मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मच गई है और 9 लोगों के घायल होने की खबर है. घटना रविवार सुबह तीन से चार बजे के बीच की है. सौभाग्य से कोई जनहानि नहीं हुई. घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. BMC के आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, भीड़ में मची भगदड़ में 9 लोग घायल हो गए. बांद्रा टर्मिनस पर बांद्रा गोरखपुर एक्सप्रेस के लिए यात्रियों की भारी भीड़ थी.
यह घटना सुबह करीब 3 बजे की है. BMC ने बताया कि घायलों का इलाज किया जा रहा है और उनकी हालत स्थिर है. रेलवे के मुताबिक यह घटना तब हुई जब ट्रेन यार्ड से आ रही थी और यात्री उसे पर चढ़ने की कोशिश करने लगे. यह सभी अनरिजर्व्ड पैसेंजर थे और सीट चाह रहे थे इसीलिए ट्रेन में चढ़ने की कोशिश कर रहे थे. जिसके चलते यह हादसा हुआ.
श्चिम रेलवे CPRO विनीत अभिषेक हादसे पर बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि ’22 डब्बे की जनरल ट्रेन थी. रोजाना की तरह आज भी उसमें बैठने के लिए लोग घुसने की मशक्कत कर रहे थे. भीड़ को देखते हुए पुलिस वालों की संख्या हमेशा की तरह आज भी कम थी, भगदड़ मची और लोग घायल हुए.’
प्राप्त जानकारी के अनुसार साप्ताहिक चलने वाली बांद्रा गोरखपुर एक्सप्रेस री शेड्यूल हुई थी. गाड़ी 5 बजकर 10 मिनट पर छूटनी थी. लेकिन री शेड्यूल होने के बाद आज सुबह जब गाड़ी लगी तो प्लेटफॉर्म पर लेट आई. रात 3 से साढ़े 3 बजे के आसपास गाड़ी आते ही स्टेशन पर भीड़ ज्यादा होने से जनरल बोगी में चढ़ने के लिए लोगो की भीड़ इतनी ज्यादा थी कि भगदड़ मच गई.
घायलों को भाभा अस्पताल में कराया गया भर्ती
सुबह-सुबह बांद्रा गोरखपुर एक्सप्रेस में चढ़ने के लिए प्लेटफार्म नंबर एक पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी. इस भीड़ में भगदड़ मच गई. घायलों को भाभा अस्पताल में भर्ती कराया गया है. भाभा अस्पताल के एमओ डॉक्टर रितेश के मुताबिक, 9 लोग घायल हैं और उनमें से दो की हालत गंभीर है.
कौन-कौन हुए हैं घायल
गौरतलब है कि दिवाली की छुट्टियों के चलते ट्रेनों में काफी भीड़ है. सूत्रों ने बताया कि गोरखपुर एक्सप्रेस में चढ़ने के लिए बांद्रा स्टेशन पर इकट्ठा हुए यात्रियों के बीच हंगामा हो गया और उसके बाद भगदड़ मच गई. घायलों के नाम शब्बीर रहमान, परमेश्वर गुप्ता, रवींद्र चुमा, रामसेवक प्रजापति, संजय कांगेय, दिव्यांशु यादव, मोहम्मद शेख, इंद्रजीत सहनी, नूर शेख हैं. भगदड़ के बाद उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया.
गुजरात के उधना स्टेशन पर उमड़ी भीड़
औद्योगिक नगरी सूरत में लाखों प्रवासी मजदूर अपनी आजीविका के लिए काम करते हैं और अपने घर से दूर इस शहर में जिंदगी व्यतीत करते हैं। ये मजदूर दिवाली और छठ पूजा के त्योहार पर अपने गृह राज्य लौटते ही हैं। मजदूर हों या छात्र या कोई और जो भी घर से दूर रहते हैं वो दिवाली और छठ के लिए घर लौटते हैं । इस कारण रेलवे स्टेशन पर हर साल की तरह इस साल भी भारी भीड़ देखने को मिल रही है। पिछले वर्ष हुई एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद, इस बार प्रशासन ने यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए पुख्ता इंतजाम किए है।
अपने गृहराज्य पहुंचने के लिए सूरत के उधना स्टेशन पर आजकल रातभर चहल पहल नजर आती है। रात से ही यात्रियों की लंबी-लंबी कतारें लगनी शुरू हो जाती हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार ओर अन्य राज्यों से रोजी रोटी के लिए आए लोग अपने गृहराज्य पहुंचने के लिए बेताब हैं। सभी को दिवाली और छठ पूजा का त्योहार अपने गांव और परिवार के साथ मनाना है। उत्तर भारत की ओर जाने वाली सभी ट्रेनें चार महीने पहले ही फूल हो चुकी है। पश्चिम रेलवे ने यात्रियों को भीड़ को देखते हुए 100 से अधिक स्पेशल ट्रेनें चलाई है लेकिन वो सभी ट्रेनें हाउसफुल हो चुकी है।
प्रशासन ने की है पुख्ता व्यवस्था
आज सुबह उधना रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ को देखते हुए रेलवे प्रशासन एलर्ट पर है। सभी यात्रियों को ट्रेन में बैठाने की व्यवस्था की गई है और पुलिस बंदोबस्त भी लगाया गया है। इतना प्रबंध करने के बाद भी यात्रियों की परेशानी कम नहीं हो रही है। यात्रियों का कहना है कि बिना टिकट रेलवे प्लेटफॉर्म पर दाखिल नहीं होने देने की वजह से हमें टिकट के लिए 4 से 5 घंटे लाइन में खड़े रहना पड़ता है। टिकट मिलने के बाद भी हमें प्लेटफॉर्म तक जाने के लिए ओर भी दो से तीन घंटे का समय लगता है। प्रशासन ने ट्रेनों की संख्या में वृद्धि जरूर की है, पर भीड़ के आगे वह न काफी है। विशेष गाड़ियों में तो जगह मिलना बहुत ही मुश्किल है। यात्री और भी अधिक विशेष गाड़ी चलाने की मांग कर रहे है और उनकी यात्रा को सुगम बनाई जाय।
सूरत में कुल 75 लाख की कुल आबादी में प्रवासी मजदूरों की संख्या 55 लाख से भी अधिक है। सबको एक साथ दिवाली और छठ पूजा का त्योहार अपने परिवार के साथ अपने गांव में ही मनाना है। प्रशासन हर साल गाड़ियों की संख्या बढ़ाता है फिर भी इतने प्रवासी मजदूरों को भेजना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है।