राजधानी पटना में 13 जुलाई को बीजेपी के विधानसभा मार्च में पुलिस लाठीचार्ज पर जमकर हंगामा देखने को मिला। इस दौरान जहानाबाद से आए बीजेपी पदाधिकारी विजय सिंह की मौत हो गई थी। बीजेपी नेतृत्व इसके लिए सरकार और पुलिस के एक्शन को जिम्मेदार बता रहा। उनका साफ कहना है कि पुलिस लाठीचार्ज के चलते विजय सिंह की जान गई। हालांकि, अब सामने आई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बीजेपी नेता की मौत को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। इसके मुताबिक, बीजेपी नेता की मौत लाठीचार्ज से नहीं बल्कि दिल संबंधी बीमारी से हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, कार्डिएक अरेस्ट से विजय सिंह की मौत हुई।
‘हृदय संबंधी बीमारी से पीड़ित थे विजय सिंह’
राज्य सरकार ने दावा किया कि 13 जुलाई को पटना में विधानसभा मार्च के दौरान बीजेपी के पदाधिकारी विजय कुमार सिंह की मौत हृदय संबंधी बीमारियों के कारण हुई। इस संबंध में पटना प्रशासन की ओर से गुरुवार शाम को एक बयान जारी किया गया। बीजेपी ने आरोप लगाया था कि विजय सिंह की मौत पुलिस एक्शन के कारण हुई। पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (PMCH) की ओर से पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट जारी की गई। बताया गया कि जहानाबाद के रहने वाले विजय सिंह की मौत का सही कारण जानने के लिए हिस्टोपैथोलॉजिकल जांच की गई। जिला प्रशासन ने कहा कि काफी जांच के बाद मेडिकल बोर्ड ने राय दी कि मौत हृदय रोग और उससे जुड़ी जटिलताओं के कारण हुई।
‘लाठीचार्ज से पहले बिगड़ी थी बीजेपी नेता की तबीयत’
अस्पताल प्रशासन की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए जिला प्रशासन ने भी दावा किया कि सीसीटीवी फुटेज से यह भी स्पष्ट है कि मृतक बीजेपी पदाधिकारी के बेहोश होने की घटना छज्जू बाग इलाके में हुई। ये घटना दोपहर 1:22 बजे हुई, वहीं लाठीचार्ज की घटना 1:27 बजे हुई। दूसरी ओर, डाकबंगला चौराहा क्षेत्र में हुई। हालांकि, बीजेपी ने जिला प्रशासन के दावों का खंडन किया है। प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने पोस्टमार्टम के वीडियो फुटेज की मांग की है।
सम्राट चौधरी बोले- पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में क्यों लगे 8 दिन
सम्राट चौधरी ने टीओआई ने कहा कि राज्य सरकार घटना पर महज लीपापोती कर रही है। सरकार को पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने में आठ दिन लग गए। इसके अलावा, स्वर्गीय विजय सिंह पूरी तरह से स्वस्थ थे और उन्हें कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या नहीं थी। हम अपने स्तर से मामले की जांच करेंगे। हम पोस्टमॉर्टम के वीडियो फुटेज की मांग करेंगे।
जेडीयू का बीजेपी पर करारा पलटवार
दूसरी ओर, जेडीयू ने बीजेपी पर अपने पदाधिकारी की मौत पर राजनीतिक लाभ हासिल करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह बीजेपी की आदत रही है। यहां तक कि 2013 में जब गांधी मैदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में आतंकी हमले में छह लोगों की मौत हो गई थी, तब भी उन्होंने नौकरी देने और मृतकों के परिवार की देखभाल करने का वादा किया था, लेकिन कुछ नहीं हुआ। जेडीयू एमएलसी और प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि वे इस बार भी ऐसा ही कर रहे हैं।