देश में वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सुगबुगाहट अभी से शुरू हो गई है. भाजपा के खिलाफ विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने की कवायद भी प्रारंभ हो गई है. इसी सिलसिले में हाल में ही NDA से नाता तोड़ कर विपक्षी खेमे में जाने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंचे हैं. सीएम नीतीश कुमार सोमवार को दिल्ली पहुंचे. मंगलवार को वह विपक्ष के कई दिग्गज नेताओं से मुलाकात करेंगे. सीएम नीतीश दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से लेकर वामपंथी नेता सीताराम येचुरी, डी राजा तक से मुलाकात करेंगे. समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और शरद पवार के संग भी उनकी बैठक हो सकती है. सीएम नीतीश के विभिन्न नेताओं से मुलाकात का पूरा शेड्यूल सामने आ चुका है.
दिल्ली प्रवास के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए मंगलवार का दिन काफी व्यस्त रहने वाला है. बिहार के सीएम सुबह 11:30 बजे माकपा के महासचिव और वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी से मुलाकात करेंगे. यह मुलाकात माकपा के पार्टी ऑफिस में ही होगी. इसके तकरीबन 1 घंटे बाद वह भाकपा के वरिष्ठ नेता और पार्टी महासचिव डी राजा से दोपहर बाद तकरीबन 12:15 बजे मिलेंगे. बातचीत के एजेंडे के बारे में नहीं बताया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों को एकजुट करने के प्रयास पर विचार-विमर्श होगा. इसी सिलसिले में सीएम नीतीश कुमार शाम को 4 बजे ओमप्रकाश चौटाला से भी मुलाकात करेंगे.
सीएम अरविंद केजरीवाल से भी मिलेंगे नीतीश
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी मुलाकात करेंगे. दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच दोपहर बाद 1:30 बजे मुलाकात होगी. बताया जा रहा है कि इसके अलावा सीएम नीतीश समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार से भी मिल सकते हैं. बता दें कि नीतीश कुमार ने इससे पहले सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारास्वामी से मुलाकात कर विपक्षी एकजुटता के मसले पर बातचीत की थी.
विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश
विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने की कोशिशों के तहत सीएम नीतीश दिल्ली पहुंचे हैं. वह लोकसभा चुनाव से पहले ज्यादा से ज्यादा विपक्षी पार्टियों को एक खेमे में लाने की कवायद में जुटे हैं, ताकि भाजपा के सामने कड़ी चुनौती पेश की जा सके. इसी सिलसिले में वह सोमवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से तकरीबन 50 मिनट तक बातचीत की.