हम कोई संन्यासी नहीं हैं और न ही मठ में बैठे हैं. मंगलवार को जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) के इस बयान के बाद यह तो साफ हो गया कि चाहत बहुत कुछ है लेकिन निर्णय सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को लेना है. उपेंद्र कुशवाहा मंगलवार को मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे. पूछा गया था कि मौका मिला तो क्या आप डिप्टी सीएम बनेंगे? इसी के जवाब में कुशवाहा ने उक्त बातें कहीं.
सुनकर अच्छा लग रहा है: कुशवाहा
उपेंद्र कुशवाहा ने यह भी कहा कि उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की चर्चा सुनकर उन्हें भी अच्छा लग रहा है. हालांकि ये सीएम की विषय है. उपेंद्र कुशवाहा ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में हाल ही में बयान दिया था कि अगर नीतीश कुमार देश की राजनीति करते हैं तो जेडीयू पार्टी कहीं न कहीं कमजोर होगी और आरजेडी मजबूत. कुशवाहा ने यह भी कहा था कि जनता दल यू के साथियों के मन में जरूर इस बात की चिंता है कि आगे कैसे होगा.
उपेंद्र कुशवाहा ने एबीपी न्यूज़ के ही एक सवाल पर कि आप कब तक ऐसे ही पार्टी में इंतजार करेंगे? इस पर कहा था कि देखिए इंतजार की बात नहीं है. निर्णय नीतीश कुमार को लेना है. यानी उपेंद्र कुशवाहा ने ना कहते हुए भी सारी जिम्मेदारी सीएम नीतीश कुमार को सौंप दी है. उन्हें निर्णय लेना है.
आरजेडी के लिए क्यों टेंशन की बात?
इधर, कुशवाहा को उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा या क्या होगा ये वक्त बताएगा लेकिन इन सब चर्चाओं के बीच आरजेडी की टेंशन भी बढ़ने वाली है. सबसे बड़ा सवाल है कि क्या आरजेडी सुप्रीमो और पार्टी के नेता इस बात के लिए तैयार होंगे कि बिहार में दो डिप्टी सीएम हों? आपको बता दें कि इससे पहले जब नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी तो दो डिप्टी सीएम थे. दोनों बीजेपी से ही बनाए गए थे. रेणु देवी और तारकिशोर प्रसाद को डिप्टी सीएम बनाया गया था.
उपेंद्र कुशवाहा ने मकर संक्रांति पर भोज का आयोजन किया है. इसमें सभी दलों के नेताओं को वो आमंत्रित भी कर रहे हैं. बीजेपी के कुछ नेताओं का बयान भी आया था कि वो उपेंद्र कुशवाहा के भोज में जाएंगे. इन सबके बीच यह भी खबर है कि मकर संक्रांति के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार होगा. इस पर सवाल किया गया तो उपेंद्र कुशवाहा ने मंगलवार को यह कहा कि इसका जवाब सीएम ही दे सकते हैं.
दूसरी ओर चर्चा यह भी है कि खरमास के बाद बहुत कुछ देखने को मिल सकता है. बीजेपी लगातार यह बात कह रही है कि महागठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं है. मंगलवार को ही नीरज कुमार बबलू ने यह बयान दिया था कि महागठबंधन में सब गड़बड़ है. उधर कांग्रेस भी मंत्री पद बढ़ाने की मांग कर रही है. यानी कुल मिलाकर यह देखने वाली बात होगी कि अगर मंत्रिमंडल का विस्तार होता है तो क्या बदलाव आने वाला है. किसकी चाहत पूरी होती है और कौन खाली हाथ रहता है.