सुप्रीम कोर्ट ने कन्हैया प्रसाद की जमानत याचिका खारिज कर दी है और ऐसे में अवैध बालू खनन मामले के मुख्य आरोपी कन्हैया प्रसाद की मुश्किलें बढ़ गईं हैं. उन पर फिर से गिरफ्तारी हो सकती है. पटना हाई कोर्ट से मिली कन्हैया प्रसाद को मिली जमानत को खारिज करते हुए पटना उच्च न्यायालय से जमानत को लेकर उच्चतम न्यायालय ने 16 पेज का विस्तृत आदेश जारी किया और जमानत याचिका सिरे से खारिज कर दिया. बता दें कि बालू के अवैध खनन मामले की जांच ईडी कर रही है और हाई कोर्ट से मिली जमानत के खिलाफ ईडी सुप्रीम कोर्ट गई थी.
बता दें कि हाईकोर्ट ने 6 मई 2024 को जमानत दी थी. हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ ईडी (ED) सुप्रीम कोर्ट गई थी और विशेष अपील के तहत SC का दरवाजा खटखटाया था. बता दें कि कन्हैया प्रसाद JDU MLC राधाचरण सेठ के है बेटे और अवैध बालू खनन की प्रमुख कंपनी ब्रॉडसन्स कमोडिटी प्राइवेट लिमिटेड का निदेशक भी हैं. अवैध खनन में नामजद दूसरी कंपनी आदित्य मल्टीकॉम में भी इसकी हिस्सेदारी है. ED ने कन्हैया को 18 सितंबर 2023 को गिरफ्तार किया था.
सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
बता दें कि इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि मनी लांड्रिंग रोकथाम अधिनियम(पीएमएलए) का उद्देश्य मनी लांड्रिंग रोकना है, जो देश की वित्तीय व्यवस्था के लिए खतरा है. मनी लांड्रिंग एक गंभीर अपराध है, जिसमें व्यक्ति अपना लाभ बढ़ाने के लिए राष्ट्र और समाज हित की अनदेखी करता है. इस अपराध को किसी भी तरह से क्षुद्र प्रकृति का अपराध नहीं कहा जा सकता. यह कानून मनी लांड्रिंग गतिविधियों से निपटने के लिए बनाया गया है. इसमें वित्तीय प्रणाली पर अंतरराष्ट्रीय प्रभाव डालने वाली मनी लांड्रिंग की गतिविधियां आती हैं, जिसका असर देशों की संप्रभुता और अखंडता पर भी पड़ता है.
सामान्य अपराधी से अलग है यह
सर्वोच्च अदालत ने कहा कि दुनिया भर में मनी लांड्रिंग को अपराध का गंभीर रूप माना गया है. इसमें शामिल अपराधी को सामान्य अपराधी से अलग वर्ग का माना जाता है. इन टिप्पणियों के साथ न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और प्रसन्ना बी. वराले की पीठ ने मनी लांड्रिंग के आरोपित कन्हैया प्रसाद को जमानत देने का पटना हाई कोर्ट का आदेश खारिज कर दिया. कोर्ट ने कन्हैया प्रसाद को एक सप्ताह के भीतर समर्पण करने का आदेश दिया.
गौरतलब है कि ईडी (ED) ने इस मामले में दो चार्जशीट भी दायर कर दी है जिसमें MLC राधाचरण सेठ कन्हैया प्रसाद अशोक कुमार गुप्ता समेत करीब डेढ़ दर्जन लोगों को आरोपी बनाया है. इसमें 500 करोड़ रुपये से अधिक के अवैध बालू खनन के जरिए राजस्व चोरी का आरोप गठित किया गया है. ED ने इस मामले में 13 आरोपियों को किया था गिरफ्तार जिसमें 2/3 को छोड़कर अन्य सभी को बेल मिल गई है. कन्हैया प्रसाद के बेल के आधार पर ही राधाचरण सेठ को भी जमानत मिली थी.