अखबार के खुलासे से बवाल
अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट के हाथ निज्जर की हत्या का वीडियो लगा है। यह वीडियो सुरक्षा कैमरों की मदद से रिकॉर्ड हुआ था। स्थानीय सिख समुदाय के सदस्यों का कहना है कि अधिकारियों की तरफ से उन्हें निज्जर की हत्या की जांच के बारे में बहुत कम बताया है। उनकी मानें तो पुलिस घटनास्थल पर बहुत देर से पहुंची और एजेंसियों के बीच असहमति की वजह से भी देरी हुई।
सरे के गुरुनानक गुरुद्वारे के पास के कई व्यवसायियो और निवासियों का कहना है कि जांचकर्ता सवाल पूछने या सुरक्षा वीडियो का अनुरोध करने के लिए नहीं आए। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने पिछले दिनों हाउस ऑफ कॉमन्स को बताया कि अधिकारी ‘विश्वसनीय आरोप’ लगा रहे थे कि भारत सरकार के एजेंट निज्जर की हत्या में शामिल थे। आरोप आंशिक रूप से खुफिया जानकारी साझा करने वाले फाइव आइज गठबंधन की तरफ से इकट्ठा की गई जानकारी पर आधारित थे।
निज्जर को मिली थी धमकी
निज्जर के परिवार की तरफ से कहा गया है कि उसे कई बार जान से मारने की धमकी मिली थी। 45 साल के निज्जर को भारत ने साल 2020 में आतंकी घोषित किया था। गुरुद्वारे में लगे सिक्योरिटी कैमरे पर निज्जर की हत्या का पूरा घटनाक्रम रिकॉर्ड हुआ है। यह वीडियो अब जांचकर्ताओं के पास है। निज्जर पर 50 गोलियां बरसाईं गई थीं और 34 उसको लगी थी। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो हर तरफ बस खून और कांच के टुकड़े पड़े थे। जमीन तक पर गोलियों के निशाने बन गए थे।
निज्जर की हत्या को जिन लोगों ने देखा पहले तो उन्हें लगा कि कहीं पटाखे बज रहे हैं। हमले के 20 मिनट बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची थी। समुदाय के सदस्यों ने अंतराल को चौंकाने वाला बताया, क्योंकि उनका कहना है कि बड़ी संख्या में पुलिसवाले नियमित रूप से पड़ोस में गश्त करते हैं। समुदाय के सदस्यों का कहना है कि अधिकारियों ने हत्या से पहले निज्जर को अधिक सुरक्षा प्रदान नहीं की। इसके बाद से उन्हें बहुत कम जानकारी दी गई है।
भारत ने जताई कई बार चिंता
भारत की तरफ से कई बार कनाडा में गैंगवार को लेकर देश की खुफिया एजेंसियों के समक्ष बार-बार चिंता जताती रही है। कनाडा ने हर बार मामले पर सबूतों की विश्वसनीयता का हवाला देते हुए इसे खारिज कर दिया। माना जाता है कि ये गैंगस्टर कनाडा में खालिस्तान समर्थक गुर्गों के साथ मिलकर काम करते हैं। इसके बदले में उन्हें भारत से बाहर जाने और विदेशी भूमि से भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पैसा मुहैया कराया जाता है। भारत में प्रतिबंधित खालिस्तान समर्थक समूह सिख फॉर जस्टिस इन गैंगस्टरों की मदद करता है।
कनाडा में खालिस्तानियों का विरोध प्रदर्शन रहा बिल्कुल फ्लॉप; पैसे बांटे, मिन्नतें की, फिर भी नहीं जुटे 50 लोग
वैंकूवर में भारतीय काउंसिल के बाहर खालिस्तानियों का विरोध प्रदर्शन (Khalistani Protest) बुरी तरह से फ्लॉप रहा है. लगता है कि खालिस्तानियों की ताकत अब कनाडा में लगातार सिकुड़ती जा रही है. लोगों को भारी रकम का लालच देने के बावजूद विरोध प्रदर्शन के लिए ‘खालिस्तानी’ 50 से ज्यादा लोगों को इकट्ठा करने में कामयाब नहीं हो सके. इससे पहले विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर वैंकूवर में भारतीय काउंसिल के बाहर भारी मात्रा में सुरक्षा बंदोबस्त किए गए थे. खालिस्तान समर्थकों के विरोध प्रदर्शन से पहले वेंकूवर पुलिस विभाग ने भारतीय वाणिज्य दूतावास के आसपास की सड़कों पर बैरिकेड लगा दिए थे.
तमाम हो हल्ले के बावजूद वैंकूवर में भारतीय वाणिज्य दूतावास के बाहर प्रदर्शन के लिए महज दर्जन भर खालिस्तानी समर्थक ही जुटे. इन प्रदर्शनकारियों ने खालिस्तान के झंडे लहराए, संगीत बजाया और नारे लगाए. उनमें से कुछ ने भारतीय वाणिज्य दूतावास के बाहर कूड़े के डिब्बे में भारत का झंडा जला दिया. इसी तरह का विरोध प्रदर्शन टोरंटो में भी किया गया. कनाडा के सीटीवी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को सुनियोजित साजिश का हिस्सा बताया और मामले की सार्वजनिक जांच की मांग की. यह विरोध प्रदर्शन कनाडा भर के शहरों में खालिस्तान समर्थकों के कई विरोध प्रदर्शनों में से एक था.
विश्व सिख संगठन ने पहले ही इन प्रदर्शनों को लेकर उकसावे और हस्तक्षेप होने की संभावना की चेतावनी जारी की थी और सतर्कता बरतने की अपील की थी. एक बयान में विश्व सिख संगठन के अध्यक्ष तेजिंदर सिंह सिद्धू ने हरदीप सिंह निज्जर के हत्यारों की तलाश करने की अपील भी की. उसने कहा कि अगर सिख समुदाय के सदस्य असुरक्षित महसूस करते हैं या हिंसा भड़काने की कोशिश को देखते हैं, तो हम उन्हें तुरंत कानून लागू करने वाली एजेंसियों से संपर्क करने के लिए बढ़ावा देते हैं.
वैंकूवर पुलिस विभाग ने खालिस्तान समर्थकों के विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर वैंकूवर में भारतीय वाणिज्य दूतावास के आसपास की सड़क पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी. हॉवे स्ट्रीट पर वैंकूवर की इमारत में भारतीय वाणिज्य दूतावास के प्रवेश के रास्ते को रोकने के लिए बैरियर लगाए गए थे. गौरतलब है कि भारत में एक नामित आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की 18 जून को कनाडा के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.