बिहार के नवादा के मुफस्सिल थानाक्षेत्र के देदौर पंचायत के कृष्णा नगर स्थित दलित बस्ती को सुनियोजित तरीके से कई घरों को आग के हवाले कर दिया गया. इस घटना में आधिकारिक तौर पर अभी तक कुल 21 घरों के जलने की पुष्टि हुई है. नवादा मामले जो बड़ा खुलासा हुआ है वह यह है कि दलित समुदाय से ही दबंग प्रवृति के लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया है. ये दबंग पड़ोस के ही गांव के रहने वाले बताए जाते हैं. ग्रामीणों ने प्राणपुर गांव के मुनि पासवान एवं उसके सहयोगियों पर घर जलाने का आरोप लगाया हैं. पीड़ितों ने घटना के दौरान गोलीबारी करने का भी आरोप लगाया गया है.
बता दें, यह पूरा मामला जमीन के विवाद को लेकर बताया जा रहा है. कृष्ना नगर में कई सालों से दलित परिवार के लोग बिहार सरकार की जमीन पर बसे हुए थे. इसी जमीन को लेकर दूसरे पक्ष का भी इस पर दावा किया जाता रहा है. इस दौरान पूरा मामला न्यायालय में लंबित है और टाइटल शूट चल रहा है. इसी दरम्यान घटना को अंजाम दिया गया, जिसमे जिलाधिकारी आशुतोष कुमार वर्मा ने अबतक कुल 21 घरों के जलने की पुष्टि की है.
वहीं एसपी अभिनव धीमान ने शुरुआती दौर में कुल 10 लोगों के गिरफ्तारी की पुष्टि की है. वहीं क्षति का पूरा आकलन किया जा रहा है. वहीं घटना के बाद स्थिति को देखते हुए गांव में मजिस्ट्रेट एवं पुलिस बल की तैनाती कर दी गयी है. इस घटना में शामिल अन्य लोगों की गिरफ्तारी के लिए टीम अलग-अलग इलाको में छापेमारी कर रही है. वहीं इस घटना के बाद ग्रामीण पूरी तरह से सहमे हुए हैं. फिलहाल पूरे गांव में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गयी है.
नवादा में दलित Vs पासवान
नवादा जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के देदौर पंचायत के कृष्णा नगर स्थित दलित बस्ती में आगजनी की घटना ने एक बार फिर जातिगत खाई को उजागर कर दिया है. हालांकि ये लड़ाई दलित और सर्वण के बीच नहीं बल्कि दलित और महा दलित के बीच की है, जिसमें मांझी और पासवान जातियां आमने-सामने हैं. खबर है कि नवादा में पासवान बिरादरी के लोगों ने बुधवार देर रात मांझी समाज की बस्ती को आग के हवाले कर दिया.
कई सालों से चल रहा था विवाद
ग्रामीणों ने बताया कि बड़ी संख्या में लोग गांव पहुंचे और जिस जमीन पर दलित बसे थे, उसे भू माफिया जबरन बेचना चाह रहे थे और उसी को लेकर कई सालों से विवाद चल आ रहा था. रात को अचानक बड़ी संख्या में दबंग गांव पहुंचे और हवाई फायरिंग कर पूरे गांव में दहशत का माहौल कायम कर दिया. उसके बाद दलित बस्ती में आग लगा दी गई, जहां दो दर्जन से अधिक झोपड़िया में आग लग गई, जहां अनाज समेत कुछ मवेशी जल गए.
घटना के बाद से मचा हड़कंप
नवादा जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के देदौर पंचायत के कृष्णा नगर स्थित दलित बस्ती में आग लगने की घटना से हड़कंप मचा हुआ है. घटना के बाद गुरुवार की सुबह का नजारा बिल्कुल भयावह था. घटना के बाद पुलिस एवं प्रशासन की टीम लगातार गांव में कैंप कर रही है और क्षति का आकलन किया जा रहा है. जानकारी के अनुसार दो दर्जन से अधिक मवेशी झुलश गए हैं. ग्रामीण पूरी तरह से भय के माहौल में हैं.
राख में तब्दील हुआ आशियाना
सभी लोगों के हाथों में बंदूकें थीं. वो बस्ती में तहस-नहस करने लगे. हमनें उन्हें रोकने की कोशिश की. उनके सामने जो कोई भी आ रहा था, वो उसे पीट दे रहे थे. थोड़ी ही देर में उन लोगों ने बस्ती के 80 घरों में पेट्रोल छिड़का और आग लगा दी. हम आग बुझाने की कोशिश भी करने लगे. लेकिन आग ने विकराल रूप ले लिया. घर से जैसे-तैसे हमने जरूरत का सामान निकाला और बाहर की तरफ भागे. क्योंकि आग बहुत विकराल रूप ले चुकी थी. देखते-ही देखते हमारी आंखों के सामने हमारा आशियाना राख में तब्दील हो गया. हमारे मवेशी तक जलकर मर गए.
दूसरे ग्रामीण ने बताया- इस घटना में हमारी बस्ती के कई लोग लापता भी हुए हैं. उनका कुछ भी पता नहीं चल पाया है. हम तो मेहनत मजदूरी करके अपना पेट पालते हैं. अब तो न घर रहा और न ही कुछ सामान. कहां जाएंगे और कहां रहेंगे, कुछ समझ नहीं आ रहा. हम चाहते हैं कि सरकार आरोपियों के खिलाफ एक्शन ले. हमारी मदद करे. नवंबर 2023 में भी यहां फायरिंग हुई थी. तब भी हमने FIR दर्ज करवाई थी. लेकिन पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया.
मामले में 10 लोग अरेस्ट
मामले में पुलिस ने मुख्यारोपी नंदू पासवान सहित 10 लोगों को गिरफ्तार किया है. बाकी की तलाश में पुलिस की टीमें जुटी हुई हैं. इस घटना में गोरेलाल, झपसी मांझी, संजय मांझी, नितय मांझी, रामचंद्र मांझी, भोला मांझी, तारा मांझी, ललिता देवी, अवधेश मांझी, मनोज मांझी, डोमा मांझी, डोमा रविदास, गेंदो मांझी, सुरेश मांझी, विजय रविदास, शोभा देवी, सरिता देवी, सुरुप मांझी, नवल मांझी और निलेश मांझी समेत कई अन्य के घर जलकर खाक हो गए हैं. फिलहाल मामले में जांच जारी है. पुलिस का कहना है कि जल्द ही बाकी आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा.