प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रायसीना डायलॉग के 8वें संस्करण का उद्घाटन करेंगे। यह कार्यक्रम 2 मार्च से 4 मार्च तक नई दिल्ली के ताज होटल में आोयजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में इटली की प्रधानमंत्री जिर्योजियो मिलोनी चीफ गेस्ट के तौर पर शामिल होंगी।
इस साल का यह डायलॉग ऐसे समय में हो रहा है जब भारत G-20 की अध्यक्षता कर रहा है। इस लिहाज से इस बार का रायसीना डायलॉग काफी महत्वपुर्ण माना जा रहा है। रायसीना डायलॉग 2023 में सौ से अधिक देशों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। इस बार की थीम- उकसावा, अनिश्चितता, संकट और तूफान में जलता दीया है।
इस साल 100 देश से ज्यादा होंगे शामिल
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, रायसीना डायलॉग 2023 में सौ से ज्यादा देशों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। इनमें मंत्री, पूर्व राष्ट्राध्यक्ष और सरकार के प्रमुख, सैन्य कमांडर, उद्योग के कप्तान, टेक्नोलॉजी लीडर, सामरिक मामलों के विशेषज्ञ, शिक्षाविद, पत्रकार, रणनीतिक मामलों के जानकार शामिल हैं।
इसे विदेश मंत्रालय ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित करता है। पिछले आठ सालों में रायसीना डायलॉग का प्रभाव अलग-अलग क्षेत्रों पर लगातार बढ़ रहा है। साथ ही इस समारोह की पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेजर ग्लोबल कॉन्फ्रेंस के रूप में हुई है।
क्या है रायसीना डायलॉग?
दुनिया के अलग-अलग देशों के लोगों का एक मंच है जहां वैश्विक हालात और चुनौतियों पर एक सार्थक चर्चा के उद्देश्य से रायसीना डायलॉग की शुरुआत की गई। इसमें 100 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधि हिस्सा लेते हैं। केंद्र सरकार ने रायसीना डायलॉग की शुरुआत 2016 में की थी। जिसके बाद से हर साल इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले देशों और लोगों की तादाद बढ़ती जा रही है। भू-राजनीति और भू-अर्थशास्त्र पर भारत का यह प्रमुख सम्मेलन है। इसका आयोजन विदेश मंत्रालय की ओर से ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के सहयोग से किया जाता है।
पिछले साल 90 देश शामिल हुए
पिछले साल रायसीना डायलॉग 2022 में 90 देशों के 210 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए थे। करीब 100 सेशन के दौरान रायसीना के युवा साथियों का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था। वहीं, 2021 में कोरोना के चलते इसे वर्चुअल आयोजित किया गया था।