प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक साथ मिलकर आतंक के खिलाफ पाकिस्तान को आह्वान किया है। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि पाकिस्तान 26/11 के मुंबई हमलों के साजिशकर्ताओं को न्याय के कठघरे में लाने के लिए अपने प्रयास में ‘तेजी’ लाए। ट्रंप ने इस नृशंस हमले के मुख्य साजिशकर्ता तहव्वुर राणा को भारत को प्रत्यर्पित करने को मंजूरी देने की घोषणा की है।
आतंक के मुद्दे पर हुई खास बातचीत
दूसरे कार्यकाल के लिए अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद अपनी पहली द्विपक्षीय बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति ने गुरुवार (भारतीय समयानुसार शुक्रवार) को व्हाइट हाउस (अमेरिकी राष्ट्रपति का आधिकारिक कार्यालय एवं आवास) में पीएम मोदी की मेजबानी की। दोनों नेताओं ने आतंक के मुद्दे पर मुखरता से अपना पक्ष रखा और पाकिस्तान को चेतावनी भी दी।
तहव्वुर राणा को प्रत्यर्पित करने को ट्रंप ने दी मंजूरी
पीएम मोदी के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की कि उनके प्रशासन ने दुनिया के ‘सबसे बुरे लोगों’ में से एक (तहव्वुर राणा) को भारत प्रत्यर्पित करने को मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा, ‘वह न्याय का सामना करने के लिए भारत वापस जा रहा है।’ अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘हम उसे तुरंत भारत वापस भेज रहे हैं।’
पीएम मोदी ने ट्रंप को कहा धन्यवाद
ट्रंप ने कहा कि इस तरह के और प्रत्यर्पण हो सकते हैं क्योंकि हमारे पास (भारत से) काफी अनुरोध हैं। मोदी ने इस फैसले के लिए ट्रंप को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, ‘मैं राष्ट्रपति का आभारी हूं कि उन्होंने 2008 में भारत में हत्याओं को अंजाम देने वाले अपराधी को अब भारत को सौंपने का फैसला किया है। भारतीय अदालतें अब उचित कार्रवाई करेंगी।’
आतंकवाद को ‘खत्म’ करने के लिए ठोस कार्रवाई जरूरी
पीएम मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में ‘मजबूती से एक साथ’ खड़े हैं और दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हैं कि सीमा पार आतंकवाद को ‘खत्म’ करने के लिए ठोस कार्रवाई जरूरी है। संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने मुंबई हमलों जैसे जघन्य कृत्यों को रोकने के लिए अल-कायदा, आईएसआईएस, जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा सहित आतंकवादी समूहों से आतंकी खतरों के खिलाफ सहयोग को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्धता जताई।
आतंकवादियों के पनाहगाहों को खत्म किया जाना चाहिए
दोनों नेताओं ने इस बात की भी पुष्टि की कि आतंकवाद के ‘वैश्विक खतरे’ से लड़ा जाना चाहिए और दुनिया के हर कोने से आतंकवादियों के पनाहगाहों को खत्म किया जाना चाहिए। बयान के अनुसार, ‘उन्होंने 26/11 को मुंबई में हुए हमलों और 26 अगस्त, 2021 को अफगानिस्तान में एबी गेट बम विस्फोट जैसे जघन्य कृत्यों को रोकने के लिए अल-कायदा, आईएसआईएस, जैश-ए-मोहम्मद एवं लश्कर-ए-तैयबा सहित आतंकी समूहों से आतंकवादी खतरों के खिलाफ सहयोग को मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई।’
सीमा पार से न दिया जाए आतंकवादी हमलों को अंजाम
बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने भारतीय और अमेरिकी नागरिकों को नुकसान पहुंचाने वालों को न्याय के कठघरे में लाने की साझा इच्छा जताई, जबकि अमेरिका ने घोषणा की कि राणा को भारत प्रत्यर्पित करने को मंजूरी दे दी गई है। बयान में कहा गया, ‘ डोनाल्ड ट्रंप और पीएम मोदी ने पाकिस्तान से 26/11 मुंबई और पठानकोट हमलों के अपराधियों को शीघ्र न्याय के कठघरे में लाने तथा यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि उसकी सरजमीं का उपयोग सीमा पार आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए नहीं किया जाए।’
26/11 हमले में गई थीं 166 लोगों की जानें
बता दें कि 26 नवंबर, 2008 को 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों का एक समूह अरब सागर के जरिए मुंबई में घुसे थे। इन आतंकियों ने मुंबई के रेलवे स्टेशन, दो आलीशान होटलों एवं एक यहूदी केंद्र पर हमला किया था। लगभग 60 घंटे तक चले इस हमले में 166 लोग मारे गए थे, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया और यहां तक कि भारत और पाकिस्तान को युद्ध के कगार पर ला कर खड़ा किया था।
PM मोदी और राष्ट्रपति ट्रम्प ने जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले भी मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में दोनों नेताओं की कुछ अहम बातें..
मोदी के बयान की प्रमुख बातें…
अवैध अप्रवासी जो लोग अवैध रूप से दूसरे देशों में रहते हैं, उन्हें वहां रहने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। हमने हमेशा कहा है कि जो लोग भारत के नागरिक हैं और अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे हैं, उन्हें वापस लाने के लिए तैयार हैं।
मानव तस्करी सामान्य परिवारों के लोगों को बड़े-बड़े सपने दिखाए जाते हैं। उनमें से ज्यादातर को गुमराह करके लाया जाता है। अमेरिका और भारत दोनों को मिलकर इस सिस्टम को जड़ से खत्म करने की कोशिश करनी चाहिए।
आतंकवाद हम इस बात पर सहमत हैं कि सीमा के दूसरी तरफ से पैदा होने वाले आतंकवाद को खत्म करने के लिए ठोस कार्रवाई की जानी चाहिए। भारत में नरसंहार करने वाले एक अपराधी को प्रत्यर्पित करने के फैसले की तारीफ करता हूं।
रूस-यूक्रेन जंग दुनिया का नजरिया है कि भारत न्यूट्रल है, लेकिन भारत न्यूट्रल नहीं है, भारत का अपना पक्ष है शांति। समस्याओं का समाधान जंग से नहीं निकलता। वह टेबल पर चर्चा करके ही निकलता है। राष्ट्रपति ट्रम्प ने शांति का जो इनीशिएटिव लिया है, मैं उसका पूरी तरह से समर्थन करता हूं।
ट्रम्प के बयान की प्रमुख बातें…
टैरिफ इस मीटिंग में हमने हर पहलू पर चर्चा की है। हम भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी बढ़ाते रहेंगे। भारत 70% टैरिफ लगाता है।
खालिस्तान मुझे नहीं लगता के भारत के बाइडेन प्रशासन के साथ अच्छे संबंध थे। ऐसी बहुत चीजें हुईं, जो ठीक नहीं थी। हम अपराध को काबू करने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करेंगे।
भारत पर सख्ती भारत के साथ सख्ती दिखाकर चीन को कैसे हराएंगे? इसके जवाब में उन्होंने कहा- हम किसी को भी मात दे सकते हैं, लेकिन हम किसी को मात देने के बारे में नहीं सोचते।
भारत से व्यापार घाटा हम तेल, गैस और LNG की बिक्री के साथ घाटे के अंतर को बहुत आसानी से पूरा कर सकते हैं। इसके लिए हमने एक अहम समझौते पर दस्तखत किया है।
बांग्लादेश
बांग्लादेश में जारी सियासी उथल पुथल को लेकर राष्ट्रपति ने कहा कि मैं मैं बांग्लादेश का मुद्दा पीएम मोदी पर छोड़ता हूं।
अडाणी के मुद्दे पर बात नहीं
मीडिया ने PM मोदी से पूछा कि क्या राष्ट्रपति ट्रम्प के साथ मीटिंग में गौतम अडाणी के केस पर कोई चर्चा हुई। इस पर उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्तिगत मामलों के लिए दो देश के मुखिया न तो मिलते हैं, न बैठते हैं और न बात करते हैं।
क्या है मामला- अडाणी की कंपनी पर आरोप है कि उसने भारत में सोलर रिन्यूएबल एनर्जी के प्रोजेक्ट गलत तरीके से हासिल किए। इसके लिए सरकारी अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर यानी करीब 2,029 करोड़ रुपए रिश्वत देने की योजना बनाई। इसके अलावा अमेरिकी इन्वेस्टर्स और बैंकों से झूठ बोलकर पैसा इकट्ठा किया।
अमेरिकी रक्षा विभाग का सबसे महंगा विमान F-35 F-35 लड़ाकू विमान 5वीं जनरेशन का विमान है। इसे लॉकहीड मार्टिन ने डेवलप किया है। इस प्लेन को 2006 से बनाना शुरू किया गया था। 2015 से यह अमेरिकी वायुसेना का एक अहम हिस्सा है। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन के इतिहास में सबसे महंगा विमान F-35 ही है। अमेरिका एक F-35 फाइटर प्लेन पर 82.5 मिलियन डॉलर (करीब 715 करोड़ रुपए) खर्च करता है।
मोदी से मुलाकात के 2 घंटे पहले ट्रम्प ने दुनियाभर में टैरिफ लगाया अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ने PM मोदी से मुलाकात के 2 घंटे पहले भारत समेत सभी देशों पर जैसे को तैसा टैरिफ (रेसिप्रोकल टैरिफ) लगाने का ऐलान किया। रेसिप्रोकल टैरिफ यानी जो देश अमेरिकी सामान पर जितना टैरिफ लगाएगा, अमेरिका भी उस देश के सामान पर उतना ही टैरिफ लगाएगा।