बिहार की राजधानी पटना के वेटनरी मैदान में 26 नवंबर को जेडीयू की ओर से भीम संसद का आयोजन किया जा रहा है। इसमें लाखों लोगों के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। इसे लेकर जेडीयू की तैयारी पूरी है। जेडीयू के दलित नेताओं को पहले भी इस संसद को सफल बनाने की तैयारी का टास्क दिया गया था। उसके बाद ये नेता बिहार के विभिन्न जिलों में जाकर सभाएं की। उसके बाद लोगों से जनसंपर्क कर भीम संसद को सफल बनाने का आह्वान किया था। जेडीयू के लिए अब वो घड़ी आ गई है, जब इस संसद को सफल बनाना है। जेडीयू की मानें तो इस संसद के बहाने बीजेपी की जाति आधारित राजनीति को आईना दिखाना है।
बीजेपी को जवाब
बिहार भाजपा ने हाल के दिनों में सहजानंद सरस्वती की जयंती, यदुवंशी समाज मिलन समारोह कर विभिन्न जाति, समाज के वोट बैंकों को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश की। इस बीच, जदयू भी अब ‘भीम संसद’ का आयोजन कर रही है। कहा जा रहा है कि भाजपा की जाति आधारित आयोजनों के जवाब में जदयू ‘भीम संसद’ के आयोजन में जुटी हुई है। पटना में आयोजित भीम संसद को लेकर जदयू ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है। एससी एवं एसटी कल्याण मंत्री रत्नेश सादा ने कहा कि रैली में शामिल होने वाले लोगों के लिए व्यापक इंतजाम किये गये हैं। उन्होंने दावा किया कि इस कार्यक्रम में दो लाख से अधिक लोगों के शामिल होने की संभावना है। इस कार्यक्रम में प्रदेश के सभी इलाके से लोग भाग लेने आ रहे हैं।
अशोक चौधरी का बयान
बिहार के मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि आज संविधान और आरक्षण खतरे में है। संविधान बदलने की कोशिश की जा रही है तो सांप्रदायिक ताकतें समाज में वैमनस्यता फैला रही हैं। चौधरी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए कहा कि वे दलितों के उत्थान के लिए बहुत कुछ कर बाबा साहेब के सपनों को पूरा करने में जुटे हैं। कुछ दिन पूर्व ही मुख्यमंत्री ने भीम संसद रथों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। भाजपा जदयू के इन दावों को दिग्भ्रमित करने वाला बता रही है। भाजपा इस कार्यक्रम के लिए सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। भाजपा के प्रवक्ता योगेंद्र पासवान कहते हैं कि भीम संसद में कोई दलित या महादलित समाज का व्यक्ति नहीं आएगा। इस संसद में लोगों को जुटाने के लिए सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करना शुरू कर दिया गया है।
पटना में आयोजित होगी सभा
दलितों को दिग्भ्रमित करने का आरोप लगाते हुए पासवान ने कहा कि विकास मित्र और टोला सेवकों के जरिए यह भीम संसद करने का काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री जी लाचार हो चुके हैं और मंत्री उनकी चापलूसी में लगे हैं। उधर, नीतीश के करीबी मंत्री अशोक चौधरी ने लोगों से आग्रह किया कि पटना में भारी संख्या में पहुंचकर मुख्यमंत्री के हाथ को मजबूत करें। उन्होंने संविधान विरोधी ताकतों को हराने की अपील की। जेडीयू की ओर से आयोजित बैठक में प्रदेश महासचिव रंजीत कुमार झा, प्रभु नाम राम उपस्थित थे। इससे पहले 10 अक्टूबर को सीएम नीतीश कुमार ने भीम संसद के रथ को बिहार के भ्रमण पर रवाना किया था। भीम संसद बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के आदर्श और विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के साथ उन्हें राजनीतिक रूप से जागरूक करना भी है।