बिहार में विपक्षी गठबंधन में आरजेडी का अभी जलवा है। अव्वल तो आरजेडी ने अपने ढंग से सीटों का बंटवारा किया। अपने कोटे में 26 सीटें रखीं। बाद में तीन सीटें मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआई) को देकर उसे भी इंडी अलायंस का हिस्सा बना लिया। बाकी बची 23 में सिवान को छोड़ कर सारी सीटों पर आरजेडी ने उम्मीदवार उतार दिए हैं। अलायंस के दूसरे दल भी अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर रहे हैं। कांग्रेस उम्मीदवार चयन में ही उलझी है। सिवान में आरजेडी से चुनाव लड़ती रहीं भूतपूर्व सांसद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब अब निर्दलीय बन गई हैं। कांग्रेस में शामिल हुए पप्पू यादव पूर्णिया में आरजेडी उम्मीदवार को ही ललकार रहे हैं। खैर, 2019 के मुकाबले इस बार आरजेडी ने तीन अधिक सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं। पिछली बार भी आरजेडी ने कांग्रेस, उपेंद्र कुशवाहा की तत्कालीन रालोसपा, जीतन राम मांझी की हम पार्टी, मुकेश सहनी की वीआईपी और शरद यादव की पार्टी को लेकर महागठबंधन बनाया था। वाम दल महागठबंधन में नहीं थे। उनमें सीपीआई को छोड़ किसी ने उम्मीदवार भी नहीं उतारा था। इस बार उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी महागठबंधन यानी इंडी अलायंस में नहीं हैं, पर वाम दल साथ आ गए हैं। मसलन विपक्ष की गोलबंदी 2019 जैसी ही पुख्ता दिखती है।
पूर्व विधायक अनंत सिंह लोकसभा चुनाव के बीच 15 दिनों के पैरोल पर होंगे रिहा
बिहार में मोकामा के पूर्व विधायक और बाहुबली अनंत सिंह को मंगलवार को जेल से पैरोल पर रिहा किया जा...