तुर्की-सीरिया में आए सोमवार को तीव्र गति के भूकंप के चलते 15,500 से अधिक लोगों की जानें चली गईं. 50 हजार से अधिक लोग घायल हो गए. मलबे के नीचे फंसी जिंदगियां अभी भी मदद की बाट खोज रही हैं. रिपोर्ट के मुताबिक करीब 1 लाख लोग रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हुए हैं, जिसमें अलग-अलग देशों की टीमें भी हैं. अधिकांश तौर पर सीरिया में मलबे के नीचे फंसे हुए लोगों तक मदद नहीं पहुंच पा रही है. भारत, चीन और अमेरिका सहित कई देश तुर्की-सीरिया की मदद करने में जुटे हुए हैं.
वहीं तुर्की में जमा देने वाले तापमान के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन को बार-बार रोकना पड़ रहा है. लोग मलबों में दबे अपनों को पानी की बोतलें पहुंचा रहे हैं, ताकि कैसे भी उन्हें सुरक्षित निकाला जा सके. सोशल मीडिया पर मलबों के नीचे फंसे लोगों व बच्चों के कई वीडियो सामने आए हैं, जो हैरान कर देने वाले हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान कई बच्चों को सुरक्षित निकाला गया. तुर्की के राष्ट्रपति भूकंप पीड़ित क्षेत्रों का दौरा करेंगे. वहीं तुर्की में राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है. इसके अलावा कई प्रांतों में इमरजेंसी लागू कर दी गई है. वहीं WHO ने चेतावनी जारी की है. साथ ही अन्य देशों से मदद की गुहार भी लगाया है.
सरकार को लेकर लोगों के बढ़ते गुस्से के बाद तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने स्वीकार किया कि भूकंप के बाद उनकी सरकार की शुरुआती प्रतिक्रियाओं में कमियां थीं। दरअसल, भूकंप के बाद कई ईलाकों में लोगों ने बचावकर्मियों के देर से पहुंचने के साथ ही समय पर राहत समग्री नहीं मिलने की शिकायत की थी और सरकार पर अनदेखी के आरोप लगाए थे।

हालांकि, राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा कि सभी लोगों की मदद के लिए सरकार हरसंभव कोशिश कर रही है और देश में कोई भी बेघर नहीं रहेगा।
तुर्किये में सरकार ने ट्विटर ब्लॉक किया
इस बीच तुर्किये में ट्विटर को ब्लॉक कर दिया गया है। दरअसल, तुर्किये सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार के खिलाफ एक बिल पास किया था। इसके तहत यदि सोशल मीडिया कंपनियां तुर्किये से जुड़ी गलत जानकारी अपनी साइट से नहीं हटाती हैं, तो उनपर प्रतिबंध लगाए जाएंगे। देश में आपत्तिजनक पोस्ट के लिए अब तक 18 लोगों को हिरासत में लिया है और 5 को गिरफ्तार किया गया है।

भूकंप के बड़े अपडेट्स…
- तुर्किये में 9,057 लोगों की जान जा चुकी है और 35 हजार से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है।
- सीरिया में करीब 3 हजार लोग मारे गए और 4 हजार से ज्यादा जख्मी हैं।
- वर्ल्ड फूड प्रोग्राम ने कहा है कि उसके पास सीरिया में एक हफ्ते के लिए लोगों को खिलाने के लिए पर्याप्त खाना है।
- तुर्किये में 8 हजार से ज्यादा लोगों को बचा लिया गया है। रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए 60 हजार से ज्यादा बचावकर्मी तैनात किए हैं।
2 PHOTOS में समझिए, वहां के हालात…


भारत ने ‘ऑपरेशन दोस्त’ चलाया
भारत भी ‘ऑपरेशन दोस्त’ के तहत मदद भेज रहा है। दरअसल, टर्किश और हिंदी भाषा में ‘दोस्त’ शब्द का इस्तेमाल होता है, इसलिए इस ऑपरेशन का नाम दोस्त रखा गया है। रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए NDRF टीमों के साथ गरुड़ एरोस्पेस कंपनी के ड्रोन भी भेजे गए हैं।
इधर, भारत के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि तुर्किये में भूकंप आने के बाद से ही एक भारतीय नागरिक लापता है। साथ ही तुर्किये के दूर-दराज के इलाकों में 10 भारतीय फंसे हुए हैं। इन्हें रेस्क्यू करने की कोशिश की जा रही है।
भूकंप से तुर्किये 10 फीट खिसका
भूकंप का एपिसेंटर तुर्किये था। इसे देखते हुए एक्सपर्ट्स का कहना है कि यहां टैक्टोनिक प्लेट्स 10 फीट (3 मीटर) तक खिसक गईं। दरअसल, तुर्किये 3 टैक्टोनिक प्लेट्स के बीच बसा हुआ है। ये प्लेट्स हैं- एनाटोलियन टैक्टोनिक प्लेट, यूरोशियन और अरबियन प्लेट।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, एनाटोलियन टैक्टोनिक प्लेट और अरबियन प्लेट एक दूसरे से 225 किलोमीटर दूर खिसक गई हैं। इसके चलते तुर्किये अपनी भौगोलिक जगह से 10 फीट खिसक गया है। इटली के सीस्मोलॉजिस्ट डॉक्टर कार्लो डोग्लियोनी ने बताया कि टैक्टोनिक प्लेट्स में हुए इस बदलाव के चलते हो सकता है कि तुर्किये, सीरिया की तुलना में 5 से 6 मीटर (लगभग 20 फीट) और अंदर धस गया हो। उन्होंने कहा- हालांकि ये जानकारी शुरुआती डेटा से मिली है। आने वाले दिनों में सैटेलाइट इमेज से सटीक जानकारी मिल सकेगी।

6 फरवरी को आए थे 3 बड़े भूकंप
- तुर्किये और सीरिया में 6 फरवरी को सुबह 3 बड़े भूकंप आए थे। तुर्किये के वक्त के मुताबिक, पहला भूकंप सुबह करीब चार बजे (7.8), दूसरा करीब 10 बजे (7.6) और तीसरा दोपहर 3 बजे (6.0) आया।
- इसके अलावा 243 आफ्टर शॉक्स भी दर्ज किए गए। इनकी तीव्रता 4 से 5 रही। तुर्किये में 7 फरवरी सुबह 8.53 पर फिर भूकंप आया। इसके बाद दोपहर 12.41 बजे 5.4 तीव्रता का भूकंप आया।

तस्वीरों में देखें भूकंप के बाद के हाल…






तुर्किये और सीरिया के लिए दुनियाभर के देशों ने मदद भेजी
देश का नाम | तुर्किये और सीरिया के लिए मदद |
साउथ कोरिया | 5 मिलियन की मदद देने की घोषणा की |
चीन | 6 मिलियन की मदद देने की घोषणा की |
ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड | 11 मिलियन की मदद देने की घोषणा की |
भारत | इंडियन एयरफोर्स के C-17 विमान को 2 NDRF टीमों, डॉक्टरों और राहत सामग्री के साथ भेजा |
अमेरिका | 79 लोगों की दो सर्च ऑपरेशन टीम, 100 फायर फाइटर्स और इंजीनियर भेजे |
यूरोपियन यूनियन | सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन टीम भेजी |
रूस | बचाव कार्य के लिए 300 सैनिक और हेलिकॉप्टर्स |
इजराइल | बचाव कार्य के लिए 150 इंजीनियर, मेडिकल स्टाफ |
ब्रिटेन | 76 रेस्क्यू स्पेशलिस्ट की टीम |
पाकिस्तान | सर्च रेस्क्यू टीम और 25 टन की राहत सामग्री भेजी |
इनके अलावा चेक रिपब्लिक, फ्रांस, माल्ता, नीदरलैंड, पोलैंड, अल्जेरिया, इटली, मोल्दोवा, अल्बानिया, उज्बेकिस्तान, हंगरी, जर्मनी, सर्बिया, स्लोवाकिया, आर्मेनिया, ग्रीस और कतर ने भी तुर्किये और सीरिया में मदद भेजने का ऐलान किया है।
2017 में आया था क्रॉस-बॉर्डर भूकंप
2017 में ईरान-इराक में क्रॉस-बॉर्डर भूकंप आया था। इराक के कुर्दिश शहर हलाबजा से इरान के कर्मानशाह प्रांत में झटके महसूस किए गए थे। इसमें 630 लोगों की मौत हुई थी। 8 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
दुनिया में हर साल 20 हजार भूकंप आते हैं
हर साल दुनिया में कई भूकंप आते हैं, लेकिन इनकी तीव्रता कम होती है। नेशनल अर्थक्वेक इन्फॉर्मेशन सेंटर हर साल करीब 20 हजार भूकंप रिकॉर्ड करता है। इसमें से 100 भूकंप ऐसे होते हैं जिनसे नुकसान ज्यादा होता है। यह कुछ सेकेंड तक रहता है। अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा देर तक रहने वाला भूकंप 2004 में हिंद महासागर में आया था। यह भूकंप 10 मिनट तक रहा था।