जम्मू-कश्मीर के पुंछ आतंकी हमले में पाकिस्तान-चीन गठजोड़ की बड़ी भूमिका का खुलासा हुआ है. खुफिया एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक, पीएएफएफ और टीआरएफ जैसे पाकिस्तानी शैडो आतंकी संगठन जम्मू में आतंकी हमले के दौरान चीनी हथियारों, बॉडी सूट, कैमरे और कम्युनिकेशन डिवाइस का इस्तेमाल कर रहे हैं. पिछले 1 साल में 3 बड़े आतंकी हमले हुए हैं, जिसमें यह पाकिस्तान-चीन गठजोड़ उजागर हुआ है. जब भी आतंकवादी घुसपैठ की कोशिश करते हैं, चीनी तकनीक से बनी स्नाइपर गन का इस्तेमाल भारतीय जवानों पर पाकिस्तान की तरफ से किया जाता है. नवंबर के महीने में भी चीनी तकनीक से बनी स्नाइपर गन के जरिए ही जम्मू सीमा पर भारतीय सुरक्षाबल को निशाना बनाया गया था.
खुफिया एजेंसी के मुताबिक, इस साल हुए तीन बड़े हमले में पीएएफएफ और टीआरएफ ने जो तस्वीर जारी कर दावा किया है वो चीनी तकनीक से बने कैमरे से ली गई है और उन्हें चीनी तकनीक एडिट से मार्फ भी किया गया है. यही नहीं, इनस्क्रिप्टेड मैसेजिंग डिवाइस, जिसके जरिये आतंकी आपस में संवाद करते हैं, वह भी चीन की मैसेजिंग डिवाइस है. ये सभी बातें खुफिया एजेंसियों की जांच में सामने आई हैं.
दरअसल, पाकिस्तानी सेना चीन से हथियार, कैमरा और कम्युनिकेशन डिवाइस की सप्लाई लगातार लेती रहती है, लेकिन पाकिस्तान की सेना इन्हें अपने इस्तेमाल की बजाय पीओके के आतंकी संगठनों को मुहैया करवाती है, जिसका इस्तेमाल ये आतंकवादी संगठन भारत में घुसपैठ और ऐसी आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए करते हैं. खुफिया एजेंसी सूत्रों के मुताबिक, चीन भी यही चाहता है कि मजबूत चीनी हथियारों और तकनीक से लैस भारत में घुसपैठ कर चुके आतंकियों के लिए ज्यादा से ज्यादा सुरक्षाबलों का इस्तेमाल हो, जिसमें सेना और अर्धसैनिक बल भी शामिल हों.
चीन को यह उम्मीद है कि उसके ऐसा करने से भारत और भारतीय सेना का लद्दाख सीमा से ध्यान हटेगा और उसकी हरकतें जम्मू-कश्मीर में बढ़ जाएंगी क्योंकि लद्दाख के संसाधन का इस्तेमाल जम्मू में आतंकी गतिविधियों को काबू पाने में लगाया जाएगा. मगर भारतीय सुरक्षा तंत्र ने चीन की इस कोशिश को पिछले दो सालों में लगातार नाकाम किया है. जम्मू और लद्दाख दोनों ही फ्रंट पर पाकिस्तान और चीन की हिमाकत का मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है और उन्हें लगातार मुंह की खानी पड़ी है.
इसके अलावा चीन पाकिस्तानी सेना को ड्रोन, हैंड ग्रेनेड और अन्य चीनी हथियार भी भेज रहा है लेकिन इसका इस्तेमाल जम्मू हमले में आतंकी गुटों ने किया है, जिसके सबूत बराबर सुरक्षा एजेंसियों को मिलते रहे हैं. चीन और पाक के इस गठजोड़ को नाकाम करने के लिए बनाई गई सिक्योरिटी ग्रिड लगातार पुख्ता रणनीति बना रही है. बता दें कि बीते गुरुवार को पुंछ में आतंकवादियों ने भारतीय सेना के जवानों पर घात लगाकर हमला कर दिया था, जिसमें चार जवान शहीद हो गए थे.