उपेंद्र कुशवाहा की नई पार्टी का नया पोस्टर लग गया है। उनके सरकारी आवास के बाहर पटना के 24 एम स्टेंड रोड में बुधवार को इस पोस्टर को लगाया गया है। इस पोस्टर पर लिखा हैं कि- ‘उपेंद्र कुशवाहा को लाएंगे नया बिहार बनाएंगे’।
पोस्टर के निवेदक हैं- राष्ट्रीय लोक जनता दल, बिहार। यह उपेंद्र कुशवाहा की नई पार्टी का नाम है। उन्होंने कुछ दिन पहले नीतीश कुमार से JDU में अपनी हिस्सेदारी मांगी जो उन्हें नहीं मिली। जिसके बाद वह पार्टी से अलग हो गए।
18 साल में ये तीसरी बार था, जब उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश का साथ छोड़ा है। इससे पहले उन्होंने 2005 और 2013 में नीतीश का साथ छोड़ा था। कुशवाहा ने नीतीश से अलग होने के बाद 2013 में नई पार्टी बनाई थी। ये दूसरी बार है जब उन्होंने नई पार्टी का ऐलान किया।

बता दें कि 14 मार्च 2021 को उपेंद्र कुशवाहा जब नीतीश कुमार के साथ गए थे। तब उन्होंने अपनी पार्टी रालोसपा का विलय JDU में कर दिया था। जिसके बदले उन्हें JDU पार्लियामेंट्री बोर्ड का चेयरमैन बनाया गया। फिर एमएलसी बनाया गया।

रालोसपा में सबसे चर्चित नारा होता था- बिहार का मुख्यमंत्री कैसा हो उपेंद्र कुशवाहा जैसा हो
साल 2013 में जब उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी अलग पार्टी रालोसपा बनाई थी, तब उसका शायद ही कोई बड़ा कार्यक्रम रहा होगा जिसमें ‘बिहार का मुख्यमंत्री कैसा हो उपेंद्र कुशवाहा जैसा हो’ वाला नारा नहीं लगा हो।
उपेंद्र कुशवाहा, कुशवाहा जाति से आने वाले बड़े नेता हैं। वे नीतीश कुमार से अलग होने के बाद नरेन्द्र मोदी की तारीफ भी कर रहे। उन्होंने कहा कि पीएम पद के लिए नरेन्द्र मोदी को टक्कर देने वाला अभी कोई नहीं।
वहीं, अपनी नई पार्टी को मजबूत बनाने के लिए उन्होंने बिहार यात्रा का पूरा शेड्यूल भी तैयार कर लिया है। वे 28 फरवरी को गांधी के सत्याग्रह की धरती चम्पारण के भीतिहरवा से यात्रा की शुरुआत करेंगे। ये यात्रा दो चरणों में होगी।
पहले चरण की यात्रा 28 फरवरी से 6 मार्च तक होगी। दूसरे चरण की यात्रा 15 मार्च से 20 मार्च तक होगी। समापन प्रतापी राजा सम्राट अशोक के जयंती कार्यक्रम में होगा। इस यात्रा का नाम उपेन्द्र कुशवाहा ने रखा है- ‘विरासत बचाओ नमन यात्रा’।

2025 विधान सभा चुनाव की तैयारी
इस यात्रा में रालोजद की ओर से उपेंद्र कुशवाहा को बिहार के भावी मुख्यमंत्री के रूप में प्रचारित-प्रसारित किया जाएगा। नीतीश कुमार पहले ही कह चुके हैं कि 2025 का चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। यानी 2025 में तेजस्वी के विरोध में मुख्यमंत्री पद का बड़ा चेहरा उपेंद्र कुशवाहा हो सकते हैं। बिहार में दो बड़ी राष्ट्रीय पार्टी बीजेपी और कांग्रेस के पास मुख्यमंत्री पद के लिए कोई चेहरा नहीं दिख रहा।
कह सकते हैं कि दोनों पार्टियां ने अपने किसी नेता की वैसी छवि नहीं बनाई है। 2025 के विधान सभा चुनाव से पहले 2024 का लोक सभा चुनाव होना है। उपेंद्र कुशवाहा के पास अपनी ताकत दिखाने का मौका है। 2024 में दिखाई गई ताकत का असर 2025 में होगा। ‘विरासत बचाओ नमन यात्रा’ के बहाने उपेंद्र कुशवाहा अपनी आधी से अधिक तैयारी पूरी कर लेंगे।
उपेंद्र कुशवाहा को इसलिए कांग्रेस साथ नहीं लेगी
उपेंद्र कुशवाहा बीजेपी में जाएंगे कि नहीं? उन्हें बीजेपी बिहार में मुख्यमंत्री पद के लिए प्रोजेक्ट करेगी कि नहीं? ये दो सवाल ऐसे हैं जिसका इंतजार ही किया जा सकता। कांग्रेस तो उपेंद्र कुशवाहा को साथ लेगी नहीं क्योंकि कांग्रेस को लालू-तेजस्वी पसंद हैं। दोनों पार्टी के शीर्षस्थ नेताओं के एक-दूसरे पर बहुत सारे एहसान हैं। अभी भी बीजेपी विरोध की सबसे बड़ी पार्टी बिहार में राष्ट्रीय जनता दल ही है। यह संख्या बल से ही नहीं बल्कि विचार के स्तर पर भी है।

कुशवाहा को ताकत को इस तरह देखना चाहिए- ध्रुव कुमार, वरिष्ठ पत्रकार
वरिष्ठ पत्रकार ध्रुव कुमार कहते हैं कि नीतीश कुमार को उपेंद्र कुशवाहा फैक्टर काफी परेशान करेगा। हर विधानसभा में 40-50 हजार की संख्या में कुशवाहा हैं। शिक्षा को आधार बनाकर काफी आंदोलन कर चुके हैं। वे केंद्र सरकार में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री रह चुके हैं।
कुशवाहा की पार्टी जब नीतीश का खेल बिगड़ेगी तो इसका सीधा फायदा बीजेपी को मिलेगा। बिहार में कुशवाहा के सबसे बड़े नेता उपेंद्र कुशवाहा हैं। वे बिहार के विधान सभा क्षेत्रों में कई बार घूम चुके हैं। जेडीयू में रहते हुए निचले स्तर पर उन्होंने खुद को मजबूत भी किया है। नीतीश ऐसे ही कुशवाहा को अपने साथ नहीं लाए थे।
राष्ट्रीय लोक जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा बिहार में विरासत बचाओ नमन यात्रा निकालेंगे। 28 फरवरी से चंपारण के भितिहरवा से इस यात्रा की शुरुआत होगी। ये यात्रा दो चरणों में होगी। पहला चरण 28 फरवरी से 6 मार्च तक होगा।
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इसमें मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, मधुबनी, अररिया से छपरा और सीवान जाएंगे। होली के बाद दूसरे चरण की शुरुआत 15 मार्च से होगी। यात्रा का समापन 20 मार्च को पटना, नालंदा, शेखपुरा, भागलपुर, जमुई, औरंगाबाद होते हुए अरवल में जगदेव बाबू के गांव में होगा। इस दौरान अलग-अलग जगहों पर सभा का आयोजन किया जाएगा। बुधवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उपेंद्र कुशवाहा ने ये जानकारी दी।