देश के मौजूदा मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार का कार्यकाल 18 फरवरी को समाप्त हो रहा है, उनके कार्यकाल के समाप्त होने के बाद देश का अगला मुख्य चुनाव आयुक्त कौन होगा? इस सवाल का जवाब आज मिल जाएगा क्योंकि आज पीएम मोदी की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय समिति की दिल्ली में बैठक होने जा रही है, जिसमें नए मुख्य चुनाव आयुक्त के नाम पर मुहर लग जाएगी। तीन सदस्यीय कमेटी में कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी शामिल हैं। बैठक के बाद चयन समिति द्वारा प्रस्तावित नाम को मंजूरी दी जाएगी और फिर इस नाम का ऐलान किया जाएगा।
कौन होगा मुख्य चुनाव आयुक्त
वर्तमान मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के बाद सबसे सीनियर चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार हैं, जिनका कार्यकाल 26 जनवरी 2029 तक है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि ज्ञानेश कुमार को अगले मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में चुना जा सकता है। हालांकि इस रेस में अन्य कई वरिष्ठ अधिकारी भी हैं, जिन्हें यह जिम्मेदारी दी जा सकती है।
कौन तय करता है नाम, कैसे होती है नियुक्ति
बता दें कि केंद्र सरकार ने चुनाव आयुक्त और मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए उनकी नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यकाल अधिनियम, 2023 को लागू किया है। इस नए अधिनियम के तहत देश के प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और पीएम द्वारा नियुक्त एक केंद्रीय मंत्री की तीन सदस्यीय समिति चुनाव आयुक्त और मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की सिफारिश करेगी। सिफारिश से पहले, एक सर्च कमिटी पांच नामों को शॉर्टलिस्ट करेगी और फिर चयन समिति इनमें से एक नाम को तय करेगी।
इस नए अधिनियम के तहत तीन सदस्यीय चयन कमेटी के पास अधिकार है कि वो शॉर्ट लिस्ट किए गए उम्मीदवार या उससे अलग भी किसी अन्य कैंडिडेट के नाम की सिफारिश कर सकती है। इसके बाद चयन कमेटी तय किए गए नाम को राष्ट्रपति के पास भेजेगी। उसके बाद राष्ट्रपति इस कैंडिडेट के नाम पर अंतिम मुहर लगाएंगे और फिर इसका नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। इसके बाद नियुक्त मुख्य चुनाव आयुक्त या चुनाव आयुक्त, निर्वाचन आयोग में अपने पद की शपथ लेगा और अपने कामकाज को संभालेगा।
क्या हैं जरूरी शर्तें, कितना मिलता है वेतन
कानून के मुताबिक, मुख्य चुनाव आयुक्त बनने के लिए उम्मीदवार को भारत सरकार के सचिव-स्तर का अधिकारी होना चाहिए।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों का वेतन सुप्रीम कोर्ट के जज के समान होता है।
मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त का कार्यकाल 6 साल या 65 वर्ष की आयु तक रहेगा।
सीईसी की सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष और चुनाव आयुक्तों की 62 वर्ष होती है।
मुख्य चुनाव आयुक्त के पास क्या होते हैं अधिकार
सबसे बड़ा अधिकारी मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) होता है और उनके अंडर में चुनाव आयुक्त (EC) होते हैं।
लोकसभा चुनाव या विधानसभा चुनाव के ऐलान के बाद आचार संहिता लागू करने की जिम्मेदारी और फिर पूरे प्रशासनिक मशीनरी की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की होती है।
ट्रांसफर से लेकर पोस्टिंग तक चुनाव आयोग के आदेश पर होती है।
राज्य में चुनाव आयुक्त की नियुक्ति राज्यपाल करते हैं।