कांग्रेस ने मंगलवार को भोपाल में अपनी हार का विश्लेषण करने के लिए विधायकों, हारे हुए उम्मीदवारों और सीनियर नेताओं की बैठक बुलाई थी। हारे हुए उम्मीदवारों से कहा गया कि वे हार के कारण बताएं। हर नेता अपनी अलग अलग रिपोर्ट बनाकर दे लेकिन रिपोर्ट आने से पहले ही कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने हार की वजह बता दी। दिग्विजय सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी EVM में गड़बड़ियों की वजह से हारी, EVM से छेड़खानी की गई, कांग्रेस के वोट घटाए गए, बीजेपी के वोट बढ़ाए गए और नतीजा कांग्रेस के ख़िलाफ़ रहा। दिग्विजय सिंह ने कहा कि पोस्टल बैलट में कांग्रेस जीती, EVM में बटन कांग्रेस के निशान के पास दबा और जीत गई बीजेपी। दिग्विजय सिंह ने कहा कि EVM में चिप लगी होती है, उनको हैक किया जा सकता है इसीलिए उनको EVM पर बिल्कुल भरोसा नहीं है। मीटिंग के बाद कमलनाथ खुलकर नहीं बोले। उन्होंने कहा कि सबको पता है कि क्या हुआ, एक्जिट पोल भी तय थे और नतीजे भी।
कमलनाथ ने सवाल उठाया कि 10 घंटे चलने के बावजूद ईवीएम गिनती वाले दिन 99 परसेंट कैसे चार्ज्ड नज़र आई। कमलनाथ ने सवाल किया कि एक विधायक को अपने ही गांव में 5 वोट भी नहीं मिले, ये कैसे हो सकता है? कांग्रेस को हराया गया है, EVM के जरिए साजिश हुई है, अब EVM के इस्तेमाल का विरोध होना चाहिए। कांग्रेस विधायक फूल सिंह बरैया ने कहा कि बीजेपी ने बहुत चतुराई से, एक रणनीति के तहत काम किया, इसीलिए, सारी EVM से छेड़-छाड़ नहीं की। बरैया ने कहा कि बीजेपी ने कुछ सीटों पर विपक्ष को भी जिता दिया, तेलंगाना में कांग्रेस को जिता दिया, जिससे कोई EVM पर सवाल उठाए, तो कह दें कि EVM हैक हुई, तो तेलंगाना में कांग्रेस कैसे जीत गई? दिलचस्प बात ये है कि नतीजे आने के एक दिन बाद खुद कांग्रेस के नेता कह रहे थे कि उनका वोट बैंक इंटैक्ट है। चारों राज्यों को मिला दें तो कांग्रेस को बीजेपी से ज़्यादा वोट मिले हैं। कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने तो ट्वीट करके बताया कि कांग्रेस और बीजेपी के वोट शेयर में कोई ख़ास अंतर नहीं है। कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने आंकड़े भी गिना दिए कि कांग्रेस को BJP से दस लाख वोट ज़्यादा मिले।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूछा कि EVM में गड़बड़ी थी, तो कमलनाथ के छिंदवाड़ा में कांग्रेस सातों सीट कैसे जीत गई। दिग्विजय सिंह का ये कहना कि EVM में कांग्रेस निशान का बटन दबा, पर वोट बीजेपी को पड़ा, उनकी हताशा दिखाता है। इसे कहते हैं- खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे। शिवराज सिंह ने सही सवाल पूछा। अगर EVM में गड़बड़ी थी तो कमलनाथ के इलाके में कांग्रेस सातों सीटें कैसे जीत गईं, कोई पूछे क्या तेलंगाना में कांग्रेस EVM में गड़बड़ी करके जीती है? कुछ महीने पहले कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की जीत क्या EVM में हेराफेरी करके हुई थी? अपनी हार को स्वीकार न करना दिग्विजय सिंह जैसे नेताओं की पुरानी आदत है। कांग्रेस जब तक अपनी हार के कारण का ईमानदारी से आत्मविश्लेषण नहीं करेगी, तब तक वो समझ ही नहीं पाएगी कि इन राज्यों में जनता ने कांग्रेस को वोट क्यों नहीं दिया। कांग्रेस को इस बात पर विचार करना चाहिए कि लोगों ने उनके वादों पर भरोसा क्यों नहीं किया और मोदी की गारंटी पर विश्वास क्यों किया। अगर इस बात को नहीं समझे, तो आगे भी कुछ नहीं कर पाएंगे और कांग्रेस का आकार और छोटा होता जाएगा।