एशिया पावर इंडेक्स (Asia Power Index) में जापान को पछाड़कर भारत तीसरा सबसे ताकतवर देश बन गया है। बुधवार को भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी। मंत्रालय ने बताया कि भारत के तेज आर्थिक विकास, युवा जनसंख्या, अर्थव्यवस्था का विस्तार की वजह से भारत की स्थिति बेहतर हुई है। साथ ही ये भारत की दुनिया में बढ़ती साख को भी दर्शाता है।
एशिया प्रशांत क्षेत्र के ताकतवर देशों की सूची दर्शाता है एशिया पावर इंडेक्स
मंत्रालय ने बयान में कहा कि ‘एक बड़े बदलाव के तहत भारत ने जापान को पछाड़कर एशिया पावर इंडेक्स में तीसरे सबसे ताकतवर देश का दर्जा हासिल किया है। ये भारत की दुनियाभर में बढ़ रही साख को दर्शाता है।’ एशिया पावर इंडेक्स की शुरुआत साल 2018 में लॉवी इंस्टीट्यूट द्वारा की गई थी। इसमें एशिया प्रशांत क्षेत्र में सालाना आधार पर ताकतवर देशों की एक सूची तैयार की जाती है। इसमें एशिया प्रशांत के 27 देशों की स्थिति का आकलन किया जाता है।
मंत्रालय ने बताया कि एशिया पावर इंडेक्स में पता चला है कि क्षेत्रीय ताकतों की सूची में भी भारत की स्थिति लगातार बेहतर हो रही है और भारत का प्रभाव भी बढ़ रहा है। भारत के उछाल में सबसे अहम फैक्टर इसका आर्थिक विकास है। मंत्रालय ने कहा कि भारत ने कोरोना महामारी के बाद जबरदस्त आर्थिक रिकवरी की, जिसकी वजह से भारत की आर्थिक क्षमताओं में 4.2 अंकों की बढ़ोतरी दर्ज की गई। देश के आर्थिक विकास में इसकी बड़ी जनसंख्या की अहम भूमिका है और मजबूत आर्थिक वृद्धि दर के चलते भारत दुनिया दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।
युवा जनसंख्या भारत की ताकत
भारत को अपने क्षेत्रीय प्रतिद्वंदियों चीन और जापान की तुलना में जनसांख्यिकी का भी फायदा मिला है। चीन और जापान जहां अपनी बुजुर्ग होती जनसंख्या से जूझ रहे हैं, वहीं भारत के पास विशाल युवा आबादी है, जो इसके आर्थिक विकास को आने वाले दशकों में मजबूती देती रहेगी। क्वाड और विभिन्न वैश्विक संगठनों में भारत की मौजूदगी से कूटनीति की दुनिया में भी भारत का प्रभाव बढ़ा है। एशिया पावर इंडेक्स में किसी भी देश की ताकत का आकलन उसकी आर्थिक क्षमता, सैन्य क्षमता, भविष्य के संसाधनों, आर्थिक साझेदारी, रक्षा नेटवर्क, कूटनीतिक प्रभाव और सांस्कृतिक प्रभाव के आधार पर किया जाता है।