अहमदाबाद: मोदी सरनेम से जुड़े मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को गुजरात हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. राहुल गांधी की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी है.
लोकसभा चुनाव 2019 से पहले 13 अप्रैल को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ‘मोदी सरनेम’ पर बयान दिया था. गुजरात में बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी की ओर से दायर 2019 मामले में सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी.
इसके बाद 24 मार्च को राहुल गांधी की सदस्यता रद्द हो गई. 25 मार्च को राहुल गांधी ने माफी मांगने से इनकार कर दिया. 27 मार्च को सरकारी बंगला छोड़ने का नोटिस मिला. 22 अप्रैल को राहुल गांधी ने बंगला खाली कर दिया. सूरत सेशन कोर्ट के फैसले के खिलाफ राहुल गांधी ने गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की, मगर राहत नहीं मिली. इसके बाद हाईकोर्ट से अपने फैसले पर पुर्नविचार करने की अपील की गई.
23 मार्च 2023 को सूरत की सेशन कोर्ट ने राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई थी। हालांकि, इस फैसले के 27 मिनट बाद उन्हें जमानत मिल गई थी। इसके अगले दिन 24 मार्च को दोपहर 2:30 बजे उनकी सांसदी चली गई थी।
राहुल ने सूरत कोर्ट में फैसले पर दोबारा विचार करने के लिए रिव्यू पिटीशन दाखिल की थी, लेकिन कोर्ट ने उस पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। इसके बाद राहुल गांधी ने 25 अप्रैल को गुजरात हाईकोर्ट में रिव्यू पिटीशन लगाई थी। इसके बाद 2 मई को हाईकोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था।
आगे क्या: अगर राहुल को इस केस में राहत मिल जाती है तो उनकी सांसदी बहाल हो जाएगी और वे 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ पाएंगे। अगर ऐसा नहीं होता है तो वे 8 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
मोदी सरनेम मामला क्या है
राहुल गांधी ने 2019 में कर्नाटक की सभा में मोदी सरनेम को लेकर बयान दिया था। कहा था- सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है। इसके बाद गुजरात के भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का केस किया था।
राहुल गांधी की सांसदी क्यों गई
राहुल की संसद सदस्यता 24 मार्च को दोपहर करीब 2.30 बजे रद्द कर दी गई। वह केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य थे। लोकसभा सचिवालय ने पत्र जारी कर इस बात की जानकारी दी थी। लोकसभा की वेबसाइट से भी राहुल का नाम हटा दिया गया है।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई 2013 को अपने फैसले में कहा था कि कोई भी सांसद या विधायक निचली अदालत में दोषी करार दिए जाने की तारीख से ही संसद या विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित हो जाएगा।
कोर्ट ने लिली थॉमस बनाम भारत सरकार के केस में यह आदेश दिया था। इससे पहले कोर्ट का आखिरी फैसला आने तक विधायक या सांसद की सदस्यता खत्म नहीं करने का प्रावधान था।
राहुल गांधी पर मानहानि के 4 और मुकदमे चल रहे हैं, जिन पर फैसला बाकी…
- 2014 में राहुल गांधी ने संघ पर महात्मा गांधी की हत्या का आरोप लगाया था। एक संघ कार्यकर्ता ने राहुल पर IPC की धारा 499 और 500 के तहत मामला दर्ज कराया था। ये केस महाराष्ट्र के भिवंडी कोर्ट में चल रहा है।
- 2016 में राहुल गांधी के खिलाफ असम के गुवाहाटी में धारा 499 और 500 के तहत मानहानि का केस दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ता के मुताबिक, राहुल गांधी ने कहा था कि 16वीं सदी के असम के वैष्णव मठ बरपेटा सतरा में संघ सदस्यों ने उन्हें प्रवेश नहीं करने दिया। इससे संघ की छवि को नुकसान पहुंचा है। ये मामला भी अभी कोर्ट में पेंडिंग है।
- 2018 में राहुल गांधी के खिलाफ झारखंड की राजधानी रांची में एक और केस दर्ज किया गया। ये केस रांची की सब-डिविजनल ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की कोर्ट में चल रहा है। राहुल के खिलाफ IPC की धारा 499 और 500 के तहत 20 करोड़ रुपए मानहानि का केस दर्ज है। इसमें राहुल के उस बयान पर आपत्ति जताई गई है, जिसमें उन्होंने ‘मोदी चोर है’ कहा था।
- 2018 में ही राहुल गांधी पर महाराष्ट्र में एक और मानहानि का केस दर्ज हुआ। ये मामला मझगांव स्थित शिवड़ी कोर्ट में चल रहा है। IPC की धारा 499 और 500 के तहत मानहानि का केस दर्ज है। केस संघ के कार्यकर्ता ने दायर किया था। राहुल पर आरोप है कि उन्होंने गौरी लंकेश की हत्या को BJP और संघ की विचारधारा से जोड़ा।
गुजरात हाई कोर्ट के जस्टिए एम एम प्राच्छक मानहानि के इस मामले में राहुल गांधी की अपील पर अपना फैसला सुनाएंगे। 2 मई को इस मामले में सुनवाई पूरी हो गई थी। इसके बाद हाई कोर्ट समर वेकेशन के लिए बंद था। इसलिए जस्टिस एम एम प्राच्छक ने फैसले को आर्डर पर रख लिया था। हाई कोर्ट में जस्टिस प्राच्छक इस मामले में सुबह 11 बजे अपना फैसला सुना सकते हैं। राहुल गांधी बनाम पुर्णेश ईश्वरभाई मोदी का यह मामला पहली सिटिंग में सूचीबद्ध है।दोनों पक्षों से रखीं थी दलीलें
राहुल गांधी की अपील पर हाई कोर्ट में काफी लंबी बहस हुई थी। दो दिन की सुनवाई में राहुल गांधी की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए थे। उन्होंने राहुल गांधी की सजा पर रोक की मांग के पक्ष में काफी सारी दलीलें रखीं थीं। तो वहीं इस मामले में शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी की तरफ से पेश हुए वकीलों ने कहा था कोर्ट से सजा मिलने के बाद भी राहुल गांधी के स्वभाव में बदलाव नहीं है। वे कोर्ट में राहत मांग रहे हैं और बाहर पब्लिक के बीच में कहते हैं कि मैं कोई भी सजा भुगतने को तैयार हूं। दोनों पक्षों की तरफ तमाम दलीलों को सुनने के बाद जस्टिस हेमंत एम प्राच्छक ने इस मामले को आर्डर के लिए सुरक्षित रख लिया था। 2 मई को सुनवाई पूरी होने के सवा दो महीने बाद जस्टिस प्राच्छह आज फैसला सुनाएंगे।
अगर हाई कोर्ट से राहुल गांधी को राहत मिलती हैं तो लोकसभा की सदस्यता बहाल होने की संभावना बनेगी। अगर उन्हें हाई कोर्ट से राहत नहीं मिलती है तो फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ सकता है। राहुल गांधी वायनाड से सांसद थे। राहुल गांधी की सदस्यता खत्म होने के बाद से सीट खाली पड़ी है। ऐसे में वहां पर चुनाव होने की भी अटकलें लग रही हैं।