जिस घटना के बाद उत्तर प्रदेश का मुजफ्फरनगर तथा आसपास के जिले 2013 में सांप्रदायिक दंगों की आग में झुलस उठे थे‚ जिले के कवाल गांव में हुई उसी हिंसा के मामले में विशेष एमपी/एमएलए अदालत का खतौली क्षेत्र से भाजपा विधायक विक्रम सैनी तथा 11 अन्य को दोषी करार देते हुए दो–दो साल की कैद और जुर्माने की सजा सुनाया जाना उप्र में सत्तारूढ़ भाजपा की छवि को नुकसान पहुंचाने वाला साबित हो सकता है। हालांकि सजा के तीन साल से कम की अवधि का होने के कारण सभी को निजी मुचलके पर जमानत दे दी गई। सभी अभियुक्तों को भारतीय दंड़ संहिता की धारा ३३६ (जीवन को खतरा पैदा करने)‚ ३५३ (सरकारी काम में बाधा ड़ालने के लिए आपराधिक हमला)‚ १४७ (दंगा करना)‚ १४८ (घातक शस्त्रों से दंगा फैलाना)‚ १४९ (गैर–कानूनी रूप से भीड़़ जमा करना) तथा आपराधिक विधि संशोधन अधिनियम की धारा सात के तहत दोषी माना गया है। सजा के अलावा सभी पर १०–१० हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। १५ अभियुक्त सुबूतों के अभाव में छोड़़ दिए गए। भाजपा विधायक तथा अन्य दोषियों को २५–२५ हजार रुपये के दो मुचलकों पर रिहा कर दिया गया। हालांकि जमानत मिलने से पहले इन सभी को कई घंटों तक न्यायिक हिरासत में रहना पड़़ा। सैनी तथा २६ अन्य पर मुजफ्फरनगर दंगों की प्रमुख वजह माने जाने वाले कवाल कांड़ में मुकदमा दर्ज किया गया था। कवाल गांव में अगस्त‚ २०१३ में छेड़़खानी के एक मामले में दो समुदायों के तीन युवकों की हत्या कर दी गई थी। इनमें से दो आपस में भाई थे। मारे गए युवकों के अलग अलग समुदाय का होने के कारण इस घटना ने साम्प्रदायिक रूप ले लिया था। दो भाइयों का अंतिम संस्कार करके लौट रही भीड़़ ने हिंसक रुख अख्तियार करते हुए कई मकानों को आग लगा दी थी। इस मामले में सैनी के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की गई थी। कवाल कांड़ के बाद सितम्बर‚ २०१३ में मुजफ्फरनगर और आसपास के कुछ जिलों में साम्प्रदायिक दंगे भड़़क उठे थे‚ जिनमें कम से कम ६० लोग मारे गए थे तथा ४० हजार अन्य लोगों को अपना घर–बार छोड़़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़़ा था। मुजफ्फरनगर दंगों के बाद तब उप्र में सत्तारूढ़ सपा की जमकर किरकिरी हुई थी और भाजपा को खासा राजनीतिक लाभ हुआ था। उसे केंद्र और उत्तर प्रदेश दोनों जगह अपार सफलता मिली थी।
बिहार के वर्तमान गंभीर मुद्दे को अपनी सियासी चाल से बदल पाएंगे पीएम मोदी ?
बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव की सरगर्मी शुरू हो चुकी है। अक्टूबर-नवंबर में होने वाले इस चुनाव में 243...