गांधी जयंती के दिन बिहार सरकार ने जाति आधारित गणना का रिपोर्ट जारी कर दी. रिपोर्ट जारी होने के साथ ही सियासत भी तेज हो गई. एक तरफ बिहार सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी सवाल उठा रही है. पटना के अलग-अलग चौक चौराहों पर भाजपा नेता कौशल कुशवाहा की ओर से बड़े-बड़े पोस्टर लगवाए गए हैं. पोस्टर में ऊपर लिखा गया है कि कुशवाहा विरोधी नीतीश-तेजस्वी की सरकार, बिहार सरकार द्वारा जारी की गई जाति आधारित सूची भेदभाव , त्रुटि पूर्ण और कुशवाहा समाज की आबादी को कम दिखलाने की साजिश की गई है जिसे हम पुरजोर विरोध करते हैं. केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि साजिश की पोल खोलने के लिए जल्द से जल्द सही जाति जनगणना करा कर सही आंकड़ा प्रस्तुत करें. कौशल कुशवाहा का कहना है कि कुशवाहा समाज के बेटे सम्राट चौधरी से तुम लोग इतना डर गए कि जातीय जनगणना में ही घोटाला करवा दिया.
आरसीपी सिंह ने भी साधा निशाना
वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने भी बिहार सरकार द्वारा जातीय जनगणना का डेटा जारी करने पर चुटकी ली है. उन्होंने कहा कि पूज्य महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की पर नीतीश कुमार जातीय जनगणना का आंकड़ा पेश किया है. इससे क्या होगा सभी लोग जानते है. बिहार में अतिपिछड़ों का सबसे ज्यादा आबादी है, जो सामने भी आयी है. इस लिए राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष को चाहिये कि वो अपने प्रदेश अध्यक्ष को बदल दें. नीतीश कुमार को लगता था कि जातीय जनगणना से जितनी भी बुराई है सब दूर हो जाएगी. इस जातीय जनगणना से कुछ नहीं होने वाला है. बिहार में रोजगार की जरूरत है. जब तक युवकों को रोजगार नहीं मिलेगा तब तक कोई भी गणना से कोई फायदा नहीं मिलेगा.