मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोसी पुनर्वास परियोजना के तहत बचे हुए कार्यों को जल्द पूरा करने का निर्देश देते हुए मंगलवार को कहा कि इसके लिए राशि की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। सीएम ने मंगलवार को एक‚ अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में कोसी पुनर्वास परियोजना की कार्य प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि २००७–०८ में कोसी क्षेत्र में बाढ के कारण भीषण तबाही हुई थी। इस दौरान उनकी सरकार ने अपने संसाधन से उस क्षेत्र में राहत के काफी कार्य किए थे। उसी समय पूरे इलाके को विकसित करने की योजना बनायी गयी थी‚ उस पर काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह वहां जाकर एक–एक चीज को देखते और वहां किये जा रहे सभी कार्यों की जानकारी लेते रहते हैं। नीतीश ने कहा कि कोसी पुनर्वास परियोजना के तहत कई कार्य किए गए हैं‚ जो भी बचे हुए कार्य हैं उसे भी तेजी से पूरा करें। इसके लिए संसाधन की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। इससे पूर्व समीक्षा बैठक में योजना एवं विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुणीश चावला ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बिहार कोसी बेसिन डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। जल संसाधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल‚ कृषि सह पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के सचिव एन.सरवन कुमार‚ ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल एवं राज्य पथ विकास निगम के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार आर. पुदुकलक^ी ने इस परियोजना के तहत अपने–अपने विभागों से संबंधित किए जा रहे कार्यों की प्रगति के बारे में जानकारी दी।
ग्रामीण पथों का मेंटेनेंस विभाग ही करायेः नीतीश
राज्य में सरकारी भवनों तथा सड़़क व पुल–पुलियों का बेहतर रखरखाव के लिए प्रतिबद्ध मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ग्रामीण कार्य विभाग को पथों के निर्माण और मेंटेनेंस के लिए दो अलग–अलग विंग बनाने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने ग्रामीण पथों का बेहतर रखरखाव विभाग द्वारा ही कराने का निर्देश दिया और कहा कि इसके लिए आवश्यकतानुसार जितने भी अभियंताओं और कर्मियों की जरूरत हो‚ उनकी बहाली करायें। ॥ १ अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में मंगलवार को हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग द्वारा जो मेंटेनेंस पॉलिसी बनाई जाये‚ वो बेहतर और स्पष्ट होने चाहिये। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को पथों के निर्माण और मेंटेनेंस के लिए दो अलग–अलग विंग बनाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि दोनों विंग जब अपनी–अपनी जिम्मेदारी के साथ कार्य करेंगे‚ तो बेहतर सडकों का निर्माण होगा और सड़कें मेनटेन भी रहेंगी। सीएम ने कहा कि निर्माण कार्य में लगा विंग बेहतर कार्ययोजना के साथ काम करेगा‚ तो कार्यों की गुणवत्ता और बेहतर होगी। उन्होंने निर्माण के साथ–साथ मेंटेनेंस को लेकर पथों का फिजिकल निरीक्षण करते रहने का भी निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सडकों और पुल–पुलियों के मेंटेनेंस करनेवाले अभियंता अलग–अलग हों और उनका ठीक ढंग से प्रशिक्षण भी करायें। मेंटेनेंस विंग पथों का प्रभावी ढंग से निरीक्षण कर बेहतर मेंटेनेंस करेगा‚ तो उसकी प्रशंसा सब जगह होगी।
मेंटेनेंस पॉलिसी को बेहतर ढंग से क्रियान्वित किया जायेगा‚ तो उसको देश के अन्य राज्य भी अपनायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में हमलोगों ने बेहतर सडक और पुल–पुलियों का निर्माण करवाया है। हमलोगों का उद्ेश्य सिर्फ बेहतर सडक और पुल–पुलियों का निर्माण कराना ही नहीं‚ बल्कि उनका अच्छे ढंग से मेंटेनेंस कराना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। सडकों की मरम्मति के साथ–साथ साफ–सफाई भी जरूरी है। बेहतर सडक होने से लोगों का आवागमन आसान होता है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा मेंटेनेंस करवाने से खर्च में भी बचत होगी और लोगों को नौकरी और रोजगार के अवसर मिलेंगे। सडकों के बेहतर निर्माण कराने और उसे मेंटेनेंस रखने पर अभियंताओं की काफी प्रशंसा होती है और क्षेत्र में उन्हें बहुत इज्जत मिलती है। ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल ने बिहार ग्रामीण पथ विभागीय अनुरक्षण नीति के सबंध में प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने अनुरक्षण नीति की कार्ययोजना‚ पदों के सृजन‚ यंत्र–सयंत्र सामग्री की आपूर्ति‚ अनुरक्षण नीति की क्रियाविधि‚ अभियंताओं तथा कर्मियों की कर्तव्य एवं जिम्मेवारी‚ कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने की व्यवस्था‚ कार्यों का सघन अनुश्रवण सुनिश्चित करना आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
बैठक में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव‚ मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार‚ मुख्य सचिव आमिर सुबहानी‚ वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव सह मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ‚ ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल‚ मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह तथा अभियंता प्रमुख अशोक कुमार मिश्रा सहित अन्य वरीय पदािाकारीगण एवं अभियंतागण उपस्थित थे।