RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के खिलाफ लैंड फॉर जॉब मामले में सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। इसमें तत्कालीन रेल मंत्री के साथ पत्नी राबड़ी देवी, उनकी बेटियों, सेंट्रल रेलवे के जीएम, सीपीओ समेत समेत कुल 16 लोगों को आरोपी बनाया गया है।
सीबीआई ने दिल्ली स्थित रोज एवेन्य स्पेशल कोर्ट अतिरिक्त जिला एवं सत्र जज गीतांजलि गोयल के समक्ष इस मामले में शुक्रवार को चार्जशीट दाखिल की। हालांकि जानकारी के मुताबिक जज के छुट्टी पर होने के कारण चार्जशीट पर संज्ञान नहीं लिया जा सका है। सीबीआई के मुताबिक इस पूरे प्रकरण में लालू परिवार ने पटना में 1.25 लाख स्क्वेयर फीट जमीन अधिगृहीत की है। जमीन लेन-देन की यह प्रक्रिया सेल डीड और गिफ्ट डीड के माध्यम से की गई।
औने-पौने दाम में कराई गई जमीन की रजिस्ट्री
चार्जशीट में सीबीआई ने बताया है जांच में सेंट्रल रेलवे के कई अधिकारियों का भी नाम सामने आया है। इसमें जीएम व सीपीओ स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं। सीबीआई ने अपने चार्जशीट में कहा है कि आरोपी जॉब के बदले फर्जी तरीके अपने किसी करीबी रिश्तेदार या संबंधियों के नाम पर जमीन की रजसिट्री करवाई । जमीन की रजिस्ट्री न केवल सर्कल रेट से कम कीमत में कराई गई है बल्कि जमी औने-पौने दाम में अधिकारियों के नाम कर दी गई ।
बिना डॉक्यूमेंट जांचे लोगों को दी गई नौकरियां
चार्जशीट के मुताबिक जमीन के बदले नौकरी पाने वाले कर्मचारियों के डॉक्यूमेंट भी सही नहीं पाए गए हैं। उनके कई कागजात फर्जी हैं। यहां तक की डॉक्युमेंट शामिल उनके टीसी भी गलत तरीके से सर्टिफाइड कराए गए हैं। मिनिस्ट्री में इसी गलत सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी दे दी गई है। इनके सर्टिफिकेट की सत्यता तक नहीं जांची गई।
लालू के करीबी भोला यादव ने खोले कई राज
सीबीआई इस केस की जांच के सिलसिले में कुछ महीने पहले ही एक साथ लालू परिवार व उनके संबंधियों के कई ठिकाने पर रेड की थी। उसमें कई अहम दस्तावेज हाथ लगे थे। इसे के आधार पर लालू यादव के करीबी और रेल मंत्री रहते उनके ओएसडी रहे राजद नेता भोला यादव को गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ में भोला यादव ने सीबीआई को कई अहम दस्तावेज भी दिए हैं।
यहां समझिए क्या है, नौकरी के बदले जमीन कांड
मामला लालू यादव के रेल मंत्री के दौरान का है। रेल मंत्री रहते हुए उन्होंने लोगों को रेलवे में फोर्थ ग्रेड की नौकरी दी। लालू के खिलाफ दर्ज केस में CBI ने आरोप लगाया है कि यूपीए सरकार के दौरान 2004 से 2009 तक रेलवे मंत्री रहने के दौरान लालू प्रसाद यादव ने रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर उनसे रिश्वत के रूप में जमीन के प्लॉट लिए थे।
इस दौरान लालू पर रेलवे के कई जोन में ग्रुप डी पदों पर 12 लोगों की भर्ती के बदले अपने परिवार वालों के नाम पर जमीन के 7 प्लॉट ट्रांसफर करवाकर आर्थिक फायदा लेने का आरोप है। जमीन के ये 7 प्लॉट रेलवे में नौकरी पाने वाले उन 12 लोगों के हैं।
सूत्रों के मुताबिक पटना में तीन सेल डीड राबड़ी देवी के नाम हैं। दो डीड फरवरी 2008 की है, जिसमें 3375-3375 वर्ग फीट के 2 प्लॉट हैं। तीसरी सेल डीड 2015 की है जिसमें 1360 वर्ग फीट का एक प्लॉट है। इसके अलावा पटना में ही 2007 की एक सेल डीड लालू की बेटी मीसा भारती के नाम है जिसमें उन्हें 80,905 वर्गफीट का प्लॉट दिया गया।
हेमा यादव के नाम है गिफ्ट डीड
पटना में ही दो गिफ्ट डीड लालू की बेटी हेमा यादव के नाम है। जिसमें हेमा यादव को 3375 वर्गफीट का प्लॉट दिया गया। दूसरा 3375 वर्ग फीट का प्लॉट 2014 में हेमा यादव को गिफ्ट किया गया। एक डीड एके इन्फोसिस्टम्स नाम की कंपनी के नाम किया गया जिसमें 9527 वर्ग फीट का प्लाट दिया गया । बाद में इस कंपनी की डायरेक्टर राबड़ी देवी बन गईं। गौर करने की बात ये है कि जिन लोगों ने या जिनके परिवार वालों ने लालू के परिवार वालों को ये जमीनें दीं न सबको लालू यादव के मंत्री रहते हुए रेलवे में नौकरी दी गई।
1 लाख स्क्वायर फीट से ज्यादा जमीन हथियाई
CBI के अनुसार इस तरीके से लालू यादव के परिवार ने बिहार में 1 लाख स्क्वायर फीट से ज्यादा जमीन महज 26 लाख रुपए में हासिल कर ली, जबकि उस समय के सर्कल रेट के अनुसार जमीन की कीमत करीब 4.39 करोड़ रुपए थी। खास बात ये है कि लैंड ट्रांसफर के ज्यादातर केस में जमीन मालिक को कैश में भुगतान किया गया।
एप्लीकेशन देने के 3 दिन के अंदर नौकरी दे दी
ED ने जांच में पाया कि कैंडिडेट्स के कुछ आवेदनों में गैर-जरूरी जल्दबाजी दिखाई गई थी और आश्चर्यजनक रूप से संबंधित एप्लीकेशन मिलने की तारीख के 3 दिनों के अंदर ही उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी गई थी। वहीं रेलवे के कई अन्य जोन-वेस्ट-सेंट्रल रेलवे, जबलपुर और वेस्टर्न रेलवे, मुंबई में भी इन लोगों को बिना पूरे पते के ही नियुक्ति दे दी गई थी।