सिडनी (Sydney Olympic Park) के ओलिंपिक पार्क में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) भारतीय मूल के 20 हजार लोगों को संबोधित करेंगे. इससे पहले वहां रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है. इस स्वागत समारोह के लिए बड़ी संख्या में लोग स्पेशल फ़्लाइट से सिडनी पहुंचे हैं. एक ऐसी ही फ़्लाइट का नाम मोदी एयरवेज रखा गया है, जिसमें 170 लोग तिरंगे के रंग में रंगे परिधान पहन कर यहां पहुंचे हैं. ये ग्रुप मेलबर्न से सिडनी पहुंचा है. खुद ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ये कह चुके हैं कि आज के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए इतने लोगों का अनुरोध उनके पास आया, जिसे पूरा करना उनके लिए संभव नहीं.
पीएम मोदी ने सिडनी में भारतीयों से की ये अपील
सिडनी ने भारतीयों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा- मैं आपसे कुछ मांगना चाहता हूं, आप देंगे? मैं आपसे ये मांग रहा हूं और अपील करता हूं कि जब भी भारत आएं, अपने साथ कोई न कोई ऑस्ट्रेलियाई मित्र या उनके परिवार को साथ लेकर आएं. इससे उन्हें भारत को जानने और समझने का मौका मिलेगा. आपसे लंबे वक्त के बाद मिलने का मौका मिला. आप स्वस्थ रहिए, आनंद से रहिए. आप सभी का धन्यवाद.
आज भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों का सबसे बड़ा आधार…
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि आज भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों का सबसे बड़ा आधार ‘परस्पर विश्वास और परस्पर सम्मान’ है और यह सिर्फ दोनों देशों के कूटनीतिक रिश्तों से विकसित नहीं हुआ है.
पीएम मोदी फिलहाल ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर हैं. आज उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की बड़ी कंपनियों के सीईओ से मुलाक़ात की है. इससे पहले कल ऑस्ट्रेलिया पहुंचने पर उनका ज़ोरदार स्वागत किया गया. पीएम मोदी के स्वागत के लिए बड़ी संख्या में भारतीय समुदाय के लोग मौजूद थे. इस दौरान लोगों ने ‘भारत माता की जय’ और ‘मोदी-मोदी’ के नारे भी लगाए. वहीं महिलाओं ने उनके स्वागत में एक ख़ास गाना भी गाया. ऑस्ट्रेलिया दौरे में पीएम मोदी भारतीय समुदाय को भी संबोधित करेंगे, ये संबोधन सिडनी के ओलिंपिक पार्क में होगा. इसके लिए ख़ास तैयारियां भी की गई हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों की अपनी यात्रा के तीसरे और अंतिम चरण के तहत सोमवार को यहां पहुंचे. मोदी ऑस्ट्रेलियाई सरकार के मेहमान के तौर पर 22 से 24 मई तक ऑस्ट्रेलिया की यात्रा पर हैं. मोदी यहां ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज के साथ बातचीत करेंगे और सिडनी में भारतीय समुदाय के एक कार्यक्रम में भी हिस्सा लेंगे. मोदी ने ट्वीट किया- सिडनी पहुंचने पर भारतीय समुदाय ने गर्मजोशी से स्वागत किया। अगले दो दिनों के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों को लेकर उत्सुक हूं.
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑस्ट्रेलिया में कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद, संचार के समुद्री मार्गों की सुरक्षा और समुद्री डकैती जैसी कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। पीएम मोदी ने कहा, भारत का मानना है कि इनका समाधान केवल साझा प्रयासों से ही किया जा सकता है। ‘द ऑस्ट्रेलियन’ अखबार को दिए एक साक्षात्कार में पीएम ने कहा कि वह एक ‘खुला और मुक्त’ हिंद-प्रशांत सुनिश्चित करने में सहायता के लिए रक्षा और सुरक्षा संबंधों सहित ऑस्ट्रेलिया के साथ रिश्तों को ‘अगले स्तर’ पर ले जाना चाहते हैं।
“मैंने देखा है कि प्रधानमंत्री अल्बनीज भी ऐसे ही हैं”
‘द ऑस्ट्रेलियन’ अखबार को दिए साक्षात्कार में पीएम मोदी ने कहा, ‘‘मैं ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जो आसानी से संतुष्ट हो जाए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने देखा है कि प्रधानमंत्री अल्बनीज भी ऐसे ही हैं। मुझे विश्वास है कि जब हम सिडनी में फिर से एक साथ हैं, तो हमें यह पता लगाने का अवसर मिलेगा कि हम अपने संबंधों को अगले स्तर तक कैसे ले जा सकते हैं, कैसे पूरकता के नए क्षेत्रों की पहचान कर सकते हैं और कैसे हमारे सहयोग का विस्तार कर सकते हैं।’’ मोदी तीन देशों की अपनी यात्रा के तीसरे और अंतिम चरण के लिए सोमवार को ऑस्ट्रेलिया पहुंचे। इस दौरान वह अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष एंथनी अल्बनीज के साथ बातचीत करेंगे और प्रवासी भारतीयों के साथ एक सामुदायिक कार्यक्रम में भाग लेंगे।
रूस की आलोचना करने से भारत के ‘इनकार’ पर बोले पीएम
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह चाहते हैं कि दोनों देश बढ़ते रक्षा संबंधों के बीच करीबी रक्षा और सुरक्षा संबंधों की वास्तविक क्षमता के दोहन के लिए आगे बढ़ें। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘दो लोकतंत्रों के रूप में, भारत और ऑस्ट्रेलिया के स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत में साझा हित हैं। हमारे रणनीतिक दृष्टिकोण में तालमेल है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे बीच उच्च स्तर का आपसी विश्वास स्वाभाविक रूप से रक्षा और सुरक्षा मामलों में अधिक सहयोग में बदल गया है। हमारी नौसेनाएं संयुक्त नौसैनिक अभ्यास में भाग ले रही हैं।’’ मोदी ने इस बात को भी खारिज किया कि रूस की आलोचना करने से भारत के ‘इनकार’ से द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान होगा क्योंकि यूक्रेन युद्ध को लेकर ऑस्ट्रेलिया, मॉस्को की काफी आलोचना करता रहा है।
“अच्छे दोस्त होने का एक फायदा यह है कि…”
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘अच्छे दोस्त होने का एक फायदा यह है कि हम स्वतंत्र रूप से चर्चा कर सकते हैं और एक-दूसरे के दृष्टिकोण की सराहना कर सकते हैं। ऑस्ट्रेलिया भारत की स्थिति को समझता है और यह हमारे द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित नहीं करता।’’ उन्होंने उम्मीद जताई कि इस यात्रा से दोनों देशों को सहयोग के नए क्षेत्रों की पहचान करने में मदद मिलेगी, जिसमें नई तकनीक, स्वच्छ ऊर्जा, महत्वपूर्ण खनिज, खनन, साइबर स्पेस और कुशल पेशेवरों की आवाजाही के लिए लचीली आपूर्ति श्रृंखला का निर्माण शामिल है।
“पिछली यात्रा के बाद से संबंध मूलभूत रूप से बदले”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी पिछली यात्रा के बाद से द्विपक्षीय संबंध वार्षिक शिखर सम्मेलनों, आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते, और व्यापक रणनीतिक साझेदारी के संबंध ‘मूलभूत रूप से बदल’ गए हैं। मोदी ने अखबार से कहा, ‘‘हमने रक्षा, सुरक्षा, निवेश, शिक्षा, जल, जलवायु परिवर्तन और नवीकरणीय ऊर्जा, खेल, विज्ञान, स्वास्थ्य, संस्कृति सहित अन्य क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ लोगों से लोगों के बीच संपर्क, हमारी साझेदारी का एक मजबूत स्तंभ बना हुआ है। पिछले वर्षों में ऑस्ट्रेलिया में भारतीय प्रवासी समुदाय की संख्या बढ़ी है।’’