मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार ने बुधवार को विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया। नवगठित महागठबंधन सरकार के विश्वास मत हासिल करने के लिए बुधवार को विधानसभा की आहूत बैठक में नीतीश सरकार के पक्ष में १६० सदस्यों ने वोट किया। वहीं‚ विपक्षी सदस्यों के सदन से बर्हिगमन के कारण सरकार के विपक्ष में एक भी मत नहीं पड़े। इससे पहले बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने सत्तारूढ महागठबंधन द्वारा उनके खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर नाराजगी जताने के बाद सदन में इस्तीफा देने की घोषणा की। नीतीश सरकार को जदयू‚ राजद‚ कांग्रेस‚ हम‚ भाकपा‚ माकपा‚ भाकपा–माले और एक निर्दलीय समेत १६४ सदस्यों का समर्थन प्राप्त है‚ लेकिन‚ बीमार होने के कारण जदयू के विजेंद्र प्रसाद यादव और बीमा भारती तथा अन्य वजह से भाकपा के सूर्यकांत पासवान और हम के प्रफुल्ल मांझी आज सदन में उपस्थित नहीं हो सके।
ऐसे में नीतीश सरकार के पक्ष में १६० सदस्यों ने विश्वास जताया‚ जिसमें एआईएमआईएम के अख्तरुल ईमान भी शामिल हैं। सदन का संचालन विधानसभा उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी ने किया इसलिए वह मतदान में शामिल नहीं हुए। भाजपा के विधायकों ने मुख्यमंत्री के भाषण के दौरान सदन से बहिर्गमन किया। इसके बाद भाजपा ने सदन की कार्यवाही के बहिष्कार की घोषणा की। इस पर उपाध्यक्ष ने कार्यवाही को शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिया‚ लेकिन उन्होंने सदन को सूचित किया कि बृहस्पतिवार को नए विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया जाएगा। नीतीश कुमार ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि आजादी की लडाई में कहां थे। अंत में ये लोग बापू को भी खत्म करेंगे। इन लोगों का काम सिर्फ और सिर्फ समाज में झंझट पैदा करना है। मुख्यमंत्री ने भाजपा के इशारे पर जदयू में विभाजन के प्रयासों की ओर परोक्ष रूप से इशारा किया। उन्होंने २०२४ के लोकसभा चुनावों के लिए एकजुट रहने का आग्रह किया। जदयू नेता ने भाजपा के साथ अपने पुराने जुड़़ाव को भी याद किया और मौजूदा सरकार तथा अटल बिहारी वाजपेयी‚ लालकृष्ण आड़वाणी और मुरली मनोहर जोशी के युग के बीच के अंतर का जिक्र किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार काम कम करती है और प्रचार–प्रसार अधिक करती है। उधर महागठबंधन सरकार के शक्ति परीक्षण के लिए बुलाए गए विधानसभा के विशेष सत्र के शुरू होते ही सिन्हा ने अविश्वास प्रस्ताव पर अपना जवाब देने के बाद अपराह्न दो बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। इससे पहले‚ उन्होंने विधानसभा उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी के बजाय सदन की आगे की कार्रवाई वरिष्ठ सदस्य नरेंद्र नारायण यादव द्वारा संचालित किए जाने की घोषणा करते हुए कहा‚ ‘बहुमत का सम्मान करते हुए मैं अपने पद से इस्तीफा देता हूं।’ हजारी के बजाय नरेंद्र नारायण यादव द्वारा आगे की कार्रवाई संचालित किए जाने की घोषणा का विरोध करते हुए संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने अपनी सीट से उठकर कहा‚ ‘यह नियमों के खिलाफ है। अध्यक्ष की अनुपस्थिति में उपाध्यक्ष कार्यवाही का संचालन करते हैं।’ इस बीच‚ हंगामे के बीच वह जल्दबाजी में सदन से बाहर निकले और भगवा अंगोछा पहने भाजपा के विधायक भी ‘भारत माता की जय’ और ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हुए उनके पीछे बाहर निकल आए।
भाजपा विधान मंडल दल की बैठक में सर्वसम्मति से विजय कुमार सिन्हा को भाजपा विधानमंडल दल का नेता चुना गया। साथ ही सम्राट चौधरी को बिहार विधान परिषद में भाजपा विधान परिषद दल का नेता चुना गया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ड़ॉ. संजय जायसवाल ने विधानसभा के अध्यक्ष से भाजपा विधान मंडल दल के नेता विजय कुमार सिन्हा को बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की मान्यता देने का अनुरोध किया है।
जो अंड–बंड़ बोलेगा केंद्र में उसी को मिलेगी जगहः नीतीश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने भाषण के दौरान बार–बार उठने पर पूर्व मंत्री व भाजपा विधायक नितिन नवीन और हरिभूषण ठाकुर बचौल पर जमकर तीखा प्रहार कया। मुख्यमंत्री ने नितिन नवीन को कहा –‘तुम बैठ जाओ बच्चा हो‚ समझो’ मैं तुम्हारे पिता के साथ कार्य किया हूं। जब तुम्हारे पिता की मौत हुई थी तो उपचुनाव में कितना वोट पड़़ा था। मेरे खिलाफ अंड–बंड़ बोलोगे तो केंद्र में मंत्री बनोगे।
वहीं‚ मुख्यमंत्री ने भाजपा विधायक बचौल ठाकुर को चुप कराते हुए कहा कि आप क्या बोलते रहते हैं‚ वह मुझे मालूम है। आप इधर से उधर करते रहते हैं। जब पूर्व उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद हस्तक्षेप करने लगे तो मुख्यमंत्री ने कहा कि आप लोगों के खिलाफ मैं थोड़े़ हूं। जब मैं महागठबंधन के साथ था तब भी आप आकर मिलते रहते थे। उन्होंने नंदकिशोर यादव की ओर इशारा करते हुए कहा कि पहले तो मुझे कहा गया था कि नंदकिशोर यादव को विधान सभा का अध्यक्ष बनाया जायेगा‚ लेकिन विजय कुमार सिन्हा को विधान सभा अध्यक्ष बनाया गया जिसे भी मैंने स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंड़ल से पुराने सभी सहयोगियों– सुशील कुमार मोदी‚ नंदकिशोर यादव‚ प्रेम कुमार आदि को हटा दिया गया। सभी नये लोगों को मंत्री बनाया गया। पुराने सिर्फ दो लोग ही मंत्री बने। इसके बाद भी मैंने कुछ नहीं कहा। जब साजिश की जाने लगी तो मैंने यह फैसला लिया है। नितिन नवीन को कहा –‘तुम बैठ जाओ बच्चा हो‚ समझो’ भाजपा विधायक बचौल को चुप कराते हुए कहा – आप क्या बोलते रहते हैं‚ वह मुझे मालूम है