ऑपरेशन रुकने के बाद बनी युद्धविराम सहमति को बनाए रखने की प्रतिबद्धता दोहराई. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान ने संघर्ष को नहीं बढ़ाने की बात कही और युद्धविराम समझौते का पालन करने की इच्छा जताई. दोनों सैन्य नेताओं के बीच हॉटलाइन पर हुई बातचीत में आगे चलकर संयम बनाए रखने और स्थिति पर नजर रखने पर भी चर्चा हुई.
इस बीच, सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सैन्य तनाव खत्म करने वाली सहमति के बाद पहली बार राष्ट्र को संबोधित किया. उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ भारत के कड़े रुख को दोहराया और कहा कि नई दिल्ली इस्लामाबाद के साथ केवल आतंकवाद और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) से संबंधित मुद्दों पर ही बात करेगी. पीएम मोदी ने कहा था कि कश्मीर मुद्दे को पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के निरंतर निर्यात से अलग करके नहीं देखा जा सकता. उन्होंने आतंकवादी संगठनों को संरक्षण देने और बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान की सेना और सरकार की कड़ी आलोचना की. उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह के समर्थन से उनका पतन हो सकता है. प्रधानमंत्री मोदी की यह टिप्पणी उन रिपोर्टों के बीच आई है, जिनमें कहा गया है कि पाकिस्तान ने संघर्ष विराम के लिए कुछ शर्तें रखी हैं, जिसमें सिंधु जल संधि को पुनर्जीवित करने का प्रस्ताव भी शामिल है.