असम के गुवाहटी में अखिला भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के उद्घाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विकास की राह में आने वाले अवरोधों के सवाल पर कुछ महत्वपूर्ण विचार व्यक्त किया है‚ जिन पर गंभीरता से विमर्श करने की आवश्यकता है। उनका मानना है कि जब किसी क्षेत्र में परिवारवाद‚ क्षेत्रवाद‚ भ्रष्टाचार और अस्थिरता की राजनीति हावी होती है‚ तब विकास कार्य बाधित हो जाता है। प्रधानमंत्री मोदी के इस विचार से किसी को भी असहमति नहीं हो सकती क्योंकि ये नकारात्मक विकास के शत्रु हैं। यह भी सच है कि देश में वंशवादी राजनीतिक दलों की बाढ़ आ गई है। भारत में वंशवादी‚ परिवारवादी या क्षेत्रीय दलों की संरचना और प्रकृति प्रायः एक जैसी है। उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत तक जितने भी क्षेत्रीय दल हैं‚ करीब–करीब सबकी कहानी एक ही तरह है। लेकिन इसी के साथ एक महत्वपूर्ण सवाल यह भी है कि आखिर राज्यों में क्षेत्रीय दलों का उद्भव और विकास क्यों हुआ। यह भी कहा जाता है कि राष्ट्रीय दल जब क्षेत्रीय आकांक्षाओं और महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति करने में असफल होने लगते हैं तो क्षेत्रीय दल इस रिक्तता को भरने के लिए आगे बढ़ते हैं और धीरे–धीरे आम जनता के बीच लोकप्रिय हो जाते हैं। आजादी के बाद कांग्रेस की केंद्र सरकारों की अदूरदर्शी विकास नीति के कारण क्षेत्रीय असंतुलन पैदा हुआ। देश के कुछ हिस्सों में तेजी से विकास हुआ जबकि कुछ हिस्से विकास की दृष्टि से पिछड़़ते चले गए। बिहार‚ पश्चिम बंगाल और ओडि़शा सहित पूर्वोत्तर के सभी राज्यों की अनदेखी की गई। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी की सरकार पूर्वोत्तर के विकास को लेकर काफी गंभीर है। यहां इंफ्रास्ट्रक्चर का कार्य तेजी से हुआ है। इसकी एक बड़़ी वजह यह भी है कि केंद्र में स्थिर और मजबूत सरकार है। प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस का नाम लिये बिना आरोप लगाया कि जिन्होंने दशकों तक देश पर शासन किया उन्हें क्रेडि़ट लेने की भूख थी। ऐसे लोगों ने देश का बहुत अहित किया है। हालांकि कांग्रेस शासनकाल में देश का विकास नहीं हुआ इस बात को पूरी तरह स्वीकार नहीं किया जा सकता। वास्तविकता यह है कि राष्ट्र निर्माण में कांग्रेस की महत्वपूर्ण भूमिका रही है‚ लेकिन धर्म‚ जाति‚ परिवारवादी और क्षेत्रीयतावादी संकीर्ण राजनीति के कारण विकासवादी राजनीति का मॉडल पीछे छूटता गया। देश का समावेशी विकास के लिए इन नकारात्मक प्रवृत्तियों से मुक्त होना पड़े़गा।
अपने बच्चों को अग्रेज़ी पढ़ाएंगे, दूसरे के बच्चों को कठमुल्ला, मौलवी बनाएंगे………
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