मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतने वाले राज्य के खिलाडियों को बिहार प्रशासनिक सेवा में एसडीएम और बिहार पुलिस सेवा में डीएसपी या समकक्ष पद पर सीधे नौकरी दी जायेगी। यानी मेडल लाओ‚ नौकरी पाओ। मुख्यमंत्री ने पाटलिपुत्रा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में बृहस्पतिवार से शुरू १८वीं राष्ट्रीय अंतर जिला जूनियर एथलेटिक्स (निड़जैम)‚ २०२३ का उद्घाटन करने के बाद समारोह कोे संबोधित करते हुए इस प्रतियोगिता में शामिल होनेवाले सभी खिलाडियों को शुभकामनाएं दीं और उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि आप सभी खिलाडी देश दुनिया में अपना नाम रौशन कीजिये और आगे बढिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष २००२ में हम जब स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार में रेल मंत्री थे‚ तो हमने खिलाडियों के लिए रेलवे में नौकरी देने का निर्णय लिया था। देश में पहली बार खिलाडियों को रेलवे में नौकरी देने की शुरुआत हमलोगों ने करायी थी। बिहार में वर्ष २०१२ से लेकर अब तक २३५ खिलाडियों को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है। अभी ग्रेड–३ में नौकरी दी जा रही है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पाटलिपुत्रा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में बृहस्पतिवार से शुरू १८वीं राष्ट्रीय अंतर जिला जूनियर एथलेटिक्स (निड़जैम)‚ २०२३ को भविष्य के लिए खिलाडी तैयार करने का जरिया बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि बिहार में पहली बार राष्ट्रीय अंतर जिला जूनियर एथलेटिक्स प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। सभी राज्यों के खिलाडी इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए आये हैं। मैं उन सभी खिलाडियों एवं उनके साथ आये अधिकारियों का अभिनंदन करता हूं और धन्यवाद देता हूं। उन्होंने कहा कि यह विश्व की सबसे बडी बुनियादी स्तर पर प्रतिभा खोज अभियान है। अब राज्य सरकार की तरफ से ऐसी और प्रतियोगिताएं आयोजित कराने का निर्णय लिया गया है‚ यह खुशी की बात है। इसके लिए जो भी मदद की जरूरत होगी राज्य सरकार अपने स्तर से करेगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों से लगभग ६००० खिलाडी इसमें भाग ले रहे हैं। बिहार के भी ६०० खिलाडी इसमें हिस्सा ले रहे हैं। बिहार में खेलों को बढावा देने के लिए राज्य सरकार प्रयास कर रही है। हमलोग चाहते हैं कि स्कूल एवं कॉलेजों में पढने वाले छात्र–छात्राएं पढने के साथ–साथ खेलें भी। पढाई के साथ–साथ खेलकूद भी जरूरी है।
उन्होंने कहा कि बिहार में प्रखंड स्तर पर स्टेडियम का निर्माण कराया जा रहा है। २२१ स्टेडियम बनकर तैयार हो गये हैं‚ बाकी पर काम जारी है। हम चाहते हैं कि सभी स्टेडियम जल्द से जल्द बनकर तैयार हो। उन्होंने कहा कि राज्य के प्रतिभावान खिलाडियों को ट्रेनिंग के लिए बाहर भी भेजा जा रहा है। राष्ट्रीय प्रतियोगिता में चयनित खिलाडियों के प्रशिक्षण के लिए विदेशों से भी प्रशिक्षकों को बुलाया जा रहा है। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन करनेवाले खिलाडियों को बिहार खेल प्रोत्साहन पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। इसके तहत नकद राशि एवं प्रशस्ति–पत्र दिये जाते हैं। इसके तहत अब तक २२६ खिलाडियों को सम्मानित किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण हमलोगों ने करवाया है। यह काफी सुंदर और बेहतर है। यहां खेलों का आयोजन होता है। यहां खिलाडियों के प्रशिक्षण एवं उनके ठहरने की बेहतर व्यवस्था है। सभी खिलाडियों के रहने‚ खाने–पीने एवं अन्य सारी सुविधाओं की बेहतर व्यवस्था रखें। इन्हें किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो‚ इसका ख्याल रखें।
कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव‚ कला‚ संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री जितेंद्र कुमार राय‚ कला‚ संस्कृति एवं युवा विभाग की सचिव बन्दना प्रेयसी‚ बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रविंद्रन शंकरण‚ एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष आदिल सुमरीवाला ने संबोधित किया।