विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवपलपमेंट इन्क्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A) के 20 सांसदों का प्रतिनिधिमंडल 29 जुलाई, यानी शनिवार सुबह मणिपुर के इंफाल रवाना हो गया। वहां 30 जुलाई तक रहेगा।
ये सांसद पहले जमीनी स्थिति का आकलन करेंगे। राज्य में तीन महीनों से जारी हिंसा और यहां के लोगों की समस्याओं के समाधान को लेकर सरकार और संसद को अपनी राय भी देंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्य सरकार ने इन 20 सांसदों को इस दौरे की परमिशन नहीं दी है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि इन नेताओं को एयरपोर्ट पर ही रोका जा सकता है। उधर, मैतेई समुदाय से जुड़ा एक ग्रुप कोआर्डिनेटिंग कमेटी ऑन मणिपुर इंटिग्रेटी (कोकोमी) आज इंफाल में एक रैली निकालेगा।
ये 20 सांसद हैं-
- अधीर रंजन चौधरी- कांग्रेस
- गौरव गोगोई- कांग्रेस
- सुष्मिता देव- टीएमसी
- महुआ माझी- जेएमएम
- कनिमोझी- डीएमके
- मोहम्मद फैजल- एनसीपी
- जयंत चौधरी- आरएलडी
- मनोज कुमार झा- आरजेडी
- एनके प्रेमचंद्रन- आरएसपी
- टी थिरुमावलन- वीसीके
- राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह- जेडीयू
- अनील प्रसाद हेगड़े- जेडीयू
- एए रहीम- सीपीआई-एम
- संतोष कुमार- सीपीआई
- जावेद अली खान- सपा
- ईटी मोहम्मद बशीर- आईएमएल
- सुशील गुप्ता- आप
- अरविंद सावंत- शिवसेना (उद्धव गुट)
- डी रविकुमार- डीएमके
- फूलो देवी नेताम- कांग्रेस
विपक्षी नेताओं के बयान… हम वहां के लोगों का दर्द समझने जा रहे हैं
- कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘हम वहां राजनीतिक मुद्दे उठाने के लिए नहीं बल्कि मणिपुर के लोगों के दर्द और जमीनी स्थिति को समझने के लिए जा रहे हैं। सरकार ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई है।’
- आप सांसद सुशील गुप्ता ने कहा कि सरकार चर्चा के लिए राजी नहीं है। PM संसद में नहीं आ रहे हैं। ऐसी स्थिति में हम वहां की स्थिति जानने के लिए ग्राउंड पर जा रहे हैं।
- कोलकाता में शनिवार को केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, गठबंधन के सांसदों को बंगाल और राजस्थान भी जाना चाहिए। अधीर रंजन को सांसदों के साथ बंगाल की स्थिति भी देखनी चाहिए।
विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवपलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A) के घटक दलों के 20 सांसद आज से मणिपुर का दो दिवसीय दौरा करेंगे. मणिपुर में ये सांसद हिंसा प्रभावित क्षेत्रों की जमीनी स्थिति का आकलन करने के बाद समस्याओं के समाधान के बारे में सरकार तथा संसद को अवगत कराएंगे.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
- मणिपुर जा रहे विपक्षी सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल 29-30 जुलाई को मणिपुर का दौरा करेगा. प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, गौरव गोगोई और फूलोदेवी नेताम, जनता दल (यूनाइटेड) के राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह एवं अनिल हेगड़े, तृणमूल कांग्रेस की सुष्मिता देव, झारखंड मुक्ति मोर्चा की महुआ माजी, द्रमुक की कनिमोई, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के पीपी मोहम्मद फैजल, राष्ट्रीय लोक दल के जयंत चौधरी, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज कुमार झा, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के एन के प्रेमचंद्रन और वीसीके पार्टी के टी थिरुमावलवन शामिल होंगे. इसके अलावा शिवसेना (यूबीटी) के अरविंद सावंत, भाकपा के संदोश कुमार, माकपा के ए ए रहीम, समाजवादी पार्टी के जोवद अली खान, आम आदमी पार्टी के सुशील गुप्ता, द्रमुक के डी रवि कुमार और आईयूएमएल के ईटी मोहम्मद बशीर भी इस प्रतिनिमंडल का हिस्सा होंगे.
- मणिपुर पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मोरेह शहर में भड़की हिंसा के मद्देनजर मणिपुर पुलिस के सशस्त्र जवानों की एक संयुक्त टीम को लेकर लगभग 10 बसें दोपहर में इम्फाल से मोरेह के लिए रवाना हुई थीं, लेकिन कल शाम से महिलाओं ने उन्हें रोक कर रखा है. महिला सड़क पर प्रदर्शन करने बैठ गई हैं. इसके बाद सुरक्षाकर्मियों को टेंग्नौपाल असम राइफल्स कैंप में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा. आज वे मोटलरेह तक पहुंचने का प्रयास करेंगे, लेकिन उन्हें उसी प्रतिरोध का सामना करने की उम्मीद है.
- BJP ने विपक्षी दलों पर मणिपुर में और तनाव पैदा करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि वह उनके मणिपुर दौरे के खिलाफ हैं, लेकिन उन्हें स्थिति को खराब नहीं करना चाहिए. साथ उन्होंने ये भी कहा कि क्या ये लोग मणिपुर के बाद पश्चिम बंगाल जाएंगे. क्या ये लोग बंगाल में महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार को देश के सामने लाएंगे ?
- लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने मणिपुर हिंसा की उच्चतम न्यायालय के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच कराने की मांग की. गोगोई ने कहा, “भाजपा यह तस्वीर पेश करना चाहती है कि मणिपुर में सबकुछ ठीक है, जबकि हिंसा अब भी जारी है. इसलिए हम चाहते हैं कि उच्चतम न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में जांच कराई जाए कि यह सब कैसे हुआ.”
- कांग्रेस प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य सैयद नासिर हुसैन ने कहा कि ‘इंडिया’ के घटक दल मणिपुर में शांति की बहाली के लिए हर संभव प्रयास करेंगे और उनके 20 सांसद इसी कोशिश के तहत 29-30 जुलाई को राज्य के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के साथ राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात करेंगे. हुसैन ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संसद में बयान देना चाहिए और मणिपुर में शांति की बहाली के लिए एक रूपरेखा तैयार करने की जरूरत है जो संसद के जरिये सामने आ सकती है.
- द्रमुक के नेता टी आर बालू ने कहा कि विपक्षी प्रतिनिधिमंडल शनिवार को सुबह मणिपुर के लिए रवाना होगा और पता लगाएगा कि वहां क्या गलत हुआ, किस हद तक जान-माल का नुकसान हुआ है. आरएसपी के प्रेमचंद्रन ने कहा कि इस दौरे का लक्ष्य राज्य में होने वाली घटनाओं के बारे में प्रत्यक्ष जानकारी प्राप्त करना है. उन्होंने कहा, “हिंसा अब भी जारी है, इसलिए हम प्रत्यक्ष रूप से जानकारी हासिल करना चाहेंगे तथा लोकसभा में चर्चा से पहले सरकार और संसद को कुछ समाधान एवं सिफारिशें सुझाना चाहेंगे.”
- विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के घटक दल मानसून सत्र के पहले दिन से ही मणिपुर में जातीय हिंसा के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से संसद में वक्तव्य देने और चर्चा कराए जाने की मांग कर रहे हैं. इस मुद्दे पर हंगामे के कारण दोनों सदनों में कार्यवाही बाधित रही है. कांग्रेस ने मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर संसद में जारी गतिरोध के बीच बुधवार को लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, जिस पर सदन में चर्चा के लिए मंजूरी दे दी गई थी. उस दिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा था कि वह सभी दलों के नेताओं से बातचीत करने के बाद इस प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तिथि तय करेंगे.
- मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की सरकार, जिन्होंने अब तक इस्तीफे की मांग को मानने से इनकार कर दिया है, ने इस महीने के अंत या अगस्त की शुरुआत में विधानसभा सत्र बुलाने का फैसला किया है. इस दौरान राज्य में हिंसा की स्थिति पर चर्चा होगी.
- मणिपुर में करीब तीन महीने से जारी हिंसा के कारण 160 से भी अधिक लोगों की मौत हुई है. वहीं, हजारों लोग बेघर हो गए हैं. सैकड़ों घरों को भीड़ ने आग के हवाले कर दिया है. राहत कैंपों में भी लोग डर के साय में जीने को मजबूर हैं.
- इस दौरान मणिपुर से सामने आने वाली सबसे भयावह घटनाओं में से एक भीड़ द्वारा दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने का वीडियो था. केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि वीडियो की जांच सीबीआई से कराई जाएगी.