दुनिया में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को चलाने के लिए सेमीकंडक्टर की जरूरत होती है। इस बीच भारत ने 15.2 अरब डॉलर की लागत से बनने वाले तीन सेमीकंडक्टर प्लांट के निर्माण को मंजूरी दी है। इस परियोजना में टाटा ग्रुप औस सीजी पावर जैसी कंपनियां शामिल हैं। भारत भविष्य में इलेक्ट्रॉनिक का पावरहाउस बनना चाहता है, जिसमें सेमीकंडक्टर महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। ताइवान चिप बनाने में सबसे आगे है और भारत चाहता है कि इसे टक्कर दी जाए।
अगले तीन वर्ष में भारत की इकोनॉमी 5 ट्रिलियन डॉलर की हो जाएगी और इसी के साथ भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी. वित्त मंत्रालय ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर एक रिपोर्ट जारी किया है जिसमें ये बातें कही गई है. इस रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि अगले छह से सात सालों में या 2030 तक भारत की अर्थव्यवस्था 7 ट्रिलियन डॉलर की हो जाएगी.
वित्त मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 2023-24 लगातार तीसरा वर्ष है जब भारतीय अर्थव्यवस्था ने 7 फीसदी से ज्यादा का ग्रोथ दर्ज कर रहा है जबकि वैश्विक इकोनॉमी के लिए 3 फीसदी ग्रोथ दिखाना भी बेहद कठिन हो रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान बीते 10 सालों में पब्लिक सेक्टर में कैपिटल इंवेस्टमेंट में जोरदार बढ़ोतरी देखने को मिली है. फाइनेंशियल सेक्टर मजबूत बना हुआ है. गैर-फूड क्रेडिट ग्रोथ बढ़ा है जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था गति दिखा रही है.
वित्त मंत्रालय ने कहा कि समावेशी विकास, बेरोजगारी दर के काफी नीचे रहने, महंगाई दर में कमी, बीते 10 सालों में बिखराव से स्थिर और मजबूती की तरफ यात्रा रही है. सरकार के बेहतर कोविड मैनेजमेंट, राहत पैकेज और सफल वैक्सीन अभियान के चलते आर्थिक विकास की गाड़ी पटरी पर लौट सकी. 2014 के बाद सरकार ने जो स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स को लागू किया है उससे देश के मैक्रोइकोनॉमिक बुनियाद को मजबूती मिली है.
वित्त मंत्रालय के मुताबिक जीएसटी के लागू होने से देश के बाजारों के एकीकरण करने से लेकर, उत्पादन को बढ़ाने में मदद मिली है साथ ही लॉजिस्टिक्स कॉस्ट घटा है. रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 9 वर्ष में देश के नागरिक सरकार के कार्यक्रमों के लाभार्थी हुए हैं साथ ही आर्थिक मोर्चे पर सफलता में प्रमुख योगदान रहा है.
वित्त मंत्रालय ने बताया कि अमेरिका और यूके के बाद भारत दुनिया का तीसरा बड़ा फिनटेक मार्केट है साथ ही ई-केवाईसी के खर्च को 1000 रुपये से घटाकर 5 रुपये तक लाने में सफलता मिली है.
भारत की यह तरक्की पाकिस्तान के लोगों को हजम नहीं हो रही है
भारत की यह तरक्की पाकिस्तान के लोगों को हजम नहीं हो रही है। दरअसल पाकिस्तान के लोग इस बात से हैरान हैं कि दोनों देश एक ही साथ आजाद हुए थे। फिर भी आज के समय भारत इतना आगे कैसे चला गया? पाकिस्तानी पत्रकार कमर चीमा ने कहा कि भारत में सभी राज्य निवेश लाने के लिए लड़ाई करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत में पीएम से लेकर सीएम तक सपोर्ट करते हैं और वह अपने देश के हित के लिए काम करते हैं। उन्होंने कहा कि इंडिया चिप मैन्युफैक्चरिंग का हब बनना चाहता है। इससे वह चीन को टक्कर देंगे।
पाकिस्तानी नेताओं को लगाई लताड़
कमर चीमा ने कहा कि भारत पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना चाहता है। उन्होंने कहा कि चिप मैन्युफैक्चरिंग से ही भारत ऐसा बन पाएगा। उन्होंने ताइवान का उदाहरण देते हुए कहा कि छोटा सा देश पूरी दुनिया में छाया रहता है। पाकिस्तान के नेताओं को लताड़ लगाते हुए उन्होंने कहा कि हमारे चीफ मिनिस्टर थाने और जेलों में जाते हैं। उन्हें फैक्ट्रियों का दौरा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह मुश्किल नहीं है। क्योंकि भारतीयों की इच्छा है इसलिए वह इसे कर पा रहे हैं।
‘पाकिस्तान में नहीं होता काम’
कमर चीमा ने कहा कि पाकिस्तान में काम नहीं हो पाता, जिस कारण कोई बिजनेस नहीं आता। उन्होंने कहा, ‘मुझे दुख होता है कि हम पाकिस्तान में अफगानिस्तान पर कॉन्फ्रेंस करते हैं। क्या पाकिस्तान के पास कोई और मुद्दा नहीं रह गया?’ उन्होंने आगे कहा कि भारत न्यूट्रल रहा है, जिसका उसे फायदा मिला। हम कोई फायदा नहीं उठा सके, क्योंकि हमें सिर्फ राजनीति आती है। पाकिस्तान की पार्लियामेंट देश को आगे ही नहीं ले जाना चाहती।