राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश की अवहेलना कर बिहार में अतिपिछड़ों को आरक्षण दिए बिना चुनाव कराने की जिद पर अड़े मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को हाईकोर्ट में मुंह की खानी पड़ी। नीतीश सरकार को कोर्ट के सामने आत्मसमर्पण करना पड़ा। मोदी ने कहा कि यदि सरकार ने विशेष आयोग बनाने का निर्णय पहले कर दिया होता, तो यह फजीहत नहीं होती।
हाईकोर्ट में सरकार को झुकना पड़ा
सुशी मोदी ने कहा कि कोर्ट ने उनके अहंकार को तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि जब महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में निकाय चुनाव पर रोक लगने का हवाला देकर हम नीतीश कुमार से बार-बार कह रहे थे कि निकाय चुनाव में अतिपिछड़ों को आरक्षण देने के लिए विशेष आयोग बनाया जाए, तब हमें आरक्षण-विरोधी बताया जाने लगा। मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार की जिद के चलते निकाय चुनाव बीच में रोकने से अतिपिछड़ों के जो करोड़ों रुपये नुकसान हुए, उसकी भरपायी कौन करेगा ? उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट में सरकार को झुकना पड़ा और आयोग बनाकर आरक्षण देने और दिसंबर के पहले निकाय चुनाव कराने की बात माननी पड़ी।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं मानने नीतीश के बयानवीर कहां गए
वहीं विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने नगर निकाय चुनाव को लेकर हाईकोर्ट में राज्य सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पूरा करने का भरोसा देने पर कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के वे लोग कहां गए, जो बोल रहे थे कि नगर निकाय चुनाव में आयोग नहीं बनेगा। नीतीश कुमार का एक बार फिर से पलटी मारना यह साबित करता है कि वह कभी भी किस को पलटी मार कर धोखा दे सकते हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का अहंकार टूटा
विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता विजय सिन्हा ने कहा है कि नगर निकाय चुनाव को लेकर बुधवार को हाईकोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानने का भरोसा देने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का शायद आज अहंकार कुछ कम हुआ होगा। अगर वे पहले ही देश की सर्वोच्च अदालत का निर्देश मान लिए होते तो आज न उनके सलाहकारों को झूठ नहीं बोलना पड़ता और न ही आज नगर निकाय चुनाव को टालने की नौबत आती। सिन्हा ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय आपकी जदयू नहीं कि जब चाहा सलाहकार हाथ बांधे, जिससे यस सर की भूमिका में रहे। नीतीश कुमार पीएम बनने की महत्वकांक्षा ने आपकी छवि क्या बना दी? कभी सोचिएगा.. आज स्थिति हो गई है कि आप किसी मुद्दे पर पूरा वाक्य नहीं बोल पा रहे हैं।