पेरिस पैरालिंपिक-2024 में भारत ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए 7 गोल्ड समेत 29 मेडल जीतकर सफर समाप्त किया। 10वें दिन शनिवार, 7 सितंबर को देश को 3 मेडल मिले। गेम्स की क्लोजिंग सेरेमनी आज (8 सितंबर को) रात 11:30 बजे से होगी।
भारत मेडल टैली में 16वें नंबर पर रहा। देश ने 7 गोल्ड, 9 सिल्वर और 13 ब्रॉन्ज मेडल जीते। यह भारत का ऑलटाइम बेस्ट प्रदर्शन है, इससे पहले टोक्यो में देश ने 5 गोल्ड समेत 19 मेडल जीते थे।
आखिरी दिन भारत के जेवलिन थ्रोअर नवदीप ने मेंस F41 कैटेगरी में सिल्वर मेडल जीता, हालांकि ईरानी एथलीट बेइत सायाह सादेग के अयोग्य होने के बाद नवदीप को गोल्ड दिया गया। नवदीप के अलावा, सिमरन ने विमेंस टी-12 कैटेगरी की 200 मीटर रेस में और नगालैंड के होकातो सेमा ने मेंस शॉटपुट में एक-एक ब्रॉन्ज मेडल जीते। उन्होंने 22 साल पहले एक आतंकी मुठभेड़ में बायां पैर गंवा दिया था।
आखिरी दिन के मेडलिस्ट… 1. ईरानी एथलीट के डिसक्वालिफाई होने के बाद नवदीप को गोल्ड मिला मेंस F41 कैटेगरी के फाइनल में भारत के नवदीप ने सिल्वर मेडल जीता था, लेकिन ईरानी एथलीट के डिसक्वालिफाई होने के बाद उन्हें गोल्ड मेडल मिल गया। नवदीप ने अपने तीसरे अटेम्प्ट में 47.32 मीटर का बेस्ट थ्रो फेंका। यह पैरालिंपिक रिकॉर्ड रहा, लेकिन फिर ईरान के सादगेह सायाह ने अपने 5वें अटेम्प्ट में 47.64 मीटर का बेस्ट थ्रो फेंक दिया।
ईरानी एथलीट के डिसक्वालिफाई हो जाने के बाद नवदीप को गोल्ड मेडल मिल गया। ईरानी एथलीट को आतंकी संगठन से जुड़ा फ्लैग दिखाने के कारण डिसक्वालिफाई किया गया। ब्रॉन्ज जीतने वाले चीन के पेंगजियांग सुन का मेडल सिल्वर में बदल गया। F41 कैटेगरी में वे एथलीट्स आते हैं, जिनकी हाईट कम होती है।
2. सिमरन ने 200 मीटर में कामयाबी दिलाई विमेंस टी-12 कैटेगरी में भारत की सिमरन ने 200 मीटर रेस में आखिरकार ब्रॉन्ज मेडल जीत ही लिया। सिमरन 100 मीटर रेस में मेडल जीतने से चूक गई थीं। 4 प्लेयर्स के फाइनल में उन्होंने 24.75 मीटर के टाइम के साथ रेस पूरी की। क्यूबा की एथलीट ने गोल्ड और वेनेजुएला की एथलीट ने सिल्वर मेडल जीता। T12 कैटेगरी में वे एथलीट्स आते हैं, जिन्हें देखने में समस्या होती है। इसलिए ट्रैक इवेंट्स में उनके साथ एक गाइड भी दौड़ता है।
3. स्पेशल फोर्स में जाने का सपना टूटा, तो होकातो सेमा खेलों का दमन थमा 40 साल के होकातो सेमा ने 14.65 मीटर के स्कोर के साथ तीसरा स्थान हासिल किया। इस इवेंट में ईरान के खोसरावी (15.96 मीटर) को गोल्ड और ब्राजीत के थियागो पॉलिनो डॉस सैंटोस (15.06) को सिल्वर मिला।
22 साल पहले 2002 में होकातो सेमा असम रेजीमेंट में हवलदार थे। जम्मू-कश्मीर में आतंकी मुठभेड़ में बारूदी सुरंग विस्फोट में घुटने से नीचे बायां पैर गंवा दिया था। इससे स्पेशल फोर्स में शामिल होने का उनका सपना अधूरा रह गया। निराश सेमा ने खेलों का दामन थामा। उन्होंने पुणे में सेना के पैरालिंपिक नोड में ट्रेनिंग ली और खुद को इंटरनेशनल खिलाड़ी के रूप में तैयार किया।
इंटरनेशनल लेवल पर सेमा का पहला मेडल मोरक्को ग्रां प्री में 2022 में आया था। उन्होंने सिल्वर मेडल हासिल किया। फिर सेमा ने हांगझोऊ एशियन गेम्स में ब्रॉन्ज हासिल किया। वे वर्ल्ड चैंपियनशिप में चौथे स्थान पर रहे।
6 प्लेयर मेडल नहीं जीत सके विमेंस C1-3 कैटेगरी के रोड साइक्लिंग इवेंट में ज्योति गडेरिया रेस पूरी नहीं कर सकीं। वे 15वें नंबर पर रहीं। मेंस रोड साइक्लिंग इवेंट में अरशद शेख भी रेस पूरी नहीं कर सके, वह 28वें नंबर पर रहे। मेंस की 50 मीटर बटरफ्लाई S7 कैटेगरी में भारत के सुयश जाधव 5वें नंबर पर रहे।
विमेंस में V2 कैटेगरी की 200 मीटर विमेंस पैरा कनोइंग फाइनल में भारत की प्राची यादव 8वें नंबर पर रहीं। उन्होंने 1.08.55 मिनट में रेस पूरी की। मेंस KL1 कैटेगरी के 200 मीटर कैनो स्प्रिंट सेमीफाइनल में यश कुमार 5वें नंबर पर रहे। वह फाइनल में जगह नहीं बना सके। मेंस 400 मीटर में दिलीप महादु मेडल जीतने से चूक गए।
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