छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के चलते मतदान का दूसरा चरण 17 नवंबर को होना है. अंतिम चरण को लेकर राजनीतिक दलों ने अपनी कमर और कस ली है. क्योंकि यहीं तय होगी नतीजों की दशा और दिशा. दूसरे चरण में स्थिति मजबूत करने वाला दल अपनी सरकार बनाने में भी अहम रोल निभा पाएगा. यही वजह है कि पॉलिटिकल पार्टीज अपने-अपने स्तर पर प्रत्याशियों के धुआंधार प्रचार में जुटी है. इस बीच मतदाताओं के सामने एक बड़ी मुश्किल आ खड़ी हुई है. ये ऐसी मुश्किल है जिसके बारे में जानकर आप भी हैरत में पड़ जाएंगे. जी हां छत्तीसगढ़ के दूसरे चरण के मतदान के बीच कुछ सीटें ऐसी हैं जहां प्रत्याशियों के पक्ष में वोट करना वोटर्स के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है.
आप सोच रहे होंगे कि वोटर्स को वोट देने में क्या मुश्किल आ सकती है. अगर आप सोच रहे हैं कि बूथ या व्यवस्था को लेकर कोई परेशानी है तो ऐसा नहीं है. दरअसल वोटर्स के सामने दिक्कत अपने उम्मीदवार को पहचान पाना. कुछ सीटें ऐसी हैं जहां पर हमनाम प्रत्याशियों ने लोगों के लिए एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है. आइए जानते हैं कि उन सीटों के बारे में जहां एक ही नाम के दो प्रत्याशी एक ही सीट से खड़े हैं. ऐसे में मतदाताओं के लिए अपने कैंडिडेट का चयन करना एक बड़ा चैलेंज बन गया है.
25 फीसदी सीटों पर डुप्लिकेट कैंडिडेट्स
छत्तीसगढ़ की 70 विधानसभा सीटों में से 25 फीसदी सीटें ऐसी है जहां पर डुप्लिकेट कैंडिडेट्स खड़े हैं यानी यहां पर एक ही सीट पर एक ही नाम के दो या दो से ज्यादा उम्मीदवार अपनी-अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर रहे हैं. ऐसे में मतदाताओं के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है. लिहाजा अब अपने प्रत्याशी को वोट देने के लिए सिर्फ नाम से काम नहीं चलेगा. बल्कि वोटर्स को उनके चुनाव चिन्ह के आधार पर ही वोट करना होगा.
इन सीटों पर हमनाम प्रत्याशियों ने बढ़ाई चुनौती
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान कुछ सीटें डुप्लिकेट कैंडिडेट्स के चलते चर्चा का विषय बनी हुई हैं. इनमें कसडोल विधानसभा सीट की बात करें तो यहां से कांग्रेस और बीजेपी के उम्मीदवारों के खिलाफ जो निर्दलीय प्रत्याशी चुनावी मैदान में है उसका भी नाम संदीप साहू है, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी भी संदीप साहू नाम से ही है. इसी तरह बीजेपी ने धनीराम धीवर को अपना कैंडिडेट बनाया है तो उनके सामने भी धनीराम नाम का ही इंडिपेंडेंट कैंडिडेट चुनाव लड़ रहा है.
वहीं सरगुजा संभाग में विधानसभा की कुल 14 सीट शामिल होती हैं. इनमें से प्रेमनगर पर कांग्रेस-बीजेपी दोनों ही पार्टी के उम्मीदवारों का नाम एक ही है. यहां से दोनों ही दलों ने खेलसाय सिंह नाम के प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतारा है. खास बात यह है कि इसी नाम से एक निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव लड़ रहा है.
जांजगीर-चांपा विधानसभा सीट से व्यास कश्यप नाम के उम्मीदवार को कांग्रेस ने टिकट दिया है, जबकि इसी सीट पर तीन निर्दलीय प्रत्याशी भी चुनाव लड़ रहे हैं और तीनों का नाम व्यास कश्यप है. इसके अलावा सीतापुर सीट की बात करें तो यहां बीजेपी ने रामकुमार के नाम से कैंडिडेट को टिकट दिया वहीं इसी नाम का एक इंडिपेंडेंट कैंडिडेट भी चुनाव लड़ रहा है. कुल मिलाकर छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में इस बार निर्दलीय उम्मीदवारों ने वोटर्स के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है, क्योंकि कई सीटों पर हमनाम के उम्मीदवार लोगों के लिए एक बड़ा चैलेंज बने हुए हैं.