बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जिस तरीके से फिर से ‘इंडिया’ गठबंधन के संयोजक बनने की चर्चा शुरू हुई है, उससे साफ है कि जेडीयू की राष्ट्रीय राजनीति में दबाव की रणनीति कामयाब हुई है। पहले हुई इंडिया गठबंधन की चार बैठकों में नीतीश को लेकर कोई बात नहीं हो सकी थी। ‘इंडिया’ की पटना में हुई पहली बैठक में ही नीतीश के संयोजक बनाए जाने की चर्चा थी, लेकिन दिल्ली की बैठक में भी इसकी घोषणा नहीं की गई थी। दिल्ली की बैठक में ममता बनर्जी ने जब खरगे का नाम आगे किया तो जेडीयू नाराज हो गई। सूत्रों के मुताबिक, अब नीतीश कुमार को ‘इंडिया’ का संयोजन बनाने के पक्ष में आम आदमी पार्टी भी है। पहले नीतीश को लेकर आरजेडी और जेडीयू के नेता ‘इंडिया’ में बैटिंग कर रहे थे। अब धीरे-धीरे इसमें दूसरी पार्टियां भी शामिल रही हैं, लेकिन सभी दल इसके लिए तैयार हो जाएं, इसकी संभावना काफी कम है। वैसे, ‘इंडिया’ गठबंधन के गठन के समय से ही बड़े दलों को बड़ा दिल दिखाने की बात होती रही है। इसे लेकर छोटे दल दबाव भी बनाते रहे हैं।
जेडीयू के काम आई दबाव की रणनीति?
दिल्ली की बैठक में जिस तरह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का नाम प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में उछाला, उससे जेडीयू की नाराजगी की बात भी सामने आई। इसके बाद जेडीयू ने दबाव की रणनीति बनाई। नीतीश ने जेडीयू की कमान संभाल कर बड़ा संदेश दे दिया। इससे ‘इंडिया’ के सहयोगी दल भी सकते में आ गए। अब लालू यादव की पार्टी आरजेडी भी नीतीश को संयोजक बनाने के पक्ष में खड़ी दिख रही है।
राष्ट्रीय जनता दल चाहता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ‘इंडिया’ गठबंधन के संयोजक बनें। नीतीश की कोशिश की वजह से ही विपक्षी दल एक हुए हैं।
मनोज झा, राष्ट्रीय प्रवक्ता, आरजेडी
हालांकि मनोज झा ने यह भी कहा कि उन्होंने भी इस चर्चा को सुना ही है। इधर, जनता दल (यूनाइटेड) यानी जेडीयू के नेता इस पर कुछ भी खुलकर नहीं बोल रहे हैं। जेडीयू के मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि कांग्रेस की तरफ से इस विषय पर कुछ नहीं कहा गया है। लेकिन हम ऐसे किसी भी कदम का स्वागत करेंगे।
नीतीश कुमार को संयोजक बनाना एक अच्छा विचार है। नीतीश ने विभिन्न रंगों और आकारों वाली पार्टियों को एक ही मंच पर लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसमें कोई शक नहीं कि इंडिया गठबंधन से सबसे बड़े सूत्रधार नीतीश ही रहे हैं।
केसी त्यागी, राष्ट्रीय प्रवक्ता, जेडीयू
बीजेपी संग जाने का डर दिखा सौदेबाजी कर रहे नीतीश: सुशील मोदी
कहा जा रहा है कि नीतीश की नाराजगी के बाद सभी दलों को एकजुट रखना आसान नहीं होगा। वैसे, बीजेपी के सुशील मोदी कहते हैं कि ‘इंडिया’ में संयोजक का पद मुंशी जैसा पद है और इसे भी पाने के लिए नीतीश कुमार बीजेपी के साथ जाने का डर दिखा कर सौदेबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने की सारी सम्भावनाएं समाप्त होने पर अब वे संयोजक पद के लॉलीपॉप से प्रतिष्ठा बचाना चाहते हैं।
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राष्ट्रीय राजनीति में जेडीयू को कौन पूछ रहा: प्रशांत किशोर
इधर, चर्चित चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का मानना है कि जेडीयू का राष्ट्रीय राजनीति में कोई महत्व नहीं है। उन्होंने कहा कि जेडीयू को कौन पूछ रहा है और ये तो अपने मुंह मियां मिट्ठू बनने वाली बात है। उन्होंने कहा कि जो विपक्ष की राजनीति है, उसमें सबसे बड़ा दल कांग्रेस है, हारे या जीते, ये अलग बात है। दूसरा टीएमसी है और तीसरे नंबर पर डीएमके है। जेडीयू को कौन पूछ रहा है।