प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार के बारे में जो कहा उसका आशय यह है कि नीतीश कुमार की उम्र हो गई है अब कुछ भी कह देते हैं। यह खबर टीवी चैनलों पर बहुत लोगों ने देखी। बहुत संभव है कि प्रशांत किशोर कुछ दिनों बाद नीतीश कुमार के साथ ही काम कर रहे हों। नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर में खास फर्क नहीं है। नीतीश कुमार को राजनीति का प्रशांत किशोर कहा जा सकता है कि या प्रशांत किशोर को सलाहबाजी में नीतीश कुमार कहा जा सकता है। प्रशांत किशोर भाजपा के मोदी के साथ शुरू हुए थे‚ फिर एंटी मोदी नेताओं के साथ काम किया। नीतीश कुमार एंटी भाजपा शुरू हुए थे‚ फिर भाजपा के साथ गए‚ अभी फिर एंटी भाजपा नेताओं के साथ हैं। २०२४ में तक कौन कहां होगा‚ कुछ ना पता।
नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर दोनों की बातें सुननी चाहिए फिर सोचना चाहिए कि अगले छह महीनों में दोनों कुछ उलटा भी बोल सकते हैं। इतनी बार पलटियां मारी हैं दोनों ने कि शायद कई बार तो खुद को भी याद ना रहता होगा कि आज हम कहां हैं। नीतीश कुमार कामयाब पलटी एक्सपर्ट हैं‚ लगातार सीएम बने हुए हैं। उद्धव ठाकरे एक पलटी के बाद कुछ वक्त रहे सीएम‚ फिर सीएम की कुरसी से आऊट हो गए। नीतीश कुमार को कोचिंग देनी चाहिए अभी नवोदित पलटी–कलाकारों को।
नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर के परस्पर विरोध को उतनी ही गंभीरता से लेना चाहिए‚ जितनी गंभीरता से कव्वाली और जवाबी कव्वाली को लिया जाता है। या क्या पता दोनों ने ही पहले समझौता कर रखा हो कि एक दूसरे को अंड–बंड बोलेंगे तो हमारी न्यूज के वीडियो को लाइक मिलेंगे। लाइक प्रधान विश्व करि राखा‚ इधर लाइक से इस तरह की प्रेरणा मिल रही है लोगों को कि कुछ का कुछ करने को तैयार हो जाते हैं। एक अत्यंत ही शर्मीली घूंघट धारिणी बहू का एक वायरल वीडियो देखा‚ जिसमें वह बारिश में भीगती हुई शरीर को उस तरह से हिला रही थीं‚ जिस तरह से एक जमाने में हिंदी फिल्मों में कैबरे डांसर हिलाया करती थीं। घूंघटधारिणी बहू कैबरे डांसर हो सकती हैं‚ लाइक की चाहत में। लाइकबाजी में बहुत कुछ हुए जा रहा है।